केंद्र सरकार तेलंगाना से गुणवत्ता मानकों के अनुसार अतिरिक्त भंडार खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है: श्री गोयल ने किसानों को आश्वासन दिया

0

श्री गोयल ने बताया कि तेलंगाना ने अभी तक केंद्रीय पूल को कच्चे चावल की मात्रा के बारे में सूचित नहीं किया है
केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, वाणिज्य और उद्योग तथा कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा है कि केंद्र सरकार तेलंगाना से गुणवत्ता मानकों के अनुसार अतिरिक्त भंडार खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है। मौजूदा संसद सत्र से अलग बातचीत करते हुए श्री गोयल ने कहा कि तेलंगाना सरकार चावल खरीद के मुद्दे पर तेलंगाना के किसानों को गुमराह कर रही है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि साल 2014-15 में तेलंगाना के किसानों को धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में 3391 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। हालांकि, खरीफ विपणन सत्र 2020-21 में केंद्र सरकार ने तेलंगाना के किसानों को धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में 26,610 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।

श्री गोयल ने कहा कि केंद्र के साथ समझौता ज्ञापन के अनुसार, तेलंगाना के अपने स्वयं के उपभोग के बाद कच्चे चावल के रूप में शेष तथा भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा निर्दिष्ट गुणवत्ता के अनुरूप जो भी अतिरिक्त स्टॉक है, केंद्र सरकार उसे खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है और इस बारे में राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार को लिखित रूप में वचनबद्ध किया गया था।

केंद्रीय मंत्री ने इस तथ्य को भी उजागर किया कि तेलंगाना सरकार ने अभी तक कच्चे चावल की मात्रा साझा नहीं की है, जो वर्तमान रबी फसल के दौरान केंद्रीय पूल को प्रदान की जाएगी।

श्री गोयल ने कहा, मुझे आपको यह बताते हुए दुःख हो रहा है कि केंद्र स्वयं तेलंगाना को इस मुद्दे पर आगे आने और यह बताने के लिए कह रहा है कि वह केंद्रीय पूल को कितना कच्चा चावल देंगे। उन्होंने बताया कि तेलंगाना सरकार की तरफ से इस संबंध में कोई विवरण नहीं दिया गया है।

केंद्रीय मंत्री ने चावल खरीद प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्र विभिन्न राज्यों की खपत पैटर्न और मांग के आधार पर चावल की खरीद करता है। श्री गोयल ने बताया कि राज्य, चावल की खरीद के बाद अपनी घरेलू खपत के लिए स्टॉक रखते हैं और शेष भाग को केंद्र द्वारा ले लिया जाता है।

केंद्रीय मंत्री ने तेलंगाना सहित सभी राज्यों के साथ समझौता ज्ञापन की प्रति दिखाई, जिसमें उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि यदि राज्य सरकार द्वारा खरीदे गए चावल का भंडार इसके आवंटन और टीपीडीएस तथा अन्य कल्याणकारी योजनाओं से अधिक है, तो ऐसे अतिरिक्त स्टॉक को राज्य सरकार द्वारा एफसीआई को सौंप दिया जाएगा। भारतीय खाद्य निगम के पास यह निर्दिष्ट करने का विकल्प होगा कि क्या राज्य द्वारा केंद्रीय पूल के लिए एफसीआई को सौंपे जाने वाले ऐसे अतिरिक्त चावल कच्चे चावल के रूप में प्राप्त होंगे या उबले हुए चावल की तरह मिलेंगे। टीपीडीएस के तहत देश की समग्र खपत की आवश्यकता को पूरा करने के लिए, ओडब्ल्यूएस और चावल के प्रकार को खपत पैटर्न के आधार पर स्पष्ट रूप से तय किया जाता है। यह जानकारी सभी राज्यों को प्रदान की गई है और इसके परिणामस्वरूप तेलंगाना सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर पुष्टि की है कि वह पूरे देश में मांग के अनुसार केंद्र को कच्चा चावल उपलब्ध कराएंगे।

श्री गोयल ने बताया कि चावल खरीद पर चर्चा के लिए खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) के सचिव द्वारा 25 फरवरी, 2022 को एक बैठक बुलाई गई थी। सभी राज्यों को एक विशेष प्रपत्र भरने को कहा गया था। लेकिन, तेलंगाना ने कभी भी फॉर्म जमा नहीं किया। 8 मार्च, 2022 को डीएफपीडी के संयुक्त सचिव (जेएस) की अध्यक्षता में हुई एक अन्य बैठक के बारे में भी केंद्रीय मंत्री ने बताया जिसमें तेलंगाना को विवरण साझा करने के लिए फिर से याद दिलाया गया था।तेलंगाना

Leave A Reply

Your email address will not be published.