लोकसभा चुनाव में सूरत सीट पर बीजेपी को मिली पहली जीत, मुकेश दलाल निर्विरोध हुए निर्वाचित

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नई दिल्ली, 23अप्रैल। लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले ही बीजेपी के लिए गुजरात से अच्छी खबर सामने आई है. यहां की सूरत लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार मुकेश दलाल को जीत हासिल हो गई है. सूरत में सभी अन्य उम्मीदवारों के नाम वापस लेने से मुकेश दलाल निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं.

सूरत में कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश खुंभानी के प्रस्तावक पीछे हट गए और उनका नामांकन खारिज हो गया. इसके अलावा बाकी 8 निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया. ऐसे में मुकेश दलाल बिना वोटिंग के ही जीत गए. निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि बीजेपी ने पहली लोकसभा सीट जीती है. अन्य सभी उम्मीदवारों के मैदान से हटने के बाद सूरत से मुकेश दलाल निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं.

गुजरात बीजेपी प्रमुख ने दी बधाई
बीजेपी की गुजरात इकाई के प्रमुख सीआर पाटिल ने सोमवार को कहा, ‘सूरत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए पहला कमल खिलाया है. मैं सूरत लोकसभा सीट से हमारे उम्मीदवार मुकेश दलाल को निर्विरोध चुने जाने पर बधाई देता हूं.’

उम्मीदवारों ने नाम लिया वापस
सोमवार को नामांकन फॉर्म वापस लेने के आखिरी दिन, कम से कम 8 उम्मीदवारों, जिनमें ज्यादातर निर्दलीय और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्यारेलाल भारती थे, ने अपना पर्चा वापस ले लिया.

कांग्रेस प्रत्याशी की उम्मीदवारी हुई खारिज
विशेष रूप से, सूरत सीट से कांग्रेस के नीलेश कुंभानी की उम्मीदवारी रविवार को खारिज कर दी गई थी क्योंकि जिला रिटर्निंग अधिकारी ने प्रथम दृष्टया प्रस्तावकों के हस्ताक्षर में विसंगतियां पाई थीं. कांग्रेस प्रत्याशी अपने अधिवक्ता के साथ चुनाव अधिकारी के पास आये, लेकिन उनके तीन प्रस्तावकों में से कोई नहीं आया.

आदेश में कहा गया है कि कांग्रेस उम्मीदवार के वकील के अनुरोध पर जांचे गए वीडियो फुटेज में भी हस्ताक्षरकर्ताओं की उपस्थिति नहीं पाई गई. वहीं, सूरत से कांग्रेस के सब्स्टिट्यूट उम्मीदवार सुरेश पडसाला का नामांकन फॉर्म भी अमान्य कर दिया गया.

कांग्रेस ने लगाया बेईमानी का आरोप
इस बीच, कांग्रेस ने सत्तारूढ़ बीजेपी पर बेईमानी का आरोप लगाया और दावा किया कि हर कोई सरकार की धमकी से डरा हुआ है. कांग्रेस नेता और वकील बाबू मंगुकिया ने कहा कि कुंभानी के तीन प्रस्तावकों का अपहरण कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि रिटर्निंग ऑफिसर को इसकी जांच करनी चाहिए न कि फॉर्म पर हस्ताक्षर किए गए हैं या नहीं.

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