खनिज और धातु क्षेत्र में संसाधन दक्षता और सर्कुलर इकोनॉमी पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 25 अगस्त से नई दिल्ली में
केन्द्रीय इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया 26 अगस्त, 22 को उद्घाटन करेंगे
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेटल्स दिल्ली चैप्टर 25-27 अगस्त, 2022 के दौरान नई दिल्ली के प्रगति मैदान (हॉल नंबर 5), में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी (एमएमएमएम2022) के 13वें संस्करण का आयोजन करेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना से प्रेरित इस वर्ष के सम्मेलन का विषय “रिसोर्स एफिशिएंसी एंड सर्कुलर इकोनॉमी इन मिनरल एंड मेटल सेक्टर्स” है। सम्मेलन का उद्देश्य कच्चे अयस्क को निकालने पर निर्भरता को कम करने के लिए सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए दीर्घकालिक उपायों की पहचान करना और पर्यावरण के अनुकूल, किफायती, ऊर्जा कुशल रणनीतियों, नीतियों और कार्य प्रणालियों को विकसित करने के लिए धातु उद्योग के लिए सिफारिश और दृष्टिकोण तैयार करना है।
सम्मेलन का उद्घाटन 26 अगस्त 22 को केन्द्रीय इस्पात और नागर विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया करेंगे।
बड़े पैमाने पर जीएचजी उत्सर्जन और इसका मुकाबला करने के लिए तकनीकी विकल्पों की उपलब्धता की कमी के कारण धातु क्षेत्र को “हार्ड टू अबेट” क्षेत्र माना जाता है। इससे सर्कुलर इकोनॉमी के सिद्धांत को अपनाकर निपटा जा सकता है क्योंकि पुनर्चक्रण में ऊर्जा की आवश्यकता 70-90 प्रतिशत तक कम हो जाती है। महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के आधार पर सर्कुलर उपायों को अपनाने से मजबूत सर्कुलर इकोनॉमी के लिए 6आर के सिद्धांतों- रीड्यूस (कम करने) रीसायकल (पुनर्चक्रण), रीयूज (पुन: उपयोग), रीकवर (बहाल करना), रीडिजाइन (पुन: डिज़ाइन) और रीमेन्यूफैक्चर (पुन: निर्माण) को अपनाते हुए एक स्थायी धातु क्षेत्र बनाने में योगदान हो सकता है।
स्टील को अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है और अलौह धातु, जैसे एल्यूमीनियम, तांबा, जस्ता और सीसा का व्यापक रूप से बिजली पारेषण, विद्युत उपकरणों, विमानन और अन्य औद्योगिक एप्लिकेशन में उपयोग किया जाता है। भारत में लोहा, एल्यूमीनियम, तांबा, जस्ता, सीसा, क्रोमियम, मैंगनीज आदि का बड़ा भंडार है। लौह और अलौह धातु दोनों उद्योग देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
देश और विदेश में धातु और खनिज उद्योगों का प्रतिनिधित्व करने वाले कई प्रमुख विशेषज्ञ/वैज्ञानिक/प्रौद्योगिकीविद सम्मेलन में भाग लेंगे। सम्मेलन संसाधन दक्षता, लीन ग्रेड अयस्कों का उपयोग, स्लैग और सह-उत्पादों का उपयोग, ऊर्जा और पर्यावरण, डीकार्बोनाइजेशन और हरित धातु उत्पादन जैसे क्षेत्रों की नवीनतम जानकारी और नवाचारों पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के साथ-साथ हाइव इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से अनेक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की भागीदारी के साथ एक प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही है। प्रदर्शनी में कटिंग और वेल्डिंग उपकरण, मशीन टूल्स, मशीनरी, इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग, हैंड टूल्स और फास्टनर पर छह अन्य प्रदर्शनियां भी आयोजित की जाएंगी।