`पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने काला बिल्ला लगाकर राहुल गांधी के समर्थन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं संग किया मौन सत्याग्रह

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भोपाल , 13जुलाई। मोदी सरनेम मामले में कोर्ट से राहुल गांधी को राहत नहीं मिली है, जिसके बाद इस मसले को लेकर कांग्रेस लगातार प्रदर्शन कर रही है। इसी कड़ी में आज कांग्रेस पूरे देश में मौन सत्याग्रह कर रही है। AICC ने राहुल गांधी के प्रति समर्थन और एकजुटता दिखाने के लिए ये मौन सत्याग्रह रखा है। इसी के तहत राजधानी भोपाल में भी कांग्रेस जनों ने मौन सत्याग्रह किया।

पीसीसी मुख्यालय के बाहर बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता काला बिल्ला लगाकर मौन सत्याग्रह पर बैठे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव समेत तमाम सीनियर नेता इस सत्याग्रह में शामिल हुए। सत्याग्रह शुरू होने से पूर्व कांग्रेस नेताओं ने कहा कि राहुल गांधी को संसद से बाहर रखने का जो षड्यंत्र रचा गया है, उसके खिलाफ कांग्रेस देशव्यापी मौन सत्याग्रह कर रही है।

उधर, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के ऐतिहासिक गांधी मैदान से भी कांग्रेस के इस सत्याग्रह की तस्वीरें आई है। यहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव, प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा, पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम समेत सत्ता और संगठन के कई बड़े चेहरे एक साथ मौन रहकर विरोध जता रहे हैं। यहां महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने सुबह 10 बजे से प्रदर्शन जारी है जो शाम 5 बजे तक होगा। प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा प्रदर्शन में शामिल होने के लिए सुबह की फ्लाइट से रायपुर पहुंची थीं।

दरअसल, गुजरात हाईकोर्ट ने मोदी सरनेम वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध खारिज कर दिया है। सांसद पद गंवाने के बाद हाईकोर्ट ने भी राहुल को राहत नहीं दी है। जिसके बाद कांग्रेस कोर्ट के इस फैसले को लेकर असहमति जता रही है।

धरने में शामिल हुए मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल ने कहा, ‘राहुल गांधी पर कार्रवाई सरकार का तानाशाह रवैया है। राहुल गांधी कह चुके हैं कि वे किसी से डरते नहीं हैं, भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाते रहेंगे।’ कांग्रेस प्रभारी ने अमित शाह के भोपाल के दौर को लेकर कहा कि भाजपा का डर दिखाई दे रहा है। बेचारे परेशान हैं। 5 दौरे तो प्रधानमंत्री मोदी के हो गए। शाह भी कई बार आ चुके हैं। इसका मतलब है कि मुख्यमंत्री पर भरोसा नहीं है। भाजपा की हालत दयनीय स्थिति में है।’

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