समाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के 8 साल के उपलब्धियों का लेखा- जोखा

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आजादी के 75वें वर्ष की पावन यादगार में, आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में  तथा आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार के लिए इस शानदार यात्रा के अवसर पर माननीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री ने डॉ. अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (डीएआईसी) में दिनांक 06.06.2022 को आयोजित प्रेस सम्मेलन में सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की उपलब्धियों के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया।

 

माननीय मंत्री ने सूचित किया कि यह विभाग सामाजिक, शैक्षिक तथा आर्थिक रूप से लाभवंचित वर्गों जैसे कि अनुसूचित जातियां, अन्य पिछड़े वर्ग, वरिष्ठ नागरिक, मद्यपान तथा नशीले पदार्थों के दुरूपयोग के पीड़ितों, ट्रांसजेंडर व्यक्तियो, भिखारियों, विमुक्त तथा घमंतू जनजातियों (डीएनटी), आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (ईबीसी) तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो (ईडब्ल्यूएस) का सशक्तिकरण करके एक समावेशी समाज का निर्माण करने के सपने को साकार करने का प्रयास कर रहा है। यह विभाग उपर्युक्त लक्ष्य समूह के सदस्यों के उत्थान हेतु विभिन्न स्कीमों का कार्यान्वयन करता रहा है।

विभाग की वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2021-22 के निम्नलिखित उपलब्धियां रही हैं:-

  1. अनुसूचित जातियों (एससी), अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी), विमुक्त तथा घुमंतू जनजातियों (डीएनटी) के शैक्षिक उत्थान हेतु विभिन्न स्कीमें कार्यान्वित की जा रही हैं। वित्तीय वर्ष 2014-15 से शुरूआत करके 36164 करोड़ रूपए की राशि व्यय की गई है तथा निम्निलिखित स्कीमों के कार्यान्वयन से 11 करोड़ से अधिक छात्र लाभान्वित हुए हैं:-

 

  • एससी छात्रों तथा अन्यों के लिए मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति:224.70 लाख लाभार्थी तथा लगभग 3280.07 करोड़ रूपए का व्यय का व्यय।
  • एससी छात्रों के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति 434.29 लाख लाभार्थी तथा लगभग 24968.55 करोड़ रूपए का व्यय।
  • प्रधानमंत्री-अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (पीएम-अजय) का एक घटक: बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना:173 छात्रावासों के निर्माण हेतु मंजूर 342.5  करोड़ रूपए जिससे 15800 लाभार्थी छात्र लाभान्वित हुए।
  • यंग अचीवर्स के लिए उच्चतर शिक्षा (श्रेयस):
  • एससी तथा ओबीसी छात्रों (एफसीएस) के लिए नि:शुल्क कोचिंग स्कीम- वर्ष 2014-15 से लगभग 91.37  करोड़ रूपए का व्ययकरलगभग 19437  लाभार्थी लाभान्वित हुए।
  • एससी (टीसीएस) के लिए उत्कृष्ट श्रेणी छात्रवृत्ति स्कीम –वर्ष 2014-15 से लगभग 313.48  करोड़ रूपए का व्यय तथालगभग 17817 लाभार्थी लाभान्वित हुए।
  • एससी आदि छात्रों (एनओएस) के लिए राष्ट्रीय समुद्रपारीय छात्रवृत्ति स्कीम-वर्ष 2014-15 से लगभग 152.23 करोड़ रूपए का व्यय तथा  534 – लाभार्थीलाभान्वित हुए।
  • एससी के लिए राष्ट्रीय फेलोशिप स्कीम (एनएफएससी) -वर्ष 2014-15 से लगभग 1511.65  करोड़ रूपए का व्यय तथा 18036 लाभार्थीलाभान्वित हुए।
  • लक्षित क्षेत्रों के उच्च विद्यालयों में आवासीय शिक्षा स्कीम (श्रेष्ठा) कुल 247 करोड़ रूपए का व्यय किया गया जिससे  1,55,715 एससी छात्र लाभान्वित हुए।
  • ओबीसी तथा अन्यों के लिए वायब्रेंट इंडिया पीएम –यंग अचीवर्स छात्रवृत्ति अवार्ड स्कीम (पीएम-यशस्वी) के अंतर्गत निम्नलिखित उप-स्कीमें हैं:-

