कैबिनेट ने भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास संस्था लिमिटेड (आईआरईडीए) में 1,500 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी

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साल भर में लगभग 10,200 रोजगारों का सृजन तथा लगभग 7.49 मिलियन टन सीओ2/प्रतिवर्ष के बराबर कार्बन डाई-ऑक्‍साइड के उत्सर्जन में कमी आयेगी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने आज भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास संस्था लिमिटेड (आईआरईडीए) में नकदी देकर इक्विटी शेयर खरीदने के जरिये 1,500 करोड़ रुपये का निवेश करने को मंजूरी दे दी है।

नकदी देकर इक्विटी शेयर जारी करने से साल भर में लगभग 10,200 रोजगारों का सृजन होगा तथा लगभग 7.49 मिलियन टन सीओ2/प्रतिवर्ष के बराबर कार्बन डाई-ऑक्‍साइड के उत्सर्जन में कमी आयेगी।

भारत सरकार द्वारा 1,500 करोड़ रुपये के मद्देनजर नकदी देकर अतिरिक्त शेयर खरीदने से आईआरईडीए की निम्नलिखित क्षमता हो जायेगीः

अक्षय ऊर्जा सेक्टर को लगभग 12,000 करोड़ रुपये का ऋण मिलेगा, जिससे अक्षय ऊर्जा (आरई) क्षेत्र की ऋण आवश्यकता पूरी होगी, जो लगभग 3,500-4,000 मेगावॉट की अतिरिक्त क्षमता से सम्बंधित है।
उसकी निवल संपत्ति को बढ़ाने में मदद मिलेगी, जो अतिरिक्त आरई वित्तपोषण के लिये सहायक होगी। इस तरह सरकार द्वारा निर्धारित आरई लक्ष्यों को प्राप्त करने में बेहतर योगदान हो सकेगा।
ऋण देने और लेने की गतिविधियों के संचालन में सुविधा के लिये पूंजी जोखिम आधारित परिसंपत्ति अनुपात (सीआरएआर) में सुधार होगा।

आईआरईडीए, एक मिनी रत्न (श्रेणी-1) कंपनी है, जो नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के नियंत्रण के अधीन है। इसकी स्थापना 1987 में हुई थी, ताकि अक्षय ऊर्जा (आरई) सेक्टर के लिये एक विशिष्ट गैर-बैंकिंग वित्त एजेंसी के तौर पर काम हो सके। आईआरडीए को 34 वर्ष से अधिक का तकनीकी-वाणिज्यिक अनुभव है। वह आरई परियोजना वित्तपोषण में मुख्य भूमिका निभाता है, जिससे वित्तीय संस्थाओं/बैंकों को इस सेक्टर में ऋण देने में विश्वास पैदा होता है।

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