रक्षा मंत्री ने जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा किया, नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

सैन्य अभियान का संचालन करते समय पूरी तरह से पेशेवर रुख अपनाने और उचित कार्रवाई करने का आह्वान किया

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अधिक सतर्क रहें, आतंकवाद को कतई बर्दाश्त न करने की नीति होनी चाहिए: श्री राजनाथ सिंह ने सैनिकों से कहा

“सैनिकों का कर्तव्य राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना और लोगों के हृदय में जगह बनाना है”

नई दिल्ली, 28दिसंबर।रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 27 दिसंबर, 2023 को जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा किया और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। रक्षा मंत्री ने मौजूदा स्थिति के साथ-साथ इस इलाके में आतंकवाद रोधी अभियानों का प्रत्यक्ष आकलन किया। उनके साथ थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे और उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी भी उपस्थित थे।

इस मौके पर रक्षा मंत्री को वर्तमान सुरक्षा स्थिति, घुसपैठ रोधी ग्रिड और सैन्य अभियान के संचालन की तैयारियों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। श्री राजनाथ सिंह ने जमीनी स्तर पर कमांडरों के साथ सैन्य कार्रवाई के समय सामने आने वाली चुनौतियों से जुड़े पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने सैन्य अभियान का संचालन करते समय पूरी तरह से पेशेवर रुख को अपनाने और उचित कार्रवाई करने का आह्वान किया।

रक्षा मंत्री ने सैनिकों के साथ बातचीत भी की। उन्होंने हालिया सैन्य मुठभेड़ में जान गंवाने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की और इन बहादुरों सिपाहियों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। श्री सिंह ने घायल जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और इस बात पर बल दिया कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए सभी आवश्यक कदम उठाए जाने आवश्यक हैं।

श्री राजनाथ सिंह ने सैनिकों को आश्वासन दिया कि सरकार सदैव सशस्त्र बलों के साथ खड़ी है और राष्ट्र हमेशा भारत के सैनिकों की अद्वितीय वीरता एवं बलिदान का ऋणी रहेगा। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों के कल्याण को सरकार द्वारा सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा व खुफिया ढांचे को और अधिक सशक्त बनाने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जा रहे हैं।

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय सेना कोई साधारण सेना नहीं है और हमारे सैनिक देश के रक्षक हैं। उन्होंने कहा कि सैनिकों का कर्तव्य राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना और लोगों के हृदय में जगह बनाना है। श्री सिंह ने सैनिकों से पहले से अधिक सतर्क रहने का आह्वान किया, ताकि भविष्य में कोई भी अप्रिय घटना न घटने पाए। उन्होंने दोहराया कि आतंकवाद के प्रति कतई बर्दाश्त न करने की नीति होनी चाहिए।

रक्षा मंत्री ने क्षेत्र में हाल की घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और सभी रैंकों से विशिष्ट प्रौद्योगिकी की सहायता से स्थापित प्रक्रियाओं के अनुसार, विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर सैन्य कार्रवाई करने को कहा। उन्होंने सभी कमांडरों से अच्छी तरह से स्थापित दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के प्रति शून्य सहिष्णुता रखने का आग्रह किया।

श्री राजनाथ सिंह ने पुंछ जिले के बुफलियाज के टोपा पीर गांव के निवासी मृत लोगों के परिवारजनों से भी मुलाकात की। उन्होंने घटना की शीघ्र जांच करा कर न्याय दिलाने का आश्वासन भी दिया।

रक्षा मंत्री ने स्थानीय सुरक्षा माहौल में सुधार की दिशा में दृढ़ता का स्पष्ट संदेश देने में सुरक्षा बलों, नागरिक प्रशासन, जम्मू-कश्मीर पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच उच्च स्तर के तालमेल पर संतोष व्यक्त किया, जो कि केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) में विकास के एक नए युग को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल है। उन्होंने भारत सरकार द्वारा किए गए मुख्यधारा के प्रयासों में शामिल होने के उद्देश्य से स्थानीय लोगों की दृढ़ता एवं योगदान के लिए उनकी सराहना भी की। रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्र की भलाई के लिए विचार प्रक्रिया, समरूपता और सामूहिक संकल्प में एकता होना केंद्र शासित प्रदेश में शांति एवं विकास की साझा आकांक्षाओं की उपलब्धि के लिए सबसे महत्वपूर्ण आधार है।

इससे पहले थल सेनाध्यक्ष ने रक्षा मंत्री की यात्रा से पूर्व 25 दिसंबर, 2023 को इस क्षेत्र का दौरा किया था और भारतीय सेना की सभी रैंकों को हरेक चुनौती के खिलाफ दृढ़ तथा कर्तव्यनिष्ठ रहते हुए सबसे कुशल तरीके से सैन्य गतिविधियों का संचालन करने के लिए प्रोत्साहित किया था। उन्होंने मानवाधिकारों का सम्मान करने और किसी भी रूप में उल्लंघन के प्रति शून्य सहिष्णुता रखने की भारतीय सेना की प्रतिबद्धता को भी उजागर किया था।

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