भारतीय सेना ने मनाया विश्व पर्यावरण दिवस

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नई दिल्ली,06जून। भारतीय सेना ने सोमवार को दिल्ली कैंट के मानेकशॉ सेंटर में ‘पर्यावरण संगोष्ठी’ एवं ‘प्रदर्शन सह प्रदर्शनी’ का आयोजन करते हुए विश्व पर्यावरण दिवस मनाया। यह केंद्रीय समारोह भारतीय सेना के सभी सैन्य स्टेशनों में मई 2023 के तीसरे सप्ताह में पर्यावरण जागरूकता अभियानों एवं स्वच्छता अभियानों की एक श्रृंखला के समापन को चिह्नित करता है।

समारोह की अध्यक्षता भारतीय सेना के उपप्रमुख, लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने की और इसमें सेना के क्वार्टरमास्टर जनरल, लेफ्टिनेंट जनरल राजिंदर दीवान, नौसेना के सामग्री प्रमुख, वाइस एडमिरल संदीप नैथानी, प्रशासन प्रभारी एयर मार्शल आरके आनंद और तीनों सेनाओं तथा मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।

समारोह में ‘ओलिव ग्रीन-डिफेंडिंग ग्रीन’ नामक एक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया, जिसमें प्रख्यात पर्यावरणविदों ने अपशिष्ट प्रबंधन, पर्यावरण के लिए जीवन शैली, नेट ज़ीरो घरों और कार्यालयों जैसे महत्वपूर्ण पर्यावरणीय मुद्दों पर बातचीत की। इंदौर के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन मॉडल के सुत्रधार सैयद असद अली वारसी ने ‘सर्कुलर इकोनॉमी’ को प्राप्त करने के लिए ‘ठोस अपशिष्ट प्रबंधन’ के लिए एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने वाली अपनी विशेषज्ञता और अनुभवों को साझा किया। एक अनुभवी आईएएस अधिकारी, डॉ ओपी अग्रवाल ने पर्यावरण के लिए जीवन शैली के अनुरूप व्यवहार करने एवं सांस्कृतिक परिवर्तन लाने की आवश्यकताओं पर स्पष्ट रूप से चर्चा किया। मेजर जनरल एसएस पाटिल, जिन्होंने उधमपुर सैन्य स्टेशन में ‘जीरो वेस्ट टू लैंडफिल’ अपशिष्ट प्रबंधन मॉडल की अवधारणा, योजना तैयार किया एवं उसका निष्पादन किया, उन्होंन अपनी सफलता की कहानी इस समारोह में साझा की। प्रख्यात पर्यावरणविद श्रीमती राधिका आनंद ने ‘नेट जीरो होम्स एंड ऑफिस’ को प्राप्त करने की दिशा में व्यावहारिक और सरल समाधान प्रस्तुत किया।

लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने अपने समापन भाषण में सभी लोगों से पर्यावरण के लिए एकसमान जीवन शैली अपनाने और पर्यावरण स्रोत से कचरे को अलग करने का आग्रह किया। उन्होंने डी-कार्बोनाइजेशन एवं सतत विकास की दिशा में भारतीय सेना द्वारा किए जा रहे निरंतर प्रोत्साहन का भी उल्लेख किया।

एक विषयगत ‘डिस्प्ले कम प्रदर्शनी’ में शहरी जीवन शैली में ग्रीन मैजिक – एनसीआर के स्वयंसेवी शहरी बागवानों में शहरी सीमाओं के अंतर्गत हरे-भरे स्थलों का निर्माण करने की अवधारणा का प्रदर्शन किया गया। एनटीपीसी ने हरित हाइड्रोजन एवं नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शनी में नमामि गंगे परियोजना और हिमालय के पारिस्थितिक की पुनः स्थापना करने की दिशा में सेना के इको-टेरिटोरियल आर्मी बटालियन की कोशिशों को भी शामिल किया गया।

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