विविध और चक्रीय नवीकरणीय ऊर्जा तथा महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखलाएं, भारत के ऊर्जा स्रोतों में बदलाव की प्रक्रिया में प्रमुख भूमिका निभाएंगी: बी.एस. भल्ला

हरित रोजगार सृजन के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं को विविधता लायी जायेगी: आलोक कुमार

0

नई दिल्ली ,4अप्रैल। भारत की जी20 अध्यक्षता के अंतर्गत ऊर्जा स्रोतों में बदलाव पर जी20 कार्य समूह की दूसरी बैठक के हिस्से के रूप में, भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, खान मंत्रालय और ऊर्जा मंत्रालय ने गांधीनगर, गुजरात में आधिकारिक सह-कार्यक्रम “ऊर्जा स्रोतों में बदलाव को आगे बढ़ाने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा और महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाना” की मेजबानी की। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद (सीईईडब्ल्यू) द्वारा समर्थित इस कार्यक्रम में ऊर्जा स्रोतों में बदलाव के लिए मूल्य श्रृंखलाओं में चक्रीयता को बढ़ावा देने समेत नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) और महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने और इन्हें सुरक्षित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के सचिव भूपिंदर सिंह भल्ला ने अपने मुख्य भाषण में कहा, “भारत अपनी जी20 अध्यक्षता के तहत राजनेताओं, विशेषज्ञों, सरकारी अधिकारियों, ऊर्जा क्षेत्र को वित्त उपलब्ध कराने वाली संस्थाओं और अन्य प्रमुख हितधारकों की मेजबानी करने में गर्व महसूस करता है, ताकि वे विविध आपूर्ति श्रृंखलाओं और विनिर्माण के वितरण-आधारित विस्तार के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा से जुड़े लागत प्रभावी और जोखिम-रहित पैमाने के विस्तार की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित कर सकें। हम आशा करते हैं और हमें उम्मीद है कि आज के विचार-विमर्श सामूहिक परिवर्तन के घटकों की पहचान करने में मदद करेंगे, जो दुनिया को अक्षय ऊर्जा के तेजी से विस्तार के मार्ग पर आगे बढ़ाएगा और लोगों के लिए ऊर्जा सुरक्षा, सामर्थ्य तथा जीवन की बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित करेगा।“ भूपिंदर सिंह भल्ला ने कहा कि आर्थिक व्यवधानों की एक श्रृंखला ने दुनिया को उन जोखिमों के सामने ला खड़ा किया है, जो विश्व स्तर पर स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों में बदलाव की प्रक्रिया की गति को धीमा कर रहे हैं और ऊर्जा सुरक्षा के बारे में चिंताएं बढ़ा रहे हैं।

भूपिंदर सिंह भल्ला, सचिव, एमएनआरई 3 अप्रैल 2023 को गांधीनगर, गुजरात में ऊर्जा स्रोतों में बदलाव पर जी20 कार्य समूह की दूसरी बैठक के सह- कार्यक्रम, “ऊर्जा स्रोतों में बदलाव को आगे बढ़ाने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा और महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाना” में मुख्य भाषण देते हुए।

बैठक के लिए संदर्भ विषय के बारे में खान मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज ने अपने मुख्य भाषण में कहा कि अधिकांश महत्वपूर्ण खनिज भंडार 15 देशों में हैं। “मानव जाति ने कई संकटों का मुकाबला किया है – चाहे ओजोन परत का क्षरण हो, कोविड महामारी हो या 1970 के दशक का ऊर्जा संकट हो। मुझे यकीन है कि हम खनिजों की अहमियत से जुड़े समाधान निकालने में भी सक्षम होंगे। भारत सरकार देश को सुरक्षित बनाने की दिशा में काम कर रही है।

खान मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज 3 अप्रैल 2023 को गांधीनगर, गुजरात में ऊर्जा स्रोतों में बदलाव पर जी20 कार्य समूह की दूसरी बैठक के सह- कार्यक्रम, “ऊर्जा स्रोतों में बदलाव को आगे बढ़ाने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा और महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाना” में मुख्य भाषण देते हुए।

गुजरात सरकार के ऊर्जा और पेट्रो-रसायन विभाग की प्रधान सचिव ममता वर्मा ने भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने में गुजरात की भूमिका के बारे में बात की। उन्होंने कहा, “गुजरात अपनी नवीकरणीय ऊर्जा नीतियों और विनिर्माण क्षमताओं को आगे बढ़ाने में विशेष ध्यान दे रहा है। हमें आपूर्ति श्रृंखलाओं, एक मजबूत आर एंड डी व्यवस्था एवं अन्य नवीकरणीय ऊर्जा पार्कों को मजबूत करने के लिए एक अच्छी रूपरेखा बनाने की आवश्यकता है, ताकि नए विनिर्माण केंद्र विकसित हो सकें।

ऊर्जा स्रोतों में बदलाव पर कार्य समूह के अध्यक्ष आलोक कुमार, सचिव, ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि हाल ही में ऊर्जा स्रोतों में बदलाव पर कार्य समूह की बैठकों में इन बातों पर आम सहमति रही है कि नेट-जीरो लक्ष्य तक पहुँचने में नवीकरणीय ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका होगी और सुलभ आपूर्ति श्रृंखला महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने कहा, “भारत जैसे बड़े देश के लिए, आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने का अर्थ होगा, बड़े पैमाने पर स्थानीय विनिर्माण, इस प्रकार हरित रोजगार पैदा होंगे। चक्रीय अर्थव्यवस्था और बैटरी भंडारण के लिए वैकल्पिक प्रौद्योगिकियां भी महत्वपूर्ण होंगी।“

