जनसंवाद कार्यक्रम के नाम पर सरकारी पैसो का दुरूप्रयोग करना सही नही- विधायक नीरज शर्मा

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चंडीगढ़/फरीदाबाद, 22दिसंबर। विधानसभा सत्र में एनआईटी क्षेत्र से कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने अतारांकित प्रश्न संख्या 55 में सरकार से पूछा कि क्या राज्य में संचालित ’’जन-संवाद’’ कार्यक्रमों को सरकार द्वारा आयोजित किया जा रहा है तथा  क्या उस क्षेत्र के स्थानीय विधायक को ’’जन-संवाद’’ कार्यक्रमों के लिए निमंत्रण दिया जा रहा है जहां ’’जन-संवाद’’ कार्यक्रम आयोजित किया जाता है और लेखा शीर्ष का ब्यौरा क्या है जिससे ’’जन-संवाद’’ कार्यक्रमों पर राशि खर्च की जा रही है तथा क्या ’’जन-संवाद’’ कार्यक्रमों पर हुए उक्त खर्च के लिए सरकार द्वारा बजट में प्रावधान किया गया था जिसपर सदन मंे सरकार की तरफ से जवाब देते हुए कहा गया कि जी हाँ, श्रीमान, सरकार द्वारा स्थानीय प्रशासन के माध्यम से ‘जन संवाद कार्यक्रम‘ का आयोजन किया जा रहा है और अब इसे ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा‘ के साथ जोड़कर ‘विकसित भारत जन संवाद संकल्प यात्रा’ बना दिया गया है जिसमें किसी भी गणमान्य व्यक्ति को कोई विशेष लिखित निमंत्रण नहीं भेजा जाता है फिर भी वे इसमे ं भाग ले सकते है ं। यह निर्णय लिया गया है कि आगे से विधायकों को भी सूचित किया जाएगा, ‘जन संवाद कार्यक्रमों‘ के दौरान उठाई गई मांगों और मुद्दों को सरकार के संबंधित विभागों या संबंधित एजेंसियों द्वारा निपटाया जाता है। इन मांगो या मुद्दों का परिक्षण और समाधान समय-समय पर निर्धारित नीति और विकास मापदंडों के तहत किया जाता है। ‘विकसित भारत जन संवाद संकल्प यात्रा‘ पर खर्च का प्रावधान विकास एंव पंचायत विभाग के पत्र क्रमांक वीबीएसवाई/2023/132945-133154 दिनांक 15/12/2023 के द्वारा किया गया है तथा मांगो और मुद्दों का समाधान सरकार के प्रत्येक विभाग या सरकारी संगठनो के पास उपलब्ध बजटीय प्रावधानों के अन्दर होने की उम्मीद है। यदि अतिरिक्त बजटीय प्रावधानों की आवश्यकता है तो उसे सक्षम प्राधिकारी के उचित विनियोग और अनुमोदन के बाद प्रदान किया जा सकता है। सदन मंे मुख्यमंत्री की तरफ से जवाब दे रहे मंत्री कवंर पाल गुर्जर को विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि सरकारी कार्यक्रम में भाजपा के हारे हुए विधायक, कार्यकर्ता की फोटो लगाना कहा उचित है और कार्यक्रम में खर्चे के लिए सरंपचो पर दबाव बनाया जाता है।

शून्य काल में बौले विधायक नीरज शर्मा
सरकार भष्टाचार मिटाने की बात करती है लेकिन अधिकारियों को हर प्रकार से बचाने का प्रयास किया जा रहा है फरीदाबाद नगर निगम के 200 करोड रू धोटाले में जांच सिर्फ कुछ अधिकारियों तक सीमित रह गई है। विधायक नीरज शर्मा ने सदन कागज टेबल करते हुए कहा कि 44 पेमेंट ऐसी है जिसकी जानकारी ही नही है सरकार के पास सरकार को पता ही नही कि पैसा किस अधिकारी ने दिया इसका जवाब कौन देगा।
अधिकारियों तंज करते हुए विधायक नीरज शर्मा बोले कि जो चले हमारी राह वो नोकर शाह क्योकि आज यह स्थिति यह आ गई है कि हम जनता के काम के लिए जिले के उपायुक्तो को फोन करते है तो हमसे कहते है कि आप मुख्यमंत्री की रैली में कितनी बसे लेकर आ रहे है और अगर हम मना कर दे तो और दुबारा किसी व्यक्ति के काम के लिए फोन करते है तो उसपर कहना होता है कि मै तो बनाती ही नही मै तो सिर्फ मुख्यमंत्री जी के कहने पर बनाती हूँ। अगर हम जनप्रतिनिधि किसी काम के लिए फोन करते है तो अधिकारियों की जिम्मेदारी है की हमारी बात को सुने और अगर व्यक्ति का कार्य सही है तो उसको करे और अगर सही नही है तो उसको ना करे लेकिन ऐसा कहना कि मै मुख्यमंत्री के कहने पर करती हूँ यह कैसा जवाब हुआ।
एनआईटी विधानसभा के नाम पर एनसीएपी स्कीम के तहत 53 लाख रू धोटाला कर दिया कि एनआईटी विधानसभा मेे 25 हजार पेड लगाए है जबकि मेरी विधानसभा में ऐसी जगह ही नही है जहंा इतने पेड लग सके और जिस सडक का काम एनसीएपी मै होना था उसका किया नही।
75 प्रतिशत आरक्षण पर एक तरफ हरियाणा में नौकरियों को लेकर सरकार सवौच्च न्यायलय मंे केस लड रही है लेकिन दूसरी तरफ भाजपा के सदस्य ही इसका विरोध करते है।
मेरी विधानसभा के गांवो के विकास कार्य के लिए एक रू भी सरकार द्धारा नही दिया जा रहा जबकि सरकार हर जगह पैसे दे रही है लेकिन मेरी विधानसभा से ही पता नही क्या दिक्कत है।
पत्रकार पेंशन मामले में सरकार ने 14 नवंबर को सरकार का नया नोटिफिकेशन जारी किया है जिसमें बेवजह तीन नियम और जोड़ दिए जिसके कारण पत्रकारो को साथियों को पेंशन से वचिंत किया जा रहा है सरकार उस नोटिफिकेशन को वापिस लिया जांए।

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