 

  • ओबीसी, ईबीसी और डीएनटी छात्रों के लिए मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति -563.9 लाख लाभार्थी और लगभग 1195.33 करोड़ रुपए का व्यय हुआ।
  • ओबीसी, ईबीसी और डीएनटी छात्रों के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति- 302.05 लाख लाभार्थी औरलगभग 8186.56 करोड़ रूपए काव्ययहुआ।
  • ओबीसी, ईबीसी और डीएनटी छात्रों के लिए उत्कृष्ट श्रेणी स्कूल शिक्षा-नई पहल की गई है।
  • ओबीसी छात्र और छात्राओं के लिए छात्रावास का निर्माण- 16870 सीटों वाले छात्रावासों के निर्माण के लिए लगभग260.70 करोड़ रुपए का व्ययहुआ।

 

 

  1. यह विभाग अनुसूचित जातियों (एससी), वरिष्ठ नागरिकों, मद्यपान तथा नशीले पदार्थ के दुरुपयोग के पीड़ितों, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों, भिखारियों आदि के सामाजिक उत्थान के लिए स्कीमों का कार्यान्वयन कर रहा है।विभाग ने सामाजिक सुरक्षा के मोर्चे पर लगभग  10304 करोड़ रुपए खर्च किए हैं और पिछले 08 वर्षों के दौरान 42 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं।

 

अटल वयो अभ्युदय योजना (एवीवाईएवाई)

  • वरिष्ठ नागरिकों के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीएसआरसी)- वर्ष 2014 से अब तक कुल लाभार्थी 271365 हैं और व्यय लगभग 334 करोड़ रुपयेहै।
  • राष्ट्रीय वयोश्री योजना (आरवीवाई) – 236 शिविरों में 2,40,490 व्यक्तियों को 182.06 करोड़ रुपये की राशि का व्यय करके8,30,739 सहायक उपकरण वितरित किए गए हैं।
  • वरिष्ठ नागरिकों के लिए आजीविका और कौशल पहल-

(i) वृद्धजन स्वयं सहायता समूहस्कीम वर्ष 2021-22 में शुरू की गई है।

(ii) वरिष्ठ योग्य नागरिक गरिमामय पुनर्रोजगार (सेकर्ड) पोर्टल दिनांक 01.10.2021 को शुरू किया गया था।

      • रजत अर्थव्यवस्था (सेजपोर्टल): वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान 09 स्टार्ट अप का चयन किया गया था।
  • मद्यपान तथा नशीले पदार्थ के दुरुपयोग के सेवन की रोकथाम के लिए स्कीम:
  • नशीली दवाओं की मांग में कटौती के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीडीडीआर) –वर्ष 2014 से कुल लाभार्थी 11,35,292 हैं और लगभग 839.09 करोड़ रुपए का व्यय हुआ।
  • नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) – वर्तमान में, लगभग 357 आईआरसीए, 78 ओडीआईसी, 55 सीपीएलआईऔर 35 एटीएफपूरे देश में विस्तारित हैं। जमीनी स्तर पर की गई विभिन्न कार्यकलापोंके माध्यम से अब तक 2.46 करोड़ से अधिक लोगों से संपर्क कियागया है जिनमें 1.17 करोड़ युवा और 30 लाख महिलाएं शामिल हैं।
  • आजीविका और उद्यम के लिए लाभवंचित व्यक्तियों के लिए सहायता स्कीम (स्माइल):
  • ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कल्याणार्थ व्यापक पुनर्वास केंद्रीय क्षेत्र की स्कीम,
  • भिक्षावृत्तिमें लगे व्यक्तियों के व्यापक पुनर्वास हेतु केंद्रीय क्षेत्र स्कीम,
  • वर्ष 2021-22 में स्माइल के अंतर्गत 1,75,03,200 रुपए खर्च किए गए हैं।

