तमिलनाडु पहुँचा सीएम योगी के जीवन पर लिखा ग्राफिक उपन्यास “अजय टू योगी आदित्यनाथ”

योगी आदित्यनाथ पर लिखे ग्राफिक उपन्यास ने तमिलनाडु में मचाई धूम

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चेन्नई, 29जून। बेस्ट-सेलर ग्राफिक उपन्यास”अजय टू योगी आदित्यनाथ”,उत्तर प्रदेश से लम्बा सफ़र तय करके तमिलनाडु पहुँचा। मंगलवार को लेखक शान्तनु गुप्ता ने चेन्नई के चिनमया हेरिटिज सेंटर में 8०० से भी ज़्यादा बच्चों के साथ, एस गुरुमूर्ति, शहज़ाद पूनावाला व स्वामी मितरानंद की उपस्थिति में एक भव्य कार्यक्रम में इस पुस्तक को लॉंच किया।

प्रसिद्ध लेखक, शांतनु गुप्ता, जिन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर दो बेस्टसेलर शीर्षक लिखे हैं, ने युवा पाठकों के लिए अपना नया ग्राफिक उपन्यास – “अजय टू योगी आदित्यनाथ” मंगलवार को तमिलनाडु में लॉन्च किया।

जून के पहले हाई हफ़्ते में योगी आदित्यनाथ के 51वें जन्मदिन यानी 5 जून को उत्तर प्रदेश के 51+ स्कूलों में इस ग्राफिक उपन्यास लॉन्च किया गया था । लेखक स्वयं लखनऊ के एकस्कूलमें सैकड़ों बच्चों सहितउपस्थित थे। साथ ही इस रिकॉर्ड लॉन्च में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के 51+ स्कूलों में 5१00 से अधिक बच्चों ने किताब लॉन्च की थी । यह पहली बार था कि एक किताब को कई स्थानों पर एक साथ इतने प्रतिभागियों के साथ लॉन्च किया गया, और वो भी बच्चों ने । इस व्यापक लॉन्च ने “एशिया बुक ओफ रिकॉर्ड्स क़ायम किया।

शांतनु ने बताया कि ‘अजय से योगी आदित्यनाथ तक’, उत्तराखंड के सुदूर गाँव में पैदा हुए एक युवा लड़के अजय सिंह बिष्ट की यात्रा है। उनके पिता आनंद सिंह बिष्ट एक जूनियर वन अधिकारी थे और माता सावित्री देवी एक गृहिणी थीं। अजय को बचपन से ही परिवार की गायों की देखभाल करने, स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियाँ सुनने और स्कूल की बहस में भाग लेने का शौक था। वे सभी आज के उत्तराखंड में पंचूर नाम के एक सुदूर गाँव में डेढ़ कमरे के घर में रहते थे। यहीं से आगे चलकर अजय गोरखनाथ मठ के महंत बने, भारत की संसद के सबसे कम उम्र के सदस्य और भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। लेखक ने आगे कहा कि ‘अजय टू योगी आदित्यनाथ’ हर छात्र के अनुसरण करने और प्रेरणा लेने के लिए धैर्य, दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत की कहानी है।

 

लेखक ने बताया कि वह इस कहानी को उन प्रेरक क़िस्सों व उपाख्यानों के माध्यम से बता रहा हैं, जिन्हें उन्होंने अलग-अलग लोगों के साथ अपनी बातचीत के दौरान सुना और आलेखित किया। ये वो लोग हैं जो योगी आदित्यनाथ के जीवन का वर्षों तक हिस्सा रहे। इनमे, उनके पिता स्वर्गीय आनंद सिंह बिष्ट, उनकी मां सावित्री देवी, पंचूर गांव के उनके दोस्त, कोटद्वार और ऋषिकेश में उनके कॉलेज के सहपाठी और शिक्षक और उनके साथ के विभिन्न साथी संत और नेता शामिल हैं। लेखक ने कहा की मैं उन सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने योगी आदित्यनाथ की जीवन-कथा को आप सभी के सामने लाने में मुझे सक्षम बनाया।

