ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने नई दिल्ली में ग्रामीण विकास विभाग, भूमि संसाधन विभाग और पंचायती राज मंत्रालय की वार्षिक क्षमता निर्माण योजना का किया शुभारंभ

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नई दिल्ली, 23अगस्त। ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने नई दिल्ली में ग्रामीण विकास विभाग, भूमि संसाधन विभाग और पंचायती राज मंत्रालय की वार्षिक क्षमता निर्माण योजना का शुभारंभ किया। एसीबीपी की शुरुआत करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि यह योजना सेवाओं के वितरण, कार्यक्रम के कार्यान्वयन और शासन के मुख्य कार्यों को करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। साथ ही बेहतर प्रदर्शन के लिए जरूरी दक्षता हासिल करने के लिए अधिकारियों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे मंत्रालय/विभाग जन आधारित उद्देश्यों को प्राप्त कर बेहतर प्रदर्शन कर सके।

प्रधानमंत्री के विजन न्यू इंडिया @2047 को पूरा करने के मकसद से क्षमता निर्माण आयोग ने राष्ट्रीय प्राथमिकताओं, नागरिकों को लोक प्रशासन के केंद्र में रखकर, उभरती तकनीक और 3 स्तंभों- व्यक्तिगत, संगठनात्मक और संस्थागत, के माध्यम से वार्षिक क्षमता निर्माण योजना तैयार करने का तरीका अपनाया है, जिनका इस्तेमाल लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में सकारात्मक योगदान के तौर पर एक मार्गदर्शक के रूप में किया जाता है। सभी विभागों की दक्षता और कार्य नीतियों को सुधारने में एसीबीपी का गहरा प्रभाव पड़ेगा, जिससे पीएम के नए भारत के दृष्टिकोण को हासिल करने में तेजी आएगी।

वार्षिक क्षमता निर्माण योजना (एसीबीपी) एक योजना दस्तावेज है, जिसे मंत्रालय/विभाग/संगठन (एमडीओ) के अधिकारियों की क्षमता में वृद्धि की आवश्यकताओं के आधार पर तैयार किया गया है। इसे क्षमता की आवश्यकता का विश्लेषण (सीएनए), अधिकारियों की जरूरत के हिसाब से क्षमताओं की प्राथमिकता और मंत्रालय के लिए क्षमता के महत्व के जरिए निर्धारित किया जाता है। इसका मकसद यह है कि एमडीओ ने क्षमता निर्माण पर जो संसाधनों का निवेश किया है उसका बेहतर परिणाम मिल सके।

एसीबीपी को लागू करने और उसे कायम रखने के लिए सभी तीनों विभागों में एक क्षमता निर्माण इकाई (सीबीयू) बनाई गई है। एसीबीपी के कार्यान्वयन के लिए विभाग के वेतन मद का 2.5 प्रतिशत खर्च निर्धारित किया जाएगा। दूसरी तिमाही, तीसरी तिमाही और चौथी तिमाही के लिए अधिकारियों की प्रशिक्षण जरूरतों को सीबीयू प्राथमिकता देगा। प्रशिक्षण ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से होगा। सीबीसी ने अधिकारियों को विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए संस्थानों और ज्ञान साझेदारों की पहचान कर ली है। मंत्रालय एसीबीपी के असर का पता लगाने के लिए विभिन्न अधिकारियों और कर्मचारियों को दिए गए प्रशिक्षण के प्रभाव का भी आकलन करेगा।

इस अवसर पर ग्रामीण विकास विभाग, भूमि संसाधन विभाग और पंचायती राज मंत्रालय के सचिव एवं अधिकारी और क्षमता निर्माण आयोग के सदस्य (मानव संसाधन) उपस्थित थे।

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