केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एबी-हेल्थ और स्वास्थ्य केंद्रों में टेली-परामर्श सेवाओं के संचालन की स्थिति की समीक्षा करने और ईसीआरपी कोष के त्वरित उपयोग के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ जुड़ा हुआ है

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राज्यों ने 31 मार्च, 2022 तक टेली-परामर्श सेवाओं से लैस 1.10 लाख एबी-एचडब्ल्यूसी के संचालन में तेजी लाने का आग्रह किया

ईसीआरपी द्वितीय के तहत परियोजनाओं को पूरा करने में राज्य तेजी लाएंगे

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण ने आज (17/02/2022) सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से बैठक की अध्यक्षता की। इसमें आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एचडब्ल्यूसी), टेली-परामर्श सेवाओं और ईसीआरपी-द्वितीय और प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना (पीएम-एबीएचआईएम) के तहत की गई वास्तविक और वित्तीय प्रगति की परिचालन स्थिति की समीक्षा की गई।

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इस बात पर प्रकाश डाला गया कि भारत सरकार देश भर में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा वितरण के विस्तार के लिए समर्पित है। राज्यों को एबी-एचडब्ल्यूसी के कार्यान्वयन की स्थिति, टेली-परामर्श केंद्रों के रूप में उनके संचालन और ईसीआरपी द्वितीय पैकेज के तहत परियोजनाओं के कार्यान्वयन की स्थिति पर विस्तृत प्रस्तुति के माध्यम से सूचित किया गया।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि आयुष्मान भारत के तहत व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल (सीपीएचसी) सुनिश्चित करने के लिए उप स्वास्थ्य केंद्रों (एसएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) को स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एचडब्ल्यूसी) के रूप में मजबूत किया जा रहा है। एचडब्ल्यूसी प्रजनन और बाल स्वास्थ्य सेवाओं, संचारी रोगों, गैर-संचारी रोगों, प्रशामक (रोग के लक्षण कम करने वाला) देखभाल और बुजुर्गों की सेवा, मुख संबंधी स्वास्थ्य, ईएनटी देखभाल और बुनियादी आपातकाल देखभाल सहित सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए निवारक, प्रोत्साहन, पुनर्वास और उपचारात्मक सेवा प्रदान करने में महत्वपूर्ण हैं। मध्य स्तरीय स्वास्थ्य देखभाल करने वाले (एमएलएचपी)/सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) जैसे प्रशिक्षित अधिकारियों को एचडब्ल्यूसी-एसएचसी में और चिकित्सा अधिकारी को पीएचसी (ग्रामीण/शहरी) में रखा जा रहा है। वे अपने संबंधित स्वास्थ्य केंद्रों पर इन सेवाओं को पहुंचाने की सुविधा प्रदान करेंगे। एचडब्ल्यूसी देखभाल और टेली-हेल्थ/रेफरल की निरंतरता को बढ़ाने में भी काफी महत्वपूर्ण होंगे।

राज्यों को सलाह दी गई कि वे विशिष्ट रूप से निर्मित और केंद्रित रणनीति के माध्यम से 31 मार्च, 2022 तक 1.10 लाख एचडब्ल्यूसी के लक्ष्य का संचालन सुनिश्चित करें। इसका वास्तविक अर्थ यह है कि ये एचडब्ल्यूसी पूरी तरह कार्यात्मक और मुफ्त दवाएं, मुफ्त निदान देने के लिए सुसज्जित होना चाहिए और योग व स्वस्थ जीवन सत्रों सहित सभी निर्धारित स्वास्थ्य पैकेज प्रदान करना चाहिए।

उन्हें यह सुनिश्चित करने की भी सलाह दी गई कि सभी 1.10 लाख एबी-एचडब्ल्यूसी प्रभावी और जीवंत टेली-परामर्श “बोलने (स्पोक)” के रूप में कार्य करने के लिए पर्याप्त रूप से सुसज्जित हैं। इसमें इंटरनेट कनेक्टिविटी, डेस्कटॉप/लैपटॉप और सीएचओ सहित आवश्यक प्रशिक्षित और कुशल कर्मियों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। राज्यों को यह सुनिश्चित करने की भी आवश्यकता है कि सभी एचडब्ल्यूसी को “केंद्र (हब)” पर मानचित्रित किया गया है जो जिला अस्पताल या जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल हो सकता है। इस तरह के प्रत्येक स्पोक के लिए राज्यों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आज से शुरू होने वाले आधार न्यूनतम टेली-कंसल्टेशन सत्र आयोजित किए जाएं।

देश भर में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए ईसीआरपी द्वितीय पैकेज के तहत जारी धन के उपयोग में तेजी लाने के लिए राज्यों को सलाह दोहराते हुए (चूंकि निधि 31 मार्च, 2022 को समाप्त हो जाएगी), राज्यों को फिर से ईसीआरपी द्वितीय के तहत परियोजनाओं को पूरा करने में तेजी लाने के लिए याद दिलाया गया, ताकि बाद में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा धनराशि की अगली किस्त जारी की जा सके। उन्हें यह भी बताया गया कि चुनाव आयोग से आवश्यक छूट ले ली गई है और धन के उपयोग को लेकर चुनाव वाले राज्यों को औपचारिक रूप से सूचित किया गया है।

इसके अतिरिक्त राज्यों को यह भी सलाह दी गई कि वे ईसीआरपी द्वितीय पैकेज के कुछ घटकों के तहत राज्य स्वास्थ्य समितियों के उचित अनुमोदन के साथ बचत का उपयोग उचित और स्वीकार्य कार्य के लिए कर सकते हैं, बजाय इसके कि वे फिर से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का अनुमोदन प्राप्त करें।

राज्यों से अनुरोध किया गया कि वे प्रस्तावों में तेजी लाएं और पीएम-एबीएचआईएम के तहत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को एमओयू भेजें, ताकि मंत्रालय राज्यों के लिए राशि जारी कर सके। राज्यों को इसके तहत हुई प्रगति की भी समीक्षा करने की सलाह दी गई।

वर्चुअल रूप से आयोजित समीक्षा बैठक में श्री विकास शील, एएस और एमडी, श्री विशाल चौहान, संयुक्त सचिव, श्री लव अग्रवाल, संयुक्त सचिव और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, एनएचएम मिशन के निदेशक व राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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