आदि शौर्य कार्यक्रम का समापन, बड़े पैमाने पर उपस्थित 50,000 से अधिक लोगों का विशाल दर्शक वर्ग इस आयोजन का साक्षी बना

जीवंत आदिवासी नृत्य ने स्टेडियम को मंत्रमुग्ध कर दिया और दर्शकों के बीच देशभक्ति की भावना को जागृत किया

0

गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने वाली झांकी का प्रमुखता से प्रदर्शन

‘आदि शौर्य – पर्व पराक्रम का’ आयोजन के माध्यम से देश के लोगों ने आदिवासी संस्कृति और विरासत की झलक को देखा: श्री अर्जुन मुंडा

गणतंत्र दिवस परेड में जनजातीय कार्य मंत्रालय की झांकी भी प्रदर्शित की जाएगी

आदिवासी समुदाय कल भारत पर्व में भाग लेंगे और विशिष्ट आदिवासी संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करेंगे

केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा तथा रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट ने आज नई दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में आदि शौर्य पर्व के समापन दिवस की शोभा बढ़ाई। आयोजन के दूसरे दिन 50,000 से अधिक दर्शकों की भारी भीड़ ने यहां पर उपस्थित होकर इस कार्यक्रम को यादगार बना दिया।

जनजातीय कार्य मंत्रालय ने रक्षा मंत्रालय और भारतीय तटरक्षक बल के साथ समग्र साझेदारी में “आदि शौर्य – पर्व पराक्रम का” आयोजन के दूसरे दिन को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जन्म जयंती (पराक्रम दिवस) को समर्पित किया गया। इस उपलक्ष्य में सशस्त्र बलों के शानदार प्रदर्शन और रंग-बिरंगे परिधानों से सजे आदिवासियों द्वारा प्रस्तुत की गई नृत्य प्रस्तुतियों ने वहां उपस्थित दर्शकों का मन मोह लिया।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001B1VW.jpg
https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002EQTH.jpg

इस अवसर पर श्री अर्जुन मुंडा ने आदि शौर्य उत्सव के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा, “माननीय प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि भारत की स्वतंत्रता एक नए भारत के निर्माण के लिए हमारे नायकों का सपना था, एक ऐसा भारत बनाना जहां पर गरीबों, किसानों, मजदूरों और आदिवासी लोगों सहित सभी को समान अवसर उपलब्ध कराए जाते हों।”

श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार आदिवासियों के कल्याण तथा विकास को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है और इसके अत्यधिक उत्साहजनक परिणाम दर्ज किए गए हैं। नतीजतन, आदिवासी लोग अब जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रमुखता से अपनी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आदि शौर्य इसी कड़ी का हिस्सा हैं, क्योंकि इस समारोह के माध्यम से देश के लोगों ने आदिवासी संस्कृति और विरासत की झलक देखी है।

श्री मुंडा ने कहा कि जनजातीय समुदाय के लोग भारत पर्व में भी भाग लेंगे और अद्वितीय जनजातीय संस्कृति तथा विरासत को प्रदर्शित करेंगे।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image003FMST.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image004UU13.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image005C68C.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image006BQE9.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image007ZPDP.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image008M19M.jpg

आदि शौर्य कार्यक्रम के दूसरे दिन लोगों से शानदार प्रतिक्रिया देखने को मिली और इस आयोजन ने दर्शकों के एक विशाल वर्ग को आकर्षित किया, क्योंकि जनजातीय नृत्य तथा सैन्य संगीतमय प्रस्तुति ने कई प्रदर्शनों के माध्यम से वहां उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। इस उत्सव में सैन्य एवं जनजातीय समुदायों द्वारा देश भर से भारत की विविध जनजातीय संस्कृतियों की सुंदरता को उजागर करने और एक भारत श्रेष्ठ भारत के संदेश को बढ़ावा देने तथा सैन्य प्रस्तुति में सशस्त्र बलों की ताकत का प्रदर्शन करने के लिए ऊर्जा से भरे हुए कई सजीव प्रदर्शन किये गए थे। एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) के छात्रों ने भी अन्य शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों की भारी उपस्थिति के साथ-साथ बड़ी संख्या में इस कार्यक्रम को ऑनलाइन देखा। यह कार्यक्रम आयोजन के पहले दिन ट्विटर पर दूसरे स्थान पर ट्रेंड कर रहा था।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image009DSF7.jpg
https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image010L8ZJ.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image011GFAV.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image012RLWP.jpg
 

मध्य प्रदेश, केरल, अरुणाचल प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड, लद्दाख और अन्य राज्यों के जनजातीय नृत्य मंडलों ने मंत्रमुग्ध कर देने वाले जोशपूर्ण नृत्यों का प्रदर्शन किया। स्टेडियम में उपस्थित दर्शक हिमाचल प्रदेश के गद्दी नाटी, गुजरात के सिद्धि धमाल, लद्दाख के बाल्टी नृत्य शैली, जम्मू और कश्मीर के मंघो नृत्य, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया छाऊ तथा कई अन्य उत्कृष्ट नृत्य विधाओं के साक्षी बने।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image013ZHEG.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image014L04U.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image015NXXX.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image016V4NS.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0177P0S.jpg

26 जनवरी, 2023 को गणतंत्र दिवस परेड में आदिवासी संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करने वाली झांकी भी दिखाई जाएगी।

पद्म श्री और प्रसिद्ध पार्श्व गायक श्री कैलाश खेर ने अपनी मोहक एवं सुरीली आवाज से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

रक्षा मंत्रालय, भारतीय तटरक्षक बल के गणमान्य व्यक्तियों और जनजातीय कार्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस विशेष अवसर की शोभा बढ़ाई।

 

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0184W4V.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image019E48R.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image020WZ3U.jpg

लिंक्स

जनजातीय नृत्यों की पूर्ण सूची के लिए यहां क्लिक करें

Leave A Reply

Your email address will not be published.