सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के बीच कल एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया जाएगा

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सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के बीच कल जनपथ, नई दिल्ली में स्थित डॉ. अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र के नालंदा सभागार में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को एक व्यापक चिकित्सा पैकेज उपलब्ध कराने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया जाएगा। इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री, डॉ वीरेंद्र कुमार और केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, डॉ मनसुख मांडविया की उपस्थिति में किया जाएगा।

यह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय एवं समाज कल्याण और अधिकारिता मंत्रालय की संयुक्त पहल है जो देश में अपने प्रकार का पहला है और यह हमारे समाज को न केवल एक नई दिशा प्रदान करेगा, बल्कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को समाज में उचित और सम्मानजनक स्थान भी प्रदान करेगा।

इसके लाभार्थी को एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति होना चाहिए जैसा कि भारत सरकार द्वारा अधिसूचित किया गया है और उसके पास ‘ट्रांसजेंडर लोगों के लिए राष्ट्रीय पोर्टल’ द्वारा जारी ट्रांसजेंडर प्रमाण पत्र और पहचान पत्र होना चाहिए। इस योजना के अंतर्गत उन सभी ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को कवर किया जाएगा जो अन्य केंद्र/राज्य द्वारा प्रायोजित इस तरह की योजनाओं का लाभ प्राप्त नहीं कर रहे हैं।

ट्रांसजेंडर व्यक्तियों से संबंधित मामलों का नोडल मंत्रालय होने के कारण, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कल्याण के लिए कई प्रकार के कदम उठाए गए हैं। ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए मंत्रालय द्वारा “ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019” बनाया गया है।

मंत्रालय द्वारा हाल ही में स्माइल योजना की शुरूआत की गई है जिसमें ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए कई व्यापक उपायों को शामिल किया गया है। इनके घटकों में से एक समग्र चिकित्सा स्वास्थ्य है, जो आयुष्मान भारत योजना के साथ मिलकर ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को एक व्यापक चिकित्सा पैकेज प्रदान करता है। इस पहल के अंतर्गत प्रत्येक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का चिकित्सा कवर प्रदान किया जाएगा और “स्माइल- आजीविका और उद्यम के लिये सीमांत व्यक्तियों हेतु समर्थन” योजना के अंतर्गत सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा इसके पूरे खर्च को वित्तपोषित किया जाएगा। इसके लाभार्थी के लिए पूरी प्रक्रिया पूर्ण रूप से कैशलेस होगी।

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