भारत से खाने के लिए तैयार (रेडी टू ईट) उत्पादों का निर्यात 2020-21 (अप्रैल-अक्टूबर) की तुलना में 2021-22 (अप्रैल-अक्टूबर) में 24% बढ़कर 394 मिलियन डॉलर हुआ

0

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) बास्केट के तहत भारत के पूर्ण रूप से तैयार उपभोक्ता खाद्य उत्पादों जैसे रेडी टू ईट (आरटीई), रेडी टू कुक (आरटीसी) और रेडी टू सर्व (आरटीएस) के निर्यात में पिछले एक दशक में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा निर्यात के लिए उत्पादों के मूल्य संवर्धन पर जोर देने के साथ ही आरटीई श्रेणी के तहत खाद्य उत्पादों ने पिछले एक दशक में 12 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) दर्ज की है और इसी अवधि के दौरान एपीडा निर्यात में आरटीई की हिस्सेदारी 2.1 प्रतिशत से बढ़कर 5 प्रतिशत हो गई है।

रेडी टू ईट (आरटीई), रेडी टू कुक (आरटीसी) और रेडी टू सर्व (आरटीएस) वर्गों के तहत उत्पादों के निर्यात ने 2011-12 से 2020-21 तक 10.4 प्रतिशत का सीएजीआर दर्ज किया है। भारत ने 2020-21 में 2.14 अरब डॉलर से अधिक मूल्य के पूर्ण रूप से तैयार खाद्य उत्पादों का निर्यात किया है। चूंकि इस तरह के खाद्य उत्पाद समय बचाने वाले और आसानी से उपलब्ध हैं, इसलिए हाल के वर्षों में आरटीई, आरटीसी और आरटीएस की श्रेणियों के तहत खाद्य पदार्थों की मांग कई गुना बढ़ गई है।

आरटीई, आरटीसी और आरटीएस श्रेणियों के तहत उत्पादों का निर्यात अप्रैल-अक्टूबर (2020-21) में रिपोर्ट किए गए 823 मिलियन डॉलर की तुलना में अप्रैल-अक्टूबर (2021-22) में 23% से अधिक बढ़कर 1011 मिलियन डॉलर हो गया है। इसे देखते हुए पिछले तीन वर्षों के आरटीई/आरटीसी और आरटीएस के निर्यात को नीचे दिए गए ग्राफ में दिखाया गया है।

स्रोत: डीजीसीआईएस

वाणिज्यिक जानकारी एवं सांख्‍यिकी महानिदेशालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत ने पिछले तीन वित्तीय तीन वर्षों (2018-19 और 2020-2021) में जो पूर्ण रूप से तैयार खाद्य उत्पादों का निर्यात किया है उनमें 5,438 मिलियन अमरीकी डॉलर मूल्य के आरटीई, आरटीसी और आरटीएस शामिल हैं।

भारत ने वर्ष 2018-2019 में 766 मिलियन अमरीकी डॉलर का आरटीई निर्यात दर्ज किया, जो 2019-20 में बढ़कर 825 मिलियन अमरीकी डॉलर और फिर 2020-21 में 1043 मिलियन अमरीकी डॉलर हो गया। इस बीच, आरटीसी खाद्य उत्पादों ने 2018-19 में 473 मिलियन अमरीकी डॉलर, 2019-20 में 368 मिलियन अमरीकी डॉलर और 2020-21 में 560 मिलियन अमरीकी डॉलर का निर्यात दर्ज किया है। चालू वर्ष अर्थात अप्रैल-अक्टूबर (2021-22) में समान अवधियों के लिए पिछले वर्षों की तुलना में आरटीई/आरटीसी और आरटीएस का तुलनात्मक विश्लेषण नीचे ग्राफ में दर्शाया गया है। आरटीई/आरटीसी और आरटीएस का निर्यात मूल्य पिछले वर्ष की तुलना में 2021-22 में अधिक बढ़ा है।

स्रोत: डीजीसीआईएस

आरटीएस खाद्य श्रेणी ने 2018-19 में 436 मिलियन अमरीकी डॉलर, 2019-20 में 461 मिलियन अमरीकी डॉलर और 2020-21 में 511 मिलियन अमरीकी डॉलर का निर्यात दर्ज किया।

