काशी तमिल संगमम’ के दूसरे दिन तमिलनाडु के प्रतिनिधियों के पहले जत्थे ने सारनाथ और गंगा घाटों का अवलोकन किया

0

वाराणसी, 21नवंबर। काशी तमिल संगमम में शामिल होने के लिए तमिलनाडु से काशी आए प्रतिनिधियों के पहले जत्थे ने पवित्र नदी गंगा के घाट, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, तथागत घाट और मूलगंधा कुटी विहार सारनाथ और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के विशाल परिसर में स्थित प्रदर्शनी स्थलों का अवलोकन किया। ।

प्रतिनिधि सुबह-सुबह गंगा नदी के तट पर पहुंचे। प्रतिनिधियों ने तेज धूप में सुबह की ठंडक का आनंद लेते हुए हनुमान घाट पर स्नान किया। स्नान के बाद वे बाबा दरबार पहुंचे जहां उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर में ध्यान किया। पवित्र गंगा में स्नान और बाबा का ध्यान उनके लिए अत्यंत संतुष्टिदायक रहा था।

प्रतिनिधियों ने सारनाथ का भी दौरा किया। यह स्थल चार प्रमुख बौद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है। सारनाथ के निकट सराय मोहना में स्थित तथागत घाट का भ्रमण कर वे बहुत प्रसन्न हुए और सांस्कृतिक संध्या का आनंद लिया। उन्होंने भगवान बुद्ध के पहले उपदेश के स्थल पर जाकर हजारों वर्ष पुराने इतिहास और विरासत के बारे में जानकारी प्राप्त की। प्रतिनिधियों ने पुरातात्विक परिसर, ‘मूलगंधा कुटी विहार’ और इसके आसपास के आकर्षणों को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की।

प्रतिनिधियों, जिनमें ज्यादातर तमिलनाडु के विद्यार्थी शामिल थे, ने सुबह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय परिसर और “काशी तमिल संगमम” स्थल पर स्थित विभिन्न प्रदर्शनी स्थलों का भी दौरा किया। उन्होंने दो पवित्र शहरों के समृद्ध सांस्कृतिक और इतिहास के बारे में जानने और ज्ञान इकट्ठा करने में सफलता प्राप्त की।

शिवमय (काशी) और शक्तिमय (तमिलनाडु) ने मिलकर “संगम” को प्रज्ज्वलित किया और इसकी आभा के अन्तरगत पूरी घटना का उत्साह हर पीढ़ी के दिल में उतर गया।

इस कार्यक्रम में अब तक तमिलनाडु के मेहमानों और प्रतिनिधियों की उपस्थिति न केवल ऐतिहासिक “काशी तमिल संगमम” कार्यक्रम में प्रेरणादायक है, बल्कि बड़ी संख्या में स्थानीय काशी निवासियों की उपस्थिति भी उल्लेखनीय थी।

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.