 

  1. अत्याचारों की रोकथाम के लिए नोडल मंत्रालय होने के नाते, इस मंत्रालय ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) {पीओए} अधिनियम, 1989 को, अन्य बातों के साथ-साथ, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के विरूद्ध अत्याचारों के निवारण हेतु अधिनियमित किया गया था; पूरे देश में समतावादी समाज की स्थापना करने लिए वर्ष 2018 में अधिनियम में खंड 18 (क) को अंत:स्थापित करके नियमावली में संशोधन करके इसेऔर अधिक निवारक और प्रभावी बनाया गया है।

 

  • राहत प्रदत्त अत्याचार पीड़ितों की कुल संख्या: 3073.77 करोड़ रुपए की राशि खर्च करके 435382 लोगों की सहायता की गई।
  • अंतर्जातीय विवाह की पहल: 164325 दंपति लाभान्वितहुए।

 

  1. मंत्रालय ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों को संरक्षण प्रदान करने और उनके कल्याणार्थ “उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019” अधिनियमित किया है।

 

  1. ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए वर्ष 2019 में भारत के संविधान के 103वें संशोधन के माध्यम से अनुच्छेद 15(6) और अनुच्छेद 16(6) को अंत:स्थापित करके आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10% आरक्षण का प्रावधान किया गया है।

 

  1. यह विभाग समाज के लाभवंचित वर्गों को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मानिर्भर बनाने के लिए अपने निगमों के माध्यम से विभिन्न कौशल विकास और ऋण स्कीमों का कार्यान्वयन कर रहा है। वित्तीय वर्ष 2014-15 से 8286 करोड़ की राशि खर्च करके अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, डीएनटी, ईबीसी और सफाई कर्मचारियों सहित लाभवंचित वर्गों के 20 लाख से अधिक व्यक्ति लाभान्वित हुए हैं।

 

  1. डॉ बी आर अम्बेडकर के सम्मान में हमें पांच स्थानों पर पंचतीर्थ स्थ्लों का निर्माण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है:-
  • महू में अम्बेडकर का जन्म स्थान
  • लंदन में वह स्थान जहाँ वे यूके में पढ़ते हुए ठहरे थे
  • नागपुर में दीक्षा भूमि, जहाँ उन्होंने शिक्षा ग्रहण की
  • दिल्ली में महापरिनिर्वाण स्थल और
  • मुंबई में चैत्य भूमि

 

  1. डॉ. अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (डीएआईसी) भी दिल्ली के जनपथ पर निर्मित गया है ताकि कठोर और आधिकारिक शोध करके सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को कम किया जा सके।

 

  1. इस विभाग ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के सदस्यों पर अत्याचार के निवारण हेतु टोल फ्री नंबर “14566” की राष्ट्रीय हेल्पलाइन स्थापित की है।वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी राष्ट्रीय हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर “14567” पर उपलब्ध कराई गई है। ।

  1. सभी स्कीम तथा परियोजनाओं को 100% गो-ग्रीन को अपनाते हुए केवल ई-फाईल के माध्यम से निष्पादित करना शुरू कर दिया गया है। इस विभाग ने शुरू से आखिर तक ऑनलाइन कार्यकलाप करने के लिए आईटीकृत कार्यक्षम प्रणाली के कार्यान्वयन के माध्यम से ई-गवर्नेस को सुदृढ़ किया है तथा 100% पारदर्शिता सुनिश्चित की है।

         यह विभाग विभिन्न कार्यक्रमो तथा स्कीमों के माध्यम से संपूर्ण देश में लक्षित समूह के सदस्यों के विकास तथा उनको आर्थिक एवं सामाजिक रूप से आत्मनिर्भर  बनाने के लिए पर्याप्त सहायता उपलब्ध कराकर  एक समावेशी समाज का निर्माण करने के लिए  सदैव प्रयासरत रहेगा।

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