आरटीई श्रेणी के अंतर्गत आने वाले उत्पादों में बिस्कुट और कन्फेक्शनरी, गुड़, नाश्ते वाले अनाज, वेफर्स, भारतीय मिठाईयां एवं स्नैक्स, पान मसाला व सुपारी आदि शामिल हैं। 2020-21 में आरटीई निर्यात में बिस्कुट और कन्फेक्शनरी तथा भारतीय मिठाईयों एवं स्नैक्स की 89% बड़ी हिस्सेदारी है।

आरटीई निर्यात में प्रत्येक श्रेणी की हिस्सेदारी इस प्रकार है- 52.32% (बिस्कुट और कन्फेक्शनरी), 1.52% (गुड़), 4.11% (नाश्ते वाले अनाज), 1.73% (वेफर्स), 37.04% (भारतीय मिठाईयां एवं स्नैक्स), और 3.28% (पान मसाला व सुपारी)।

पिछले वर्ष के मुकाबले 2020-21 में आरटीई की वृद्धि दर 26% थी, जबकि इसी अवधि में बिस्कुट और कन्फेक्शनरी श्रेणी में 28.87%, गुड़ में 48.18%, नाश्ते वाले अनाज में 4.24%, भारतीय मिठाईयों एवं स्नैक्स में 29.75%, पान मसाला व सुपारी में 4.2% की वृद्धि दर्ज की गई।

2020-21 में विशेष रूप से आरटीई खाद्य उत्पादों का 56% से अधिक शीर्ष 10 देशों को निर्यात किया गया था। अमरीका आरटीई उत्पादों की चार श्रेणियों जैसे बिस्कुट और कन्फेक्शनरी (79.54 मिलियन अमरीकी डॉलर), नाश्ते वाला अनाज (5.33 मिलियन अमरीकी डॉलर), भारतीय मिठाईयां एवं स्नैक्स (99.7 मिलियन अमरीकी डॉलर), पान मसाला व सुपारी (5.95 मिलियन अमरीकी डॉलर) का शीर्ष आयात करने वाला देश है, जबकि आरटीई के तहत शेष दो उत्पादों का मलेशिया और नेपाल द्वारा महत्वपूर्ण रूप से आयात किया जाता है। मलेशिया ने 2020-21 में 5.09 मिलियन अमरीकी डॉलर के गुड़ का आयात किया और नेपाल ने 3.5 मिलियन अमरीकी डॉलर के वेफर्स का आयात किया।

2020-21 के आंकड़ों के अनुसार आरटीई निर्यात के प्रमुख गंतव्य देश अमरीका (18.73%), संयुक्त अरब अमीरात (8.64%), नेपाल (5%), कनाडा (4.77%), श्रीलंका (4.47%), ऑस्ट्रेलिया (4.2%) सूडान (2.95%), ब्रिटेन (2.88%), नाइजीरिया (2.38%) और सिंगापुर (2.01%) हैं।

पिछले एक दशक में आरटीसी खाद्य उत्पाद 7 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ रहे हैं और इसी अवधि में एपीडा निर्यात में आरटीसी की हिस्सेदारी 1.8 प्रतिशत से बढ़कर 2.7 प्रतिशत हो गई है। आरटीसी के तहत आने वाले खाद्य उत्पादों की प्रमुख श्रेणियां पकाने के लिए तैयार उत्पाद यानी कि पापड़, आटा और पिसे हुए उत्पाद एवं पाउडर तथा स्टार्च हैं। आरटीसी निर्यात में श्रेणी के तहत पकाने के लिए तैयार उत्पादों में (31.69%), पापड़ (9.68%), आटा और अन्य पिसे हुए अनाज उत्पाद (34.34%) तथा पाउडर एवं स्टार्च (24.28%) शामिल हैं।

पिछले वर्ष की तुलना में 2020-21 में आरटीसी की वृद्धि दर 52 प्रतिशत है, आरटीसी की श्रेणीवार वृद्धि दर पाउडर एवं स्टार्च (174%) के लिए उच्चतम है, इसके बाद आटा और अन्य पिसे हुए अनाज उत्पाद (36%), रेडी टू कुक (35%) और पापड़ (19%) हैं, ये आंकड़े पिछले वर्ष की तुलना में 2020-21 के हैं।

