वस्त्र क्षेत्र का भविष्य तकनीकी वस्त्र उद्योग के विकास से जुड़ा हुआ है: वस्त्र राज्य मंत्री दर्शना जरदोश
तकनीकी वस्त्रों के बारे में अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी और सम्मेलन का 10वां संस्करण- 'टेक्नोटेक्स-2023' - मुंबई में शुरू हुआ
नई दिल्ली ,23 फरवरी। तकनीकी वस्त्रों के बारे में 10वीं अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी और सम्मेलन, टेक्नोटेक्स 2023: भारतीय तकनीकी वस्त्रों की परिकल्पना @2047′, का उद्घाटन मुंबई के गोरेगांव में बम्बई प्रदर्शनी केंद्र में केंद्रीय वस्त्र राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने किया। टेक्नोटेक्स, केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय और भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) द्वारा आयोजित, एक प्रमुख कार्यक्रम है जिसमें क्रेता-विक्रेता बैठकें, एक अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी और सम्मेलन शामिल हैं। 22 से 24 फरवरी के दौरान आयोजित होने वाला तीन दिवसीय कार्यक्रम वैश्विक तकनीकी वस्त्र मूल्य श्रृंखला के हितधारकों के बीच बातचीत के लिए एक साझा मंच प्रदान करेगा।
केंद्रीय वस्त्र राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने इस अवसर पर ‘भारत में तकनीकी वस्त्र इकोसिस्टम : बाजार अवलोकन, निहित संबंध और विकास के अवसर’ शीर्षक से तकनीकी वस्त्रों पर एक ई-पुस्तक भी लॉन्च की।
केंद्रीय वस्त्र राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और अन्य हितधारकों को संबोधित करते हुए कहा कि वस्त्र क्षेत्र का भविष्य तकनीकी वस्त्र उद्योग के विकास के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है। मंत्री महोदया ने कहा कि जैसे-जैसे वैश्विक तकनीकी वस्त्र उद्योग का विकास जारी है, भारत इसके विस्तार से लाभान्वित होने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि घरेलू खपत और निर्यात दोनों के अगले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ने की आशा है, जिससे यह उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण समय है।
मंत्री महोदया ने बताया कि भारतीय तकनीकी वस्त्र उद्योग उत्पादन और मूल्य के मामले में तेजी से विस्तार कर रहा है, और ऑटोमोटिव, कृषि, होम केयर, निर्माण, एयरोस्पेस, सुरक्षात्मक उपकरण और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों सहित विभिन्न प्रकार के उद्योग इसके उत्पादों से लाभान्वित होते हैं, क्योंकि इन उत्पादों ने अधिक मज़बूती और ताकत के साथ-साथ बेहतर थर्मल व रासायनिक प्रतिरोध जैसे कार्यात्मक गुणों में सुधार किया है। केंद्रीय वस्त्र राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने कहा, “तकनीकी वस्त्रों का अंतिम उपयोग विभिन्न प्रकार के उद्योगों को पूरा करता है, जिससे यह भारत में एक उच्च मूल्य वाला क्षेत्र बन जाता है।”
केंद्रीय वस्त्र राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने आगे बताया कि भारत कपड़ा और परिधान का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक है। उन्होंने कहा, “हमने कम मूल्य के कच्चे माल को उच्च मूल्य वाले वस्त्र उद्योगों जैसे रेडीमेड वस्त्र, औद्योगिक और तकनीकी वस्त्रों में स्थानांतरित कर दिया है।”