सीईईडब्ल्यू के सीईओ डॉ. अरुणाभ घोष ने जोर देकर कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के लिए एक त्वरित, सहनीय और समावेशी परिवर्तन तभी संभव होगा, जब देश प्रमुख प्रौद्योगिकियों की निर्बाध और किफायती आपूर्ति श्रृंखलाओं तक पहुंच सुनिश्चित कर सकें। उन्होंने कहा, “अपनी जी20 अध्यक्षता के माध्यम से, भारत विस्तार और विविधीकरण रणनीतियों की जानकारी देने तथा व्यापार में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक आरई विनिर्माण क्षमता और व्यापार प्रवाह की व्यापक निगरानी को बढ़ावा दे सकता है।”

इस कार्यक्रम में उद्योग, शिक्षा और नीति-निर्माण से क्षेत्र के प्रमुख विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम में दो रिपोर्ट लॉन्च की गयीं – सीईईडब्ल्यू की ‘विश्व स्तर पर स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों में बदलाव के लिए सहनीय अक्षय ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखलाओं का विकास करना’, और सीईईडब्ल्यू, अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए), इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसपोर्टेशन स्टडीज यूसी डेविस और वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट इंडिया (डब्ल्यूआरआईआई) की रिपोर्ट “महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति श्रृंखला की कमियों का समाधान करना।“ इसमें नवीकरणीय ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुनिश्चित करने एवं उत्पादन और चक्रीयता को बढ़ाकर खनिज मूल्य श्रृंखला को मजबूत करने पर दो पैनल चर्चाएँ भी शामिल थीं।

पैनल 1: नवीकरणीय ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुनिश्चित करना (बाएं से दाएं: अरुणाभ घोष, सीईओ, सीईईडब्ल्यू, डॉ. वी अनबुमोझी, निदेशक, अनुसंधान रणनीति और नवाचार, ईआरआईए, भूपिंदर सिंह भल्ला, सचिव, एमएनआरई, डॉ. अजय माथुर, महानिदेशक, आईएसए, डॉ. ब्रायन मदरवे, प्रमुख, ऊर्जा दक्षता प्रभाग, आईईए और डॉ. प्रदीप थराकन, निदेशक, ऊर्जा संक्रमण, एडीबी)

 

पैनल 2: उत्पादन और चक्रीयता को बढ़ाकर खनिज मूल्य श्रृंखला को मजबूत को मजबूत करना (बाएँ से दाएँ: ऋषभ जैन, सीईईडब्ल्यू, आरआर मिश्रा, सह-अध्यक्ष, सीआईआई नेशनल कमेटी ऑन पावर, और एमडी, अप्रावा एनर्जी लिमिटेड, विवेक भारद्वाज, सचिव, खान मंत्रालय; गौरी सिंह, उप महानिदेशक, आईआरईएनए, राजर्षि गुप्ता, प्रबंध निदेशक, ओएनजीसी विदेश लिमिटेड, मयंक चौधरी, यूनिट हेड फॉर साउथ एशिया, प्राइवेट सेक्टर ऑपरेशंस, एडीबी।)

डॉ. वीना कुमारी डी, संयुक्त सचिव, खान मंत्रालय और दिनेश डी जगदाले, संयुक्त सचिव, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने समापन भाषण दिया, जिसमें उन्होंने आगे के रास्ते, संसाधनों के सावधानीपूर्वक उपयोग, सहनीय आपूर्ति श्रृंखलाओं और नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने के लिए पर्याप्त प्रौद्योगिकियां सुनिश्चित किये जाने के बारे में बात की।

वक्ताओं में केनिची योकोयामा, महानिदेशक, दक्षिण एशिया क्षेत्रीय विभाग, एशियाई विकास बैंक (एडीबी), डॉ. ब्रायन मदरवे, प्रमुख, ऊर्जा दक्षता प्रभाग, अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए), डॉ. अजय माथुर, महानिदेशक, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए), ऋषभ जैन, सीनियर प्रोग्राम लीड, सीईईडब्ल्यू, सुश्री गौरी सिंह, उप महानिदेशक, आईआरईएनए, राजर्षि गुप्ता, प्रबंध निदेशक, ओएनजीसी विदेश लिमिटेड, राजीव रंजन मिश्रा, सह-अध्यक्ष, सीआईआई नेशनल कमेटी ऑन पावर और एमडी, अप्रावा एनर्जी लिमिटेड, मयंक चौधरी, यूनिट हेड फॉर साउथ एशिया, प्राइवेट सेक्टर ऑपरेशंस, एडीबी, डॉ वी अनबुमोझी, निदेशक, अनुसंधान रणनीति और नवाचार, आसियान और पूर्वी एशिया के लिए आर्थिक अनुसंधान संस्थान (ईआरआईए) और डॉ प्रदीप थराकन, निदेशक, एनर्जी ट्रांजीशन, एडीबी शामिल थे।

Leave A Reply

Your email address will not be published.