साहित्य प्रेमियों के लिए, शांतनु ने विस्तृत साहित्यिक और कलात्मक यात्रा के बारे में बताया, जिससे ग्राफिक उपन्यास पिछले एक साल में गुजरा है। पहले लेखक ने अपने प्राथमिक शोध के आधार पर सभी पृष्ठों की स्टोरीबोर्डिंग की। संवादों के साथ-साथ उन्होंने कलाकारों को संभावित रूपरेखा का सुझाव दिया। वहां से कलाकारों और डिजाइनरों की टीम – नितेश कुशवाहा, आकाश जायसवाल और पल्लवी सक्सेना ने काम संभाला। पहले कलाकारों ने पृष्ठ लेआउट के अनुमान के लिए थंबनेलिंग की, फिर उन्होंने सावधानीपूर्वक पेंसिल कला का काम किया, फिर उन्होंने इसे बाउंड्री दी, पैनलिंग की, संवाद जोड़े और फिर रंग। टीम के सदस्यों के बीच प्रत्येक पैनल, प्रत्येक पृष्ठ और प्रत्येक संवाद के लिए विस्तृत समीक्षा और फीडबैक लूप चलाए पुस्तक को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए पुस्तक के अंत में योगी आदित्यनाथ पर कई पहेलियाँ और खेल भी हैं। पुस्तक में क्यूआर कोड पाठकों को एक वेबसाइट पर ले जाएगा, जहां युवा पाठक योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश के बारे में अधिक जानने के लिए 100+ गेम और पहेलियां खेल सकते हैं।

चेन्नई लॉन्च पर तुगलक के संपादक एस गुरुमूर्ति ने कहा कि यह पहली बार है कि वह एक जीवित राजनेता की पुस्तक लॉन्च के लिए अपवाद बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने यह अपवाद चार कारणों से किया है – पहला यह कि यह योगी आदित्यनाथ पर एक किताब है, जिन्होंने उत्तर प्रदेश पर नकारात्मक धारणा को एक परिवर्तनकारी विकास कहानी में बदल दिया। दूसरा, वह शहजाद पूनावाला जैसे युवा राजनीतिक नेताओं से मिलना चाहते हैं, तीसरा – शांतनु के निमंत्रण को ना कहना बहुत मुश्किल है, जिनके बच्चों को घर पर स्कूली शिक्षा देने के विचार ने उन्हें वास्तव में प्रभावित किया और आखिरकार, क्योंकि यह कार्यक्रम चिन्मय मिशन और स्वामी मित्रानंद का केआशीर्वाद से हो रहा है।

इस भव्य लॉन्च के लिए शहर में मौजूद भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने छात्रों को संबोधित किया कहा कि यह पुस्तक और योगी आदित्यनाथ का जीवन हम सभी को चरित्र निर्माण की कला सिखाता है। शहजाद ने उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ द्वारा लाए गए बुनियादी ढांचे और शासन परिवर्तन के बारे में भी बात की। पूनावाला ने बच्चों का ध्यान इस ओर भी दिलाया कि योगी आदित्यनाथ कितने बड़े पशु और प्रकृति प्रेमी हैं।

चिन्मय मिशन के स्वामी मित्रानंद ने छात्रों का आह्वान किया और उन्हें ग्राफिक उपन्यास के पृष्ठ संख्या 5 की ओर इशारा किया, जिसमें दिखाया गया है कि कैसे योगी आदित्यनाथ को एक कमरे के घर में सात भाई-बहनों के साथ पले और अपनी कड़ी मेहनत, दिव्यता और समर्पण से आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।

शांतनु ने योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश पर क्विज का आयोजन किया और सैकड़ों बच्चों से सीधे जुड़े | शान्तनु अपनी किताबों को सभी भारतीय भाषाओं में लाने के लिए विख्यात हैं और इसी श्रिखला में उन्होंने इस ग्राफ़िक नोवेल के तमिल कवर का भी अनावरण किया। उत्तर प्रदेश से हाई आए स्पीड आर्टिस्ट अमित वर्मा ने कुछ हाई मिनटो में योगी आदित्यनाथ का एक भव्य चित्र बनाकर बच्चों का माँ मोह लिया। सोशल मीडिया पर भी तमिलनाडु लॉंच को लेकर भारी उत्साह दिखा – पूरे भारत में ट्विटर पर कई घंटो तक #YogiBookRocksChennaiट्रेंड होता रहा।

पूर्व में शांतनु गुप्ता ने योगी आदित्यनाथ पर दो बेस्टसेलिंग टाइटल लिखे हैं- द मोंक हू बिकेम चीफ मिनिस्टर और द मॉन्क हू ट्रांसफॉर्मेड उत्तर प्रदेश। और अब उन्होंने विशेष रूप से बच्चों के लिए यूपी के मुख्यमंत्री पर एक प्रेरणादायक ग्राफिक उपन्यास लिखा है- ‘अजय टू योगी आदित्यनाथ’। कार्यक्रम की पूर्व संध्या में शान्तनु गुप्ता, ने सुप्रीम कोर्ट में रामजन्मभूमि के वरिष्ट वक़ील के. पारासरन को पुस्तक भेंट करके आशीर्वाद लिया। शाम को उन्होंने चेन्नई के प्रसिद्ध बुक स्टोर – हिग्गीन-बोथिम में अपनी पुस्तकें पर हस्ताक्षर किए और नन्हें पाठकों से सामवाद साधा। किताब पहले से ही अमेज़न पर बेस्टसेलर सूची में रैंकिंग कर रही है।

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