केंद्रीय वस्त्र राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने यह भी कहा कि सरकार उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना, एचएसएन कोड, नेशनल टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन जैसी पहलों के साथ तकनीकी वस्त्रों को बढ़ावा देने के लिए सभी आवश्यक प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, ”मैन मेड फाइबर फैब्रिक्स एंड अपैरल और टेक्निकल टेक्सटाइल्स के लिए उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) स्कीम में विनिर्माण के लिए 19,798 करोड़ रुपये का निवेश आने की आशा है। उद्योग की प्रतिक्रिया बहुत उत्साहजनक रही है।”
मंत्री महोदया ने आगे कहा कि भारत की जी-20 की अध्यक्षता हमारे वस्त्र, परिधान और व्यापारिक उद्योग को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। केंद्रीय वस्त्र राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने याद दिलाया कि पीएम गति शक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान अनिवार्य रूप से एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो राजमार्ग, रेलवे, सिंचाई, बिजली, नवीकरणीय ऊर्जा, सिंचाई, स्वास्थ्य देखभाल आदि जैसी बुनियादी ढांचा कनेक्टिविटी परियोजनाओं की एकीकृत योजना और समन्वित कार्यान्वयन के लिए रेलवे व रोडवेज सहित 16 मंत्रालयों को एक साथ लाएगा। उन्होंने कहा कि पीएम गति शक्ति तकनीकी वस्त्रों के व्यापक उपयोग के लिए महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है।
मंत्री महोदय ने राष्ट्रीय टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन का भी उल्लेख किया, जिसका परिव्यय 1,480 करोड़ रुपये है। एनटीटीएम के प्रमुख स्तंभों में ‘रिसर्च इनोवेशन एंड डेवलपमेंट’, ‘प्रमोशन एंड मार्केट डेवलपमेंट’, ‘एजुकेशन, ट्रेनिंग एंड स्किलिंग’ और ‘एक्सपोर्ट प्रमोशन’ शामिल हैं। “मिशन का फोकस रणनीतिक क्षेत्रों सहित देश के विभिन्न प्रमुख मिशनों और कार्यक्रमों में टेक्निकल टेक्सटाइल के उपयोग को विकसित करने पर है।”
वस्त्र मंत्रालय द्वारा नॉलेज इको-सिस्टम विकसित करने और टेक्निकल टेक्सटाइल को बढ़ावा देने के लिए नए दिशा-निर्देश अधिसूचित
मंत्री महोदय ने बताया कि वस्त्र मंत्रालय ने हाल ही में टेक्निकल टेक्सटाइल में मशीनरी और उपकरणों के स्वदेशी विकास के लिए दिशानिर्देशों को अधिसूचित किया है। इसका उद्देश्य वस्त्र उद्योग की विविध आवश्यकताओं को पूरा करना तथा डिजाइन, इंजीनियरिंग, फैब्रिकेशन तथा प्रोटोटाइपिंग में स्थानीय कौशल का दोहन करके देश को आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
मंत्री महोदय ने यह भी बताया कि पात्र निजी/सार्वजनिक संस्थानों के संबंधित विभागों/विशेषज्ञताओं के दूसरे/तीसरे/चौथे वर्ष में बी.टेक विद्यार्थियों को इंटर्नशिप प्रदान करने के लिए सूचीबद्ध कंपनियों को प्रति छात्र प्रति माह 20,000 रुपये तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा। कार्यान्वयन दो चरणों में किया जाएगा, (i) पात्र कंपनियों का पैनल, (ii) इंटर्नशिप कार्यक्रम, इंटर्नशिप अवधि के लिए दो महीने के वित्त पोषण समर्थन की अधिकतम अवधि के अधीन। पात्र एजेंसियां 10 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाले वस्त्र उद्योग, मंत्रालय के अंतर्गत वस्त्र अनुसंधान संघ तथा वस्त्र मशीनरी मैन्युफैक्चर्स होंगे। पैनल में शामिल उद्योग/संस्थान सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित संस्थानों में संबंधित विषय के इंजीनियरिंग संस्थानों को तथा 200 तक एनआईआरएफ रैंकिंग वाले निजी संस्थानों को प्रशिक्षण दे सकते हैं। यह कदम टेक्निकल टेक्सटाइल के मैन्युफैक्चरिंग और एप्लिकेशन क्षेत्र दोनों के लिए उद्योग-प्रशिक्षित इंजीनियरों और पेशेवरों तथा अत्यधिक कुशल श्रमिकों को तैयार करने में मदद करेगा़ जबकि टेक्निकल टेक्सटाइल के क्षेत्र में शिक्षा-उद्योग के संबंधों को भी बढ़ावा देगा।
