राज्यपाल मणिपुर उइके ने पूर्व सैनिक सेवा परिषद, नई दिल्ली के सदस्यों / दल को राजभवन में दोपहर भोज दिया

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नई दिल्ली, 17अप्रैल। माननीय अनुसुईया उइके राज्यपाल मणिपुर ने 13 अप्रैल 2023 को अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद, नई दिल्ली के सदस्यों / दल को राजभवन मणिपुर में दोपहर भोज दिया। इस दल में अधिकारियों एवं पदाधिकारियों सहित करीब 64 सदस्य शामिल थे। उल्लेखित है कि यह संस्था पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिये कार्य करने वाली एनजीओ के रूप में पंजीकृत संस्था है जिसे की रक्षा मंत्रालय भारत सरकार से मान्यता प्राप्त है। यह संस्था 1995 से कार्य कर रही है और सम्पूर्ण भारत में इसके 1.20 लाख सदस्य हैं।

संस्था प्रतिवर्ष सम्पूर्ण भारत के अपने सदस्यों में से कुछ पूर्व सैनिकों को युद्ध अथवा स्वतंत्रता संग्राम के एतिहासिक स्थलों में ले जाकर वहॉं कार्यक्रम आयोजन करती हैं। इसी कड़ी में इस वर्ष यह दल मणिपुर के विष्णुपुर जिले में स्थित मायरांग आई.एन.ए. मुख्यालय जहॉं कि नेताजी सुभाषचन्द्र बोस ने प्रथम बार 14 अप्रैल 1944 को भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा झंडा फहराया था। वहॉं दिनॉंक 14 अप्रैल 2023 को जाकर मायरांग उत्सव आयोजित करेगें।

इस अवसर पर संस्था के मणिपुर इकाई अध्यक्ष निशिकांत एवं दिल्ली के राजीव गुप्ता ने संस्था द्वारा किये जा रहे कार्यो का विस्तार से विवरण दिया एवं दोपहर भोज के लिये राज्यपाल का आभार प्रकट किया।

इस कार्यक्रम को राज्यपाल अनुसुईया उइके जी ने भी संबोधित किया उन्होंने सर्वप्रथम जलियांवाला बाग हत्याकांड के स्मृति दिवस पर भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले अमर बलिदानियों को कोटिशः नमन किया और कहा कि कृतज्ञ राष्ट्र बलिदानियों के त्याग व सर्वस्व समर्पण के लिए सदैव ऋणी रहेगा।

उन सभी क्रांतिकारी शहीदों को भी नमन किया जिन्होंने मणिपुर की संप्रभुता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। आगे कहा कि यह सदैव स्मरीण रहेगा कि कोडोम पोकपी की लड़ाई ने मणिपुर के स्वतंत्रता संग्राम की दिशा निर्धारित की थी और यह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।

 

उन्होंने सैनिकों से कहा कि ऐतिहासिक स्थल इंडियन नेशनल आर्मी परिसर मोइरांग में आपके द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराना अत्यन्त गौरव की बात है। भारतीय राष्ट्रीय सेना मेमोरियल काम्पलेक्स, बिष्णुपुर की स्थापना 1969 में एन आई ए शहीदों के साहस और बलिदान को श्रद्धांजलि देने के लिए की गई थी।सुभाषचंद्र बोस और उनकी इंडियन नेशनल आर्मी ने देशभक्ति को जगाने के लिए देश में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।

उनकी देशभक्ति का जोश मातृभूमि के लिए दुनिया भर में संघर्ष कर रहे लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने तत्कालीन समय में भारत के लिए पूर्ण स्वतंत्रता का प्रयास किया था और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को सक्रिय रखने का प्रयास किया।

यह गौरव की बात है कि स्वतंत्रता संग्राम में मणिपुर के निवासियों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रही है, आई.एन.ए. द्वारा लड़ी गई अधिकांश लड़ाइयां मणिपुर में लड़ी गई थीं। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान प्रदेशवासियों ने अपने प्राणों की आहुति दी। जब मोइरांग के आसपास के सभी गांव ब्रिटिश और सहयोगी सेनाओं के कब्जे से मुक्त हो गए थे तब युद्ध के दौरान लगभग एक लाख सैनिकों के लिए मणिपुरियों ने भोजन सामग्री की आपूर्ति की थी। नेताजी हर भारतीय के मन में अमर हैं। सुभाषचंद्र बोस का जीवन सभी भारतीयों के लिए प्रेरणास्त्रोत है।

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