वर्ष 2020-21 में 74% से अधिक आरटीसी खाद्य उत्पादों को शीर्ष 10 देशों में निर्यात किया गया था और अमरीका 2020-21 में भारत से आटा और पिसे उत्पादों तथा पकाने के लिए तैयार वस्तुओं का आयात करने वाला शीर्ष देश है, जबकि दो देश ब्रिटेन व इंडोनेशिया 2020-21 के दौरान पापड़ तथा पाउडर एवं स्टार्च के आयात में शीर्ष पर हैं।

2020-21 में आरटीसी निर्यात के लिए प्रमुख निर्यात गंतव्य देश अमरीका (18.62 मिलियन अमरीकी डॉलर), मलेशिया (11.52 मिलियन अमरीकी डॉलर), संयुक्त अरब अमीरात (8.75 मिलियन अमरीकी डॉलर), इंडोनेशिया (7.52 मिलियन अमरीकी डॉलर), ब्रिटेन (7.33 मिलियन अमरीकी डॉलर), नेपाल (5.89 मिलियन अमरीकी डॉलर) कनाडा (4.31 मिलियन अमरीकी डॉलर), ऑस्ट्रेलिया (4.2 मिलियन अमरीकी डॉलर), बांग्लादेश (3.43 मिलियन अमरीकी डॉलर) और कतर (2.76 मिलियन अमरीकी डॉलर) हैं।

आरटीएस की श्रेणी में निर्यात पिछले एक दशक में 11 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ रहा है। आरटीएस श्रेणी के तहत तैयार किये प्रमुख खाद्य उत्पादों में जेली, स्क्वैश और जूस, अन्य पेय पदार्थ, ऊर्जा देने वाले उत्पाद / पेय एवं आइसक्रीम, सूप, सॉस, पास्ता तथा चटनी शामिल हैं। पिछले एक दशक में आरटीएस की हिस्सेदारी 1.1 प्रतिशत से बढ़कर 2.5 फीसदी हो गई है।

पिछले वर्ष (2019-20) के मुकाबले 2020-21 में आरटीएस की वृद्धि दर 11 प्रतिशत है, जबकि आरटीएस की श्रेणी-वार वृद्धि दर ऊर्जा देने वाले उत्पादों / पेय (31.10%) के लिए उच्चतम है, इसके बाद आइसक्रीम, सूप, सॉस, पास्ता और चटनी (19.34%) तथा अन्य पेय पदार्थों (14.12%) का स्थान है।

कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में वृद्धि काफी हद तक एपीडा द्वारा की गई विभिन्न पहलों के कारण हुई है जैसे कि विभिन्न देशों में बी2बी प्रदर्शनियों का आयोजन, भारतीय दूतावासों की सक्रिय भागीदारी से उत्पाद विशिष्ट तथा सामान्य विपणन अभियानों के माध्यम से नए संभावित बाजारों की तलाश करना।

एपीडा ने दुनिया भर के प्रमुख आयातक देशों के साथ कृषि एवं खाद्य उत्पादों पर वर्चुअल क्रेता-विक्रेता बैठक का आयोजन करके भारत में पंजीकृत कृषि व प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं।

निर्यात किए जाने वाले उत्पादों का निर्बाध गुणवत्ता प्रमाणन सुनिश्चित करने के लिए, एपीडा ने उत्पादों और निर्यातकों की एक विस्तृत श्रृंखला को परीक्षण की सेवाएं प्रदान करने हेतु पूरे भारत में 220 प्रयोगशालाओं को मान्यता दी है।

एपीडा निर्यात हेतु परीक्षण और अवशेष निगरानी योजनाओं के लिए मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं के उन्नयन तथा सुदृढ़ीकरण में भी सहायता करता है। एपीडा कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचा विकास, गुणवत्ता सुधार और बाजार विकास की वित्तीय सहायता योजनाओं के तहत मदद उपलब्ध कराता है।

भारत का आरटीई, आरटीसी और आरटीएस का निर्यात (मिलियन अमरीकी डॉलर)

  2018-19 2019-20 2020-21 2020-21

(अप्रैल-अक्टूबर)

2021-22 (अप्रैल-अक्टूबर)
खाने के लिए तैयार (आरटीई) 766 825 1043 352 394
पकाने के लिए तैयार (आरटीसी) 473 368 560 206 282
परोसने के लिए तैयार (आरटीएस) 436 461 511 265 335

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.