गुजरात के गांधीनगर में जी-20 एम्पॉवर शिखर सम्मेलन का हुआ उद्घाटन

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नई दिल्ली, 2अगस्त। जी-20 एम्पॉवर शिखर सम्मेलन का उद्घाटन गुजरात के गांधीनगर में हुआ। इससे पहले 11 और 12 फरवरी 2023 को आगरा, उत्तर प्रदेश में आरंभिक बैठक और 05 और 06 अप्रैल 2023 को तिरुवनंतपुरम, केरल में दूसरी बैठक आयोजित की गई थी। भारत की जी-20 की अध्यक्षता में, महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास जीवन-श्रृंखला दृष्टिकोण के आधार पर एक महत्वपूर्ण फोकस क्षेत्र के रूप में उभरकर सामने आया है, जो महिला सशक्तिकरण के माध्यम से होने वाले परिवर्तन को दर्शाता है।

इस शिखर सम्मेलन में 300 से ज्यादा प्रतिभागियों (263 घरेलू प्रतिभागियों और 70 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों) ने हिस्सा लिया। अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों में 13 जी-20 देशों से, 04 अतिथि देशों से और 08 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इनमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, फ्रांस, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, कोरिया, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, अमेरिका, बांग्लादेश, नीदरलैंड, स्पेन, संयुक्त अरब अमीरात, डब्ल्यूटीओ, आईएसए, संयुक्त राष्ट्र महिला, संयुक्त राष्ट्र, यूनिसेफ, आईएलओ, विश्व बैंक और एडीबी के प्रतिनिधि शामिल हैं।

एम्पॉवर शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को केंद्रीय महिला एवं बाल विकास और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री, स्मृति जुबिन ईरानी; गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल; महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री, डॉ मुंजपारा महेंद्रभाई; नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, बी.वी.आर सुब्रमण्यम; महिला एवं बाल विकास सचिव, इंदीवर पांडे; जी-20 एम्पॉवर की अध्यक्ष डॉ. संगीता रेड्डी; चीफ ऑफ स्टाफ, कार्यकारी निदेशक कार्यालय, संयुक्त राष्ट्र महिला, मोहम्मद नसीरी और फिक्की के अध्यक्ष शुभ्रकांत पांडा ने संबोधित किया।

शिखर सम्मेलन में भारत की अध्यक्षता के अंतर्गत जी-20 एम्पॉवर के सभी तीन विषयों – शिक्षा: महिला सशक्तिकरण हेतु एक गेम-चेंजिंग मार्ग, महिला उद्यमिता: समानता और अर्थव्यवस्था के लिए एक फायदे का सौदा, और जमीनी स्तर सहित सभी स्तरों पर महिलाओं के नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए साझेदारी तैयार करने की प्रतिबद्धताओं और सिफारिशों की पहचान करने के साथ-साथ ठोस परिणामों वाली उपलब्धियों को चिह्नित किया गया। इन तीनों की प्राप्ति के लिए डिजिटल समावेशन एक आवश्यक साधन माना जाता है। इस वर्ष में, जी-20 एम्पॉवर ने वर्तमान समय में चल रही कई पहलों को बढ़ावा दिया जबकि नया मजबूत आउटपुट भी विकसित किया।

चीफ ऑफ स्टाफ, कार्यकारी निदेशक कार्यालय, संयुक्त राष्ट्र महिला, मोहम्मद नसीरी ने महिलाओं के नेतृत्व में विकास का दृष्टिकोण अपनाने के लिए भारत की सराहना की। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि महिलाओं के विकास को महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास में परिवर्तित करने से एक अभूतपूर्व बदलाव आता है जो महिलाओं को लाभार्थियों से योगदानकर्ताओं में परिवर्तित करता है। जी-20 के लिए भारत द्वारा घोषित किए गए आदर्श वाक्य ‘एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य’ में उन्होंने ‘एक अवसर’ भी शामिल किया जो यह दर्शाता है कि हमारे पास एक ऐसे भविष्य की ओर लौटने का एक अन्य मौका है जो चिरस्थायी है और इसके लिए लैंगिक समानता बहुत आवश्यक है।

महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री, डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई ने कहा कि आर्थिक विकास में महिलाओं के योगदान को ज्यादा प्रभावी और सशक्त बनाने के लिए डिजिटल लिंग विभाजन में कमी लाना बहुत महत्वपूर्ण है और इसके लिए हमें बुनियादी और उन्नत डिजिटल संसाधनों, शिक्षा, उद्यमिता अवसरों और महिलाओं एवं लड़कियों को नेतृत्व वाली भूमिकाओं तक पहुंच प्रदान करने में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि डिजिटल जेंडर गैप की गतिशीलता को समझने के लिए लिंग-विभाजित डेटा एकत्रित करने की भी तत्काल आवश्यकता है।

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास तथा अल्पसंख्यक कार्य मंत्री, स्मृति जुबिन ईरानी ने आशा व्यक्त किया कि भारत की जी-20 अध्यक्षता के अंतर्गत शिखर सम्मेलन में विकसित और प्रारंभ किए गए डिजिटल समावेशन प्लेटफॉर्म ‘टेकइक्विटी’ शिक्षा के क्षेत्र में दुनिया भर की महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण और उपयोगी साबित होगा, विशेष रूप से ‘स्टीम’ में।

इस मंच को पूरी दुनिया की महिलाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों और संसाधनों के माध्यम से डिजिटल साक्षरता, वित्तीय साक्षरता और तकनीकी क्षेत्रों पर खुद को शिक्षित करने और उन्नत करने में सक्षम बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। जी-20 सदस्यों और अतिथि देशों द्वारा प्रस्तुत किए जा रहे पाठ्यक्रमों के साथ-साथ यह भी परिकल्पना की गई है कि ये पाठ्यक्रम 120 अंतर्राष्ट्रीय और भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होंगे। यह मंच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 10 लाख उपयोगकर्ताओं तक अपनी पहुंच की परिकल्पना करता है।

महिला एवं बाल विकास तथा अल्पसंख्यक कार्ये मंत्री, स्मृति जुबिन ईरानी ने जी-20 एम्पॉवर टीम को उसकी विभिन्न सफलताओं के लिए बधाई देते हुए कहा कि भारत की अध्यक्षता में भारत की एसएचजी क्रांति पर बहुत सफल रूप से ध्यान केंद्रित किया गया है और जमीनी स्तर पर महिलाओं को अभिव्यक्ति प्रदान की है, जिसके कारण 8 मिलियन स्वयं सहायता समूहों में शामिल 80 मिलियन महिलाएं 34 बिलियन डॉलर के मौद्रिक मूल्य का प्रबंधन करती हैं। उन्होंने कहा कि प्लेबुक अब जमीनी स्तर पर महिलाओं के जीवन एवं उपलब्धियों की एक झलक प्रदान करेगी अन्यथा ऐसी कहानियां अनसुनी रह जाती। यह पहली बार है जब केपीआई डैशबोर्ड पर पहली बार लघु एवं मध्यम उद्यमों में शामिल महिलाओं की भूमिका दिखाई देगी।

जी-20 एम्पॉवर की अध्यक्ष, डॉ. संगीता रेड्डी ने कहा कि महिलाओं को वास्तव में सशक्त बनाने के लिए समाज के सभी स्तरों पर नेतृत्व और निर्णय लेने में उनकी भूमिका को पोषित करने की आवश्यकता है।

एम्पॉवर के अंतर्गत आने वाले कार्य समूहों ने महत्वपूर्ण विषयों पर तीन पेपर विकसित किए हैं – कॉर्पोरेट महिला सशक्तिकरण, स्टीम और वित्तीय समावेशन।

