ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने हवाई अड्डों पर भीड़ कम करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में दी जानकारी

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नई दिल्ली, 16दिसंबर। नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा कि व्यवस्थित दृष्टिकोण के माध्यम से विभिन्न हवाईअड्डों पर भीड़ को कम किया गया है। उन्होंने नई दिल्ली में मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हवाईअड्डों पर भीड़ कम करने के लिए उठाए जा रहे व्यापक उपायों की जानकारी दी। ये उपाय पिछले त्योहारी मौसम के दौरान सामने आई चुनौतियों को देखते हुए उठाए गए हैं और इसका उद्देश्य सभी यात्रियों के लिए एक सुगम और कुशल यात्रा अनुभव सुनिश्चित करना है। इस अवसर पर नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल डॉ. विजय कुमार सिंह (सेवानिवृत) और मंत्रालय में सचिव वुमलुनमंग वुअल्नम भी उपस्थित थे।

मंत्री ने बताया कि पिछले साल त्योहारी मौसम/सर्दियों- 2022 के दौरान प्रमुख हवाईअड्डों पर भीड़ की समस्या देखी गई थी। यह चिंता का कारण बन गई थी क्योंकि, यात्रियों को विभिन्न संपर्क स्थलों पर यात्रा संबंधित प्रक्रियाओं के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा था। केंद्रीय मंत्री ने दिसंबर, 2022 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा के लिए व्यक्तिगत रूप से दिल्ली हवाईअड्डे का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने हवाईअड्डे की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने के साथ बुनियादी ढांचे में जरूरी विकास के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता और चेन्नई जैसे अन्य प्रमुख हवाईअड्डा संचालकों को भी यात्री प्रसंस्करण में बाधाओं की पहचान करने और बढ़ती यात्री मांगों को पूरा करने के लिए अपनी क्षमताओं को बढ़ाने का निर्देश दिया गया, जिससे आगामी त्योहारी मौसम और यात्रियों की अधिक संख्या के दौरान ऐसी स्थिति दोबारा उत्पन्न न हो। इसके बाद सितंबर, 2023 में 10 और हवाईअड्डों की पहचान की गई, जहां हवाईअड्डा परिचालकों को जहां भी आवश्यकता हो, अपनी क्षमता बढ़ाकर भविष्य में भीड़ को कम करने के लिए सक्रिय उपाय करने के लिए जागरूक किया गया। भीड़भाड़ के कारणों की पहचान करने के साथ इसे दूर करने की कार्य योजना तैयार की गई और उसे कार्यान्वित किया गया।

इन बाधाओं को दूर करने और बुनियादी ढांचे की उपलब्धता में सुधार करने के लिए कई उपाय किए गए हैं, जिनका सारांश निम्नलिखित है:
1. दिल्ली, मुंबई और अन्य हवाईअड्डों पर वेटिंग लाउन्ज, रिटेल आउटलेट्स, ऑफिस की जगह को हटा कर दिया गया है, जिससे वहां अधिक यात्री बुनियादी सुविधाओं को समायोजित करने के लिए जगह बनाई जा सके।

2. यात्रियों को प्रतीक्षा समय के बारे में सूचित करने के लिए प्रवेश और पुलिस नाका स्थलों पर प्रतीक्षा समय स्क्रीन लगाई गई हैं।

3. अतिरिक्त प्रवेश द्वार/लेनें खोल दी गई हैं।

4. हवाईअड्डे परिचालकों ने स्वचालित प्रवेश की सुविधा के लिए प्रवेश द्वारों पर 2डी बार कोड स्कैनर लगाए और एयरलाइन्स को सलाह दी गई कि वे यात्रियों को जारी किए गए टिकटों पर बार कोड सुनिश्चित करें, जिससे यात्रियों के सुचारू प्रवेश की सुविधा के लिए इसे बार कोड स्कैनर द्वारा पढ़ा जा सके।

5. यात्रियों की सहायता के लिए सहायक कर्मियों की तैनाती की गई है।

6. प्रवेश और सुरक्षा जांच क्षेत्र, दोनों पर प्रतीक्षा क्षेत्र बढ़ा दिया गया है।

7. हवाईअड्डा परिचालकों को जगह की उपलब्धता के अनुरूप खुद बैग ड्रॉप सुविधा स्थापित करने की सलाह दी गई है।

