राज्य सरकार को भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए, हमारे पास अब भी 6 महीने हैं : सचिन पायलट

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नई दिल्ली, 15मई।कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की जन संघर्ष यात्रा का आज आखिरी दिन है. इस बीच सचिन पायलट ने एक बार फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ हल्ला बोला है. उन्होंने कहा, राज्य सरकार सरकार को भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा, अब भी हमारे पास 6 महीने का समय है. पूर्व मुख्यमंत्री का इशारा था कि विधानसभा चुनाव में अभी 6 महीने बचे हैं और सरकार को पूर्व की वसुंधरा राजे सरकार के दौरान हुए ‘कथित’ भ्रष्टाचार के मामलों में कठोर कार्रवाई करनी चाहिए.

चुनाव से पहले राजस्थान में कांग्रेस की एकता के प्रश्न सचिन पायलट ने कहा, मैंने किसी के ऊपर आरोप नहीं लगाए हैं. उन्होंने कहा, मेरी किसी से किसी तरह की व्यक्तिगत लड़ाई भी नहीं है. गौरतलब है कि सचिन पायलट लंबे समय से राज्य की अशोक गहलोत सरकार पर पूर्व की वसुंधरा राजे सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों पर कार्रवाई करने का दबाव बना रहे हैं.

सचिन पायलट ने इससे पहले रविवार को कहा कि भ्रष्टाचार और पेपर लीक समेत जिन मुद्दों पर उन्होंने अपनी ‘जन संघर्ष यात्रा’ शुरू की उन्हें जनता ने स्वीकार किया है कांग्रेस नेता सचिन पायलट की अजमेर से शुरू हुई पांच दिवसीय यात्रा के चौथे दिन रविवार को जयपुर जिले के महला कस्बे से महापुरा तक लगभग 25 किमी की दूरी तय की. अजमेर-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर महापुरा में एक बस की छत से अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए पायलट ने कहा कि यात्रा सोमवार को जयपुर पहुंचेगी.

उन्होंने कहा ‘भ्रष्टाचार, पेपर लीक, नौजवानों के भविष्य, स्वच्छ राजनीति समेत जिन मुद्दों को लेकर यह जन संघर्ष यात्रा शुरू की, उन तमाम बातों को जनता ने स्वीकार किया है.’ पायलट ने कहा ‘यह एक व्यक्ति की बात नहीं… जिन मुद्दों को हमने उठाया है, उन मुद्दों के साथ जनता खड़ी है.’

पायलट ने अपने समर्थकों का आभार व्यक्त किया और जयपुर में कमला नेहरू नगर के पास अपनी यात्रा के पांचवें और अंतिम दिन आयोजित होने वाली अपनी सार्वजनिक रैली में लोगों को आमंत्रित किया. पायलट ने भ्रष्टाचार और सरकारी भर्ती परीक्षा के पर्चा लीक होने के मुद्दे पर गुरुवार को अपनी यात्रा अजमेर से शुरू की थी. पायलट के एक सहयोगी ने बताया कि ‘यात्रा को लोगों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है. चाहे युवा हों या बुजुर्ग, सभी पदयात्रा में शामिल हो रहे हैं.’

यात्रा को राजस्थान में इस चुनावी साल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है. राज्य में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं और कांग्रेस दोबारा सत्ता में लौटने की उम्मीद कर रही है.

गहलोत द्वारा 2020 में बगावत में शामिल विधायकों पर भाजपा से पैसे लेने का आरोप लगाने के कुछ दिनों बाद यह यात्रा निकाली जा रही है. पायलट और 18 अन्य कांग्रेस विधायकों ने उस समय राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन की मांग की थी.

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