महिलाओं की भागीदारी और प्रगति को बढ़ावा देने के लिए, जी-20 एम्पॉवर ने अपनी कंपनियों, क्षेत्रों, नेटवर्क और देशों में जी-20 एम्पॉवर संदेशों को बढ़ावा देने के लिए सीईओ और संगठन प्रमुखों के बीच से पक्षसमर्थकों का चयन किया है। भारत की अध्यक्षता में, पक्षसमर्थकों की संख्या 380 से बढ़कर 544 हो गई है, जिसमें 100 से ज्यादा भारतीय हैं।

जी-20 एम्पॉवर की अध्यक्ष डॉ. संगीता रेड्डी ने यह भी कहा कि एम्पॉवर द्वारा प्रस्तावित उपाय महिला उद्यमियों को अर्थव्यवस्था का सक्षम मजबूत स्तंभ बनाने के लिए है। एम्पॉवर निजी क्षेत्र को न केवल वित्तप्रदाता और माल पहुचानेवाला के रूप में बल्कि विकास के संरक्षक और सक्षमकर्ता के रूप में भी आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता है। एम्पॉवर गठबंधन के परिणामस्वरूप मेंटर और मेंटीज़ को एक साथ लाने के लिए एक मेंटरशिप प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है।

भारत की अध्यक्षता में पहली बार, 09 देशों की 73 प्रेरणादायक कहानियों को जी-20 एम्पॉवर वेबसाइट पर डाला गया है जिससे जी-20 देशों की महिलाओं की सफलता की कहानियों को उजागर किया जा सके और उन देशों की अगली पीढ़ी की लड़कियों और महिलाओं को प्रेरित किया जा सके।

भारत ने अपनी नीतिगत प्रक्रिया में नागरिकों की भागीदारी पर बल दिया है। जी-20 को वास्तव में जनसामान्य का बनाने वाले लक्ष्य के साथ, एक लाख से ज्यादा लोगों तक महिला सशक्तिकरण और अंतर्निहित कार्यों का प्रचार-प्रसार करने के लिए एम्पॉवर के अंतर्गत 51 जन भागीदारी और नागरिक सहभागिता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।

महिला एवं बाल विकास सचिव, इंदीवर पांडे ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक ऐसे नए भारत की परिकल्पना की है, जहां महिलाएं मजबूत, सतत एवं समावेशी विकास को आगे बढ़ाने में समान एवं महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। भारत की अध्यक्षता में, वैश्विक प्रगति की प्रतिबद्धता को निरंतर जारी रखने के लिए एक मजबूत दृढ़ संकल्प देखा गया है, जिसमें महिलाओं को व्यक्ति, ग्रह और समृद्धि के पारस्परिक संबंद्ध स्तंभों में सफलता प्राप्ति का मूलभूत माना गया है।

गुजरात के मुख्यमंत्री, भूपेन्द्र पटेल ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में गुजरात सरकार द्वारा लागू की जा रही विभिन्न योजनाओं और पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने समावेशी एवं सतत विकास की प्राप्ति की दिशा में महिला सशक्तिकरण की केंद्रीयता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने लिंग डिजिटल विभाजन की खाई को पाटने और नई प्रौद्योगिकियों से विकसित रोजगार बाजार में सफल होने के लिए महिलाओं को आवश्यक डिजिटल कौशल के साथ सशक्त बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

कई प्रतिबद्धताओं और पहलों के माध्यम से, जी-20 एम्पॉवर परिणाम, प्रतिबद्धता और सिफारिश के साथ एक ऐसी दुनिया के निर्माण में तेजी लाएगा, जहां महिलाओं के पास आवश्यक कौशल, संसाधनों तक पहुंच, मददगार अवसंरचना और पर्यावरण होगा, साथ ही, महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की दिशा में परिवर्तनकारी बदलाव के लिए मार्गदर्शन भी होगा।

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास तथा अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने उद्घाटन सत्र का समापन अपने प्रेरक शब्दों के साथ किया। उन्होंने कहा कि “अगर आप हिस्सेदारी और समानता के साथ विकास चाहते हैं तो महिलाओं को प्राथमिकता दें; अगर सशक्त भविष्य चाहते हैं तो महिलाओं को प्राथमिकता दें।”

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