मंत्री महोदय ने बताया कि टेक्निकल टेक्सटाइल में निजी और सार्वजनिक शैक्षणिक संस्थानों को सक्षम बनाने के लिए दिशा-निर्देशों से नया टेक्निकल टेक्सटाइल डिग्री कार्यक्रम (यूजी और पीजी) तथा टेक्निकल टेक्सटाइल पर नए पेपर्स के साथ वर्तमान पारंपरिक डिग्री कार्यक्रमों को अद्यतन बनाया जा सकेगा। मंत्रालय का इरादा न केवल वस्त्र क्षेत्र में बल्कि सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि, कृषि संस्थानों, मेडिकल कॉलेजों, फैशन संस्थानों जैसे इंजीनियरिंग के अन्य विषयों में इको-सिस्टम विकसित करना है। इसमें स्नातक (यूजी) और स्नातकोत्तर (पीजी) डिग्री कार्यक्रमों के संबंध में प्रयोगशाला उपकरणों के उन्नयन/वृद्धि, प्रयोगशाला कर्मियों के प्रशिक्षण और विश्वविद्यालय/संस्थान में संबंधित विभाग/विशेषज्ञता के फैकल्टी सदस्यों के विशेष प्रशिक्षण के लिए वित्त पोषण को शामिल किया जाएगा।
टेक्नोटेक्स-2023 के बारे में मंत्री महोदय ने कहा कि यह भारत को एक अग्रणी टेक्निकल टेक्सटाइल उत्पादन केंद्र में बदलने के लिए दृढ़ प्रयास का प्रतिनिधित्व करता है।
केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय के संयुक्त सचिव राजीव सक्सेना ने कहा कि टेक्निकल टेक्सटाइल स्टार्टअप्स के लिए एक योजना तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की कमियों को दूर करने के लिए राष्ट्रीय टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन शुरू किया गया है। मिशन का एक घटक अनुसंधान एवं विकास पर है और यह योजना उद्योग तथा अनुसंधान संस्थानों के लिए खुली है। वस्त्र मंत्रालय इस मिशन के माध्यम से अच्छे प्रस्ताव आमंत्रित करता है, ताकि भारत में अच्छी टेक्निकल टेक्सटाइल मशीनरी बनाई जा सके। उन्होंने कहा कि वस्त्र मंत्रालय बाजार को बढ़ाने और टेक्निकल टेक्सटाइल के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अन्य मंत्रालयों के साथ काम कर रहा है।
फिक्की टेक्नोटेक्स एसएमई की आयोजन समिति के अध्यक्ष और संरक्षक मोहन कावरी ने कहा कि उद्योग एक स्थायी और नवाचारी इको-सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए सरकार के साथ काम करेगा, जो इस उद्योग के विकास का समर्थन करता है।
फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के सदस्य आर. डी. उदेशी ने कहा कि भारतीय उद्योग के लिए टेक्निकल टेक्सटाइल के अपेक्षित वैश्विक विकास में भाग लेने तथा वैश्विक बाजार में प्रमुख आपूर्तिकर्ता बनने का शानदार अवसर है।
तीन दिवसीय प्रदर्शनी सह सम्मेलन सह क्रेता-विक्रेता बैठक 2047 में भारतीय टेक्निकल टेक्सटाइल की परिकल्पना करना चाहती है। यह टेक्निकल टेक्सटाइल क्षेत्र में भारत और विदेशी देशों के बीच व्यापार और निवेश की अपार संभावनाओं का उदाहरण है। यह टेक्निकल टेक्सटाइल उद्योग के विभिन्न वर्गों के प्रतिभागियों, आगंतुकों तथा अन्य प्रमुख निर्णय निर्माताओं को पूल करता है, जिसका उद्देश्य अधिक समावेशी समाधान प्रदान करना, व्यवसाय के नए अवसरों की पहचान करना तथा विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाना है।