डीएआरपीजी और जम्मू-कश्मीर सरकार अगली पीढ़ी के प्रशासनिक सुधारों के 3 प्रमुख क्षेत्रों मंं सहयोग करेंगे

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डीएआरपीजी के सचिव और जम्मू-कश्मीर सरकार के मुख्य सचिव की बैठक में शासन में सुधारों पर लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

जम्मू सचिवालय और श्रीनगर सचिवालय में ई-एचआरएमएस की होगी तैनाती

जिला सुशासन सूचकांक के 58 संकेतकों में प्रगति की निगरानी के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया जाएगा

जम्मू-कश्मीर ई-सेवा डिलिवरी आकलन ढांचे के जरिये 150 ई-सेवाओं में नागरिक संतुष्टि की निगरानी की जाएगी

डीएआरपीजी और जम्मू-कश्मीर सरकार (क) जिला सुशासन सूचकांक के 58 संकेतकों में प्रगति की निगरानी के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल के निर्माण, (ख) जम्मू सचिवालय एवं श्रीनगर सचिवालय में ई-एचआरएमएस की तैनाती और (ग) जम्मू-कश्मीर ई-सेवा डिलिवरी आकलन ढांचे के जरिये 150 ई-सेवाओं में नागरिक संतुष्टि की ऑलाइन निगरानी के मोर्चे पर सहयोग करेंगे। माननीय केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी द्वारा 22 जनवरी, 2022 को जम्मू के कन्वेंशन सेंटर में पीएमओ, कार्मिक, पीजी एवं पेंशन राज्‍य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह जी और जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल श्री मनोज सिन्‍हा की गरिमामयी उपस्थिति में जिला सुशासन सूचकांक का शुभारंभ किया गया था। इसी क्रम में डीएआरपीजी में सचिव श्री वी. श्रीनिवास और जम्‍मू-कश्‍मीर सरकार के मुख्‍य सचिव श्री अरुण कुमार मेहता के बीच 25 जनवरी 2022 को आयोजित एक बैठक में तीन प्रमुख सुशासन पहलों की रूपरेखा तैयार की गई।

 

जम्मू-कश्मीर जिला सुशासन सूचकांक जिला स्तर पर बेंचमार्क शासन में अगली पीढ़ी के प्रशासनिक सुधारों को प्रदर्शित करता है। इसे हितधारकों के साथ व्‍यापक परामर्श के बाद तैयार किया गया था। जम्मू-कश्मीर जिला सुशासन सूचकांक जिला स्तर पर विभिन्न शासन हस्तक्षेपों के प्रभाव की पहचान करने में मदद करता है और लक्षित हस्तक्षेपों के साथ जिला स्तर के शासन में सुधार के लिए भविष्य की रूपरेखा तैयार करता है। जम्मू-कश्मीर के सुशासन मॉडल को कहीं अधिक मजबूत करने के लिए जिला सुशासन सूचकांक के 58 संकेतकों की निगरानी एक समर्पित पोर्टल पर की जाएगी और एक बाहरी एजेंसी सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस, हैदराबाद द्वारा उसका मूल्यांकन किया जाएगा। डेटा संग्रह के प्रारूप को जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा निर्धारित किया जाएगा और एनआईसी द्वारा एक ऑनलाइन निगरानी डैशबोर्ड विकसित किया जाएगा। इसे फरवरी 2022 के मध्य तक पूरा होने की उम्मीद है।

जम्मू सचिवालय और श्रीनगर सचिवालय में ई-ऑफिस संस्करण 7.0 की तैनाती के साथ एक कागज रहित सचिवालय में बदल दिया गया है। इस पहल को आगे बढ़ाते हुए यह निर्णय लिया गया कि जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा सभी कर्मचारी रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण के लिए ई-एचआरएमएस सॉफ्टवेयर को अपनाया जाएगा। ई-एचआरएमएस सॉफ्टवेयर ई-ऑफिस सिस्टम में कर्मचारी सेवा पुस्तकों, कर्मचारियों के अवकाश एवं यात्रा रिकॉर्ड, जीपीएफ, ग्रेच्युटी और पेंशन लाभों के डिजिटलीकरण की सुविधा प्रदान करता है। ई-एचआरएमएस की तैनाती के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार डीएआरपीजी के सहयोग से एक परियोजना प्रस्ताव तैयार करेगी।

जम्मू-कश्मीर सरकार ने कारोबारी सुगमता में एक उल्‍लेखनीय बदलाव दर्ज किया है। डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिये डेढ़ सौ ई-सेवाएं प्रदान की जाती हैं। 150 ई-सेवाओं की गुणवत्ता और नागरिक संतुष्टि को जम्मू-कश्मीर ई-सेवा डिलिवरी आकलन द्वारा बेंचमार्क किया जाएगा। इसका उद्देश्य आम नागरिक के जीवन को सुगम बनाना, शासन एवं प्रशासन की दक्षता एवं भावशीलता में सुधार लाना है। इस पहल के तहत फरवरी 2022 तक पहले डेटा सेट का विश्लेषण किया जाएगा।

डीएआरपीजी के सचिव श्री वी. श्रीनिवास और जम्मू-कश्मीर सरकार के मुख्य सचिव श्री अरुण कुमार मेहता के बीच अगली बैठक 7 फरवरी 2022 को होगी।

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