सीएसएल, कोच्चि में एएसडब्लू एसडब्लूसी परियोजना के पहले युद्धपोत के निचले ढांचे का निर्माण आरंभ

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सीएसएल, कोच्चि में पनडुब्बी-विनाशक पोत (एंटी-सबमैरीन शैलो क्राफ्ट-एएसडब्लू एसडब्लूसी) परियोजना के पहले युद्धपोत (बीवाई-523 माहे) के निचले ढांचे के निर्माण का काम 30 अगस्त, 2022 को आरंभ किया गया। इसका शुभारंभ वाइस एडमिरल किरण देशमुख, सीडब्लूपी-एंड-ए ने किया। इस अवसर पर सीएसएल के सीएमडी श्री मधु एस नायर, कॉमोडोर वी. गणपति, डब्लूपीएस (कोचीन), सीएसएल, तथा सीएसएल और भारतीय नौसेना के अन्य बड़े अधिकारी उपस्थित थे।

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इस अवसर पर वाइस एडमिरल किरण देशमुख, सीडब्लूपी-एंड-ए ने कोविड की बाध्यताओं और उसके परिणामस्वरूप होने वाले लॉकडाउन के बावजूद इस पड़ाव को हासिल करने के लिये सीएसएल के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह शिपयार्ड की उल्लेखनीय उपलब्धि है। उन्होंने कारखाने में काम करने वाली सभी कर्मियों की सराहना की। वाइस एडमिरल ने कहा कि इन पोतों के निर्माण से ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना और ‘मेक इन इंडिया’ की प्रतिबद्धता को बहुत बल मिलेगा। मुख्य अतिथि महोदय ने कहा कि जहाज के निचले ढांचे के निर्माण की शुरूआत जहाज बनाने की प्रक्रिया की एक प्रमुख गतिविधि होती है तथा यहीं से जहाज को पूरी तरह बनाने के लिये विभिन्न खंडों को जमा करने का काम चालू हो जाता है।

सीडब्लूपी-एंड-ए ने आगे कहा कि ये जहाज नुमा प्लेटफार्म समुद्र के भीतर मौजूद खतरे को ताड़ने और उन्हें निष्क्रिय करने के लिये तटीय क्षेत्रों में समुद्री सतह के ऊपर से निगरानी का काम करेंगे।

सीएसएल के सीएमडी ने अपने सम्बोधन के दौरान कहा कि इस जटिल पोत निर्माण परियोजना को चलाने में कोविड-19 महामारी के कारण बहुत सारी चुनौतियां सामने थीं, लेकिन उन सबके बावजूद शिपयार्ड ने नवाचारी समाधानों के माध्यम से जहाजों का निर्माण जारी रखा। उन्होंने भारतीय नौसेना को धन्यवाद दिया कि नौसेना ने पूरा समर्थन दिया। उन्होंने यह प्रतिबद्धता दोहराते हुये कहा कि शिपयार्ड समय पर उत्तम गुणवत्ता वाले पोत नौसेना को सौंपने के लिये संकल्पित है।

 

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