राजस्थान के टोंक में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जमकर साधा निशाना, कहा – ‘कांग्रेस होती तो देश में हो रहे होते सीरियल ब्लास्ट …’

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नई दिल्ली, 23अप्रैल। राजस्थान के टोंक-सवाई माधोपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (23 अप्रैल) को एक जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान वह कांग्रेस पर जमकर बरसे. उन्होंने कांग्रेस पर सीरियल ब्लास्ट के आरोपियों को बचाने का आरोप भी लगाया. पीएम ने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में होती तो देश में बम धमाके हो रहे होते, कांग्रेस ने राजस्थान सीरियल ब्लास्ट के आरोपियों को बचाने का पाप किया होता.

पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में, जब आपने मोदी को दिल्ली में सेवा करने का मौका दिया, तो देश ने ऐसे फैसले लिए जिनकी किसी ने कल्पना नहीं की थी, लेकिन अगर कांग्रेस होती सत्ता, जम्मू-कश्मीर में अभी भी हमारी सेनाओं पर पत्थर फेंके जाते, अगर कांग्रेस सत्ता में होती, तो दुश्मन अभी भी सीमा पार से हमारे सैनिकों के सिर काट रहे होते और कांग्रेस सरकार कुछ नहीं करती हमारे सैनिकों के लिए एक पेंशन लागू नहीं होती.

उन्होंने कहा, ‘अगर कांग्रेस सत्ता में होती, तो अपने लिए भ्रष्टाचार के नए-नए तरीके ढूंढ लेती. कांग्रेस शासन के दौरान राजस्थान महिलाओं के खिलाफ अपराध में नंबर 1 था. कांग्रेस ने विधानसभा में बेशर्मी से कहा कि यही राजस्थान की पहचान है. कांग्रेस पार्टी ने देश के संविधान के साथ खिलवाड़ किया है. जब संविधान का मसौदा तैयार किया गया तो धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध किया गया, ताकि एससी, एसटी और ओबीसी जातियों को सुरक्षा मिल सके.

दोहराया मनमोहन सिंह का भाषण
पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने भाषण में कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है. ये था मनमोहन सिंह का बयान. कांग्रेस की सोच हमेशा तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति की रही है. 2004 में जैसे ही कांग्रेस सरकार केंद्र में सत्ता में आई, उसका पहला काम आंध्र प्रदेश में एससी/एसटी आरक्षण में कटौती करके मुसलमानों को आरक्षण देने की कोशिश करना था. ये एक पायलट प्रोजेक्ट था, जिसे कांग्रेस पूरे देश में आज़माना चाहती थी.

‘कांग्रेस को संविधान की परवाह नहीं’
2004 से 2010 के बीच कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में मुस्लिम आरक्षण लागू करने की चार बार कोशिश की. हालांकि, कानूनी अड़चनों और सुप्रीम कोर्ट की जागरूकता के कारण वे उनके मंसूबों को पूरा नहीं कर सके. 2011 में कांग्रेस ने इसे पूरे देश में लागू करने की कोशिश की. उन्होंने वोट बैंक की राजनीति के लिए एससी/एसटी और ओबीसी को मिले अधिकार छीन कर दूसरों को दे दिए. कांग्रेस ने यह सब प्रयास यह जानते हुए भी किए कि यह सब संविधान की मूल भावना के खिलाफ है, लेकिन कांग्रेस को संविधान की परवाह नहीं थी.

मोदी ने कहा कि सच तो यह है कि जब कांग्रेस सत्ता में थी तो वह दलितों और पिछड़ों के आरक्षण में सेंध लगाकर अपने खास वोट बैंक को अलग से आरक्षण देना चाहती थी, जबकि संविधान इसके पूरी तरह खिलाफ है.

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