बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का नया दावा- महुआ मोइत्रा भारत में थी, तब उनकी संसदीय लॉगिन ID का इस्तेमाल दुबई में हुआ

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नई दिल्ली, 23 अक्टूबर। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर नया आरोप लगाया है. निशिकांत दुबे ने दावा किया कि महुआ मोइत्रा की लॉगिन ID का दुबई में इस्तेमाल हुआ. निशिकांत दुबे ने लोकपाल के पास तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन पर संसद में सवाल पूछने के एवज में धन लेने का आरोप लगाया गया है. निशिकांत दुबे ने मोइत्रा पर एक बार फिर निशाना साधते हुए कहा कि जब वह भारत में थीं, तब उनके संसदीय लॉगिन आईडी का इस्तेमाल दुबई में किया गया था. उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने जांच एजेंसियों को इस बारे में खुलासा किया है. दुबे ने मोइत्रा पर अडाणी समूह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाने के लिए व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर लोकसभा में सवाल पूछने के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया है.

मोइत्रा की पार्टी ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है, लेकिन सांसद ने अपने खिलाफ आरोपों को खारिज करते हुए अडाणी समूह और दुबे पर हमला करना जारी रखा है. टीएमसी सांसद ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स (पूर्व में ट्विटर)’ पर यह भी दावा किया कि उन्हें सीबीआई के आसन्न छापे के बारे में एक संदेश मिला था. मोइत्रा ने कहा, “मैं दुर्गा पूजा में व्यस्त हूं. मैं सीबीआई को घर आकर मेरे जूतों की जोड़ी गिनने के लिए आमंत्रित करती हूं. लेकिन पहले अडाणी पर प्राथमिकी दर्ज करें, जिन्होंने कोयला घोटाले के जरिए देशवासियों के 13,000 करोड़ रुपये चुराए हैं.”

उनके पोस्ट के तुरंत बाद, दुबे ने हिंदी में एक ‘एक्स’ पर एक पोस्ट किया, जिसमें कहा गया कि वह “सीबीआई, सीबीआई की बात सुनकर थक गए हैं” और उन्होंने लोकपाल के पास शिकायत दर्ज कराई है, जिसे सांसदों सहित सार्वजनिक प्राधिकरणों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की जांच करने का काम सौंपा गया है. दुबे ने कहा, “लोकपाल द्वारा सांसदों और मंत्रियों के खिलाफ शिकायतों की निगरानी की जाती है. सीबीआई इसका माध्यम है.”

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद ने इससे पहले आरोप लगाया कि ‘एक सांसद ने चंद पैसों के लिए देश की सुरक्षा को गिरवी रख दिया.’ उन्होंने कहा, ‘‘दुबई से सांसद का आईडी खोला गया. उस वक़्त कथित सांसद भारत में ही थीं. पूरी भारत सरकार, देश के प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) जी, वित्त विभाग, केन्द्रीय एजेंसियों द्वारा इस एनआईसी का इस्तेमाल किया जाता है.’’ दुबे ने पोस्ट में लिखा, ‘‘क्या तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी दलों को अब भी राजनीति करनी है. निर्णय जनता करेगी. एनआईसी ने यह जानकारी जांच एजेंसी को दी है.’’

मोइत्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि अडाणी का लेन-देन राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित है, “न कि एक ईमेल आईडी, जो हर पीए और हर सांसद की इंटर्न टीम सार्वजनिक रूप से रखती है और इच्छानुसार पहुंच रखती है”. उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “एनआईसी से अनुरोध है कि कृपया सांसदों के सभी विवरण सार्वजनिक रूप से जारी करे, ताकि यह दिखाया जा सके कि वे उस स्थान पर शारीरिक रूप से मौजूद थे, जहां से उनके पीए और शोधकर्ताओं/प्रशिक्षुओं/कर्मचारियों द्वारा आईडी तक पहुंच बनाई गई थी. लीक के लिए फर्जी डिग्री वाले का उपयोग न करें, इसे अभी सार्वजनिक करें.’

मोइत्रा ने अडाणी समूह पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘माफ करें श्रीमान अडाणी. मैं ‘शांति’ के बदले में आपकी छह महीने के लिये मुंह बंद करने की डील स्वीकार नहीं कर रही हूं. और न ही मैं दूसरी डील स्वीकार कर रही हूं, जहां मुझे आप पर हमला करने की इजाजत हो, लेकिन प्रधानमंत्री पर नहीं. अडाणी सवाल न करने के बदले नकद देते थे. अब उन्हें सवालों के बदले नकदी का फर्जी मामला बनाने के लिये मजबूर होना पड़ रहा है.’’

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