तेल और तिलहन के संबंध में भंडारण सीमा आदेश में प्रमुख संशोधन

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थोक विक्रेताओं और विस्तृत श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं को तत्काल प्रभाव से भंडारण सीमा आदेश से छूट प्रदान कर दी गई है

छूट मिलने से उपभोक्ताओं को काफी फायदा होगा क्योंकि थोक विक्रेता और बड़ी श्रृंखला वाले फुटकर व्यापारी अधिक किस्मों/ब्रांडों को अपने पास रखने में सक्षम होंगे

भारत सरकार ने देश में खाद्य तेलों की घरेलू कीमतों को कम और स्थिर बनाये रखने के सतत प्रयास में एक ऐतिहासिक आदेश जारी किया था। लाइसेंसिंग आवश्यकताओं, भंडारण सीमा तथा आवाजाही प्रतिबंधों को हटाने के माध्यम से तेल एवं तिलहन पर स्टॉक सीमा लगाने के लिए यह आदेश लाया गया है। निर्दिष्ट खाद्य पदार्थ (संशोधन) आदेश, 2021 दिनांक 08.10.2021 से प्रभावी था। इस आदेश के तहत, संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा तेल एवं तिलहन के उपलब्ध स्टॉक और संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के खपत पैटर्न के आधार पर इन्हें भंडारण सीमा तय करने के लिए छोड़ दिया गया था। इसके बाद, सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के लिए खाद्य तेलों तथा तिलहनों पर स्टॉक सीमा मात्रा समान रूप से निर्धारित की गई थी और इस आदेश को दिनांक 3 फरवरी, 2022 के आर्डर द्वारा 30 जून, 2022 तक बढ़ा दिया गया था।

भंडारण सीमा आदेश देश में अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों तरह के बाजारों में खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों के कारण लगाया गया था। इसकी उच्च अस्थिरता उस समय जमाखोरी, मुनाफाखोरी और कालाबाजारी को बढ़ावा दे रही थी। सरकार द्वारा समय रहते हस्तक्षेप करने से आसमान छूती कीमतों में भारी गिरावट आई थी और जमाखोरी, विशेषकर सोयाबीन के बीजों पर नियंत्रण रखने में बड़ी सहायता मिली थी।

इस तथ्य का उल्लेख किया जा सकता है कि थोक विक्रेताओं और विस्तृत श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं के लिए स्टॉक की लिमिट वर्ष 2008 में लगाए गए भंडारण के दायरे में निर्दिष्ट सीमा पर आधारित थी और मात्रा सीमित रखने का यह एक समझदारी भरा निर्णय था। इसके अलावा, उस समय विस्तृत श्रृंखला के खुदरा विक्रेता मौजूद नहीं थे या वर्तमान की तुलना में उनकी कोई बड़ी भूमिका भी नहीं थी।

इस समय प्रमुख खाद्य तेलों की कीमत की स्थिति में अब धीरे-धीरे बदलाव देखने को मिल रहा है, ऐसा इसलिए भी है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार के साथ-साथ घरेलू उपलब्धता के लिए भी खाद्य तेल की कीमतों में काफी गिरावट आई है, इसके लिए खाद्य विभाग द्वारा स्टॉक सीमा आदेश की समीक्षा की गई थी। विस्तृत श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं और थोक व्यापारियों को स्टॉक नियंत्रण आदेश से छूट देने की आवश्यकता महसूस की जा रही थी क्योंकि इस तरह की खबरें आ रही थीं कि नियंत्रण आदेश के कारण थोक विक्रेताओं और बड़ी श्रृंखला के खुदरा दुकानों को उनकी बिक्री में समस्या का सामना करना पड़ रहा था। इसकी प्रमुख वजह यह थी कि उनके लिए निर्दिष्ट सीमा बहुत कम थी और शहर की सीमा में उनके शेल्फ स्टॉक को प्रतिदिन के आधार पर बदलना संभव नहीं है।

इसलिए, सरकार ने आपूर्ति श्रृंखला को और अधिक निर्बाध बनाने के उद्देश्य से मंगलवार को थोक विक्रेताओं तथा विस्तृत श्रृंखला खुदरा विक्रेताओं की श्रेणी को वर्तमान स्टॉक सीमा आदेश से छूट देने के लिए अधिसूचना जारी की है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा।

थोक विक्रेताओं व बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं को भंडारण सीमा आदेश से हटाने से उन्हें खाद्य तेलों की विभिन्न किस्मों और ब्रांडों को रखने की अनुमति मिल जाएगी, जिन्हें वे वर्तमान में स्टॉक नियंत्रण आदेश के कारण रखने में असमर्थ हैं।

अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों बाजारों में पर्याप्त आपूर्ति बहाल होने तथा खाद्य तेलों की कीमतों में लगातार गिरावट को देखते हुए, यह थोक विक्रेताओं एवं थोक उपभोक्ताओं (बड़ी श्रृंखला खुदरा दुकानों) को स्टॉक सीमा नियंत्रण आदेश से छूट देने का एक उपयुक्त समय था। इस आदेश के प्रभाव से तिलहन की कीमतों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि इससे तिलहन की खरीद को बढ़ावा मिलेगा, जिससे घरेलू तिलहन उगाने वाले किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी।

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