8. एयरलाइन्स को सभी चेक-इन/बैगेज ड्रॉप काउंटरों पर पर्याप्त कर्मियों तैनात करने की सलाह दी गई है।

9. हवाई जहाज पर सवार होने से पहले सुरक्षा जांच स्थलों पर एक्स-रे मशीनों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की गई है।

10. हवाईअड्डे के पारगमन को निर्बाध बनाने के लिए यात्रियों को रियल टाइम पर अपडेट प्रदान करने के लिए सोशल मीडिया मंचों का उपयोग।

11. सुगम यात्रा अनुभव के लिए हवाईअड्डों पर चरणबद्ध तरीके से डिजी यात्रा शुरू की गई है।

12. भीड़ कम करने के उपायों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए हवाईअड्डा परिचालकों, एयरलाइन्स और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के स्तर पर दैनिक आधार पर निगरानी।

इसके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि आव्रजन काउंटरों पर 100 फीसदी कर्मचारी सुनिश्चित करने के लिए गृह मंत्रालय/आव्रजन ब्यूरो से संपर्क किया गया है। इसके अलावा क्षमता में बढ़ोतरी करके संबंधित हवाईअड्डों पर स्वीकृत संख्या को बढ़ाने के लिए सीआईएसएफ की तैनाती बढ़ाने के संबंध में गृह मंत्रालय/सीआईएसएफ को भी सक्रिय रूप से तैयार किया गया है। इसके अलावा हवाईअड्डा परिचालकों को आव्रजन/उत्प्रवासन काउंटरों और सुरक्षा मशीनों की संख्या में बढ़ोतरी के लिए भी कहा गया है। इसके साथ ही बीओआई और सीआईएसएफ से इस उन्नत बुनियादी ढांचे को संचालित करने के लिए अपने कर्मियों की संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया गया है।

मंत्री ने कहा कि डिजी यात्रा 13 हवाईअड्डों पर शुरू की गई है। इसकी शुरुआत के बाद से 91 लाख से अधिक यात्रियों ने हवाईअड्डों के माध्यम से यात्रा करने के लिए डिजी यात्रा की सुविधा का लाभ उठाया है। इसके अलावा साल 2024 के दौरान 14 और हवाईअड्डों यानी चेन्नई, भुवनेश्वर, कोयंबटूर, डाबोलिम, मोपा गोवा, इंदौर, बागडोगरा, चंडीगढ़, रांची, नागपुर, पटना, रायपुर, श्रीनगर और विशाखापत्तनम पर डिजी यात्रा की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से सभी हवाईअड्डों पर डिजी यात्रा की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी।

मंत्री हवाईअड्डों पर भीड़ कम करने के लिए चिन्हित हवाईअड्डा परिचालकों और बीसीएएस के साथ साप्ताहिक आधार पर शमन उपायों की समीक्षा कर रहे हैं और प्रमुख हवाईअड्डों पर विकास के तहत महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की प्रगति की निगरानी भी कर रहे हैं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि दिल्ली हवाईअड्डे के अत्याधुनिक टर्मिनल-1 बिल्डिंग पर चौथे रनवे और ईस्टर्न क्रॉस टैक्सी-वे की शुरुआत, बेंगलुरु हवाई अड्डे पर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय परिचालन के साथ नए टी2 टर्मिनल की शुरुआत, हैदराबाद हवाईअड्डे पर विस्तारित टर्मिनल बिल्डिंग हवाईअड्डा, मुंबई हवाईअड्डे पर 3 और सुरक्षा लेन जोड़कर पूर्व-आरोहण सुरक्षा जांच क्षेत्र का पुनर्गठन, जल्द ही लखनऊ हवाई अड्डे पर नया टर्मिनल भवन पूरा किया जाएगा। इसकी आशा की जाती है कि ये हवाईअड्डे अधिक संख्या में यात्रियों को कुशलतापूर्वक संभालने में सक्षम होंगे और यात्रियों के लिए आरामदायक व बाधा मुक्त यात्रा सुनिश्चित करेंगे।

आने वाले दिनों में गुवाहाटी और पटना हवाईअड्डों पर बढ़ी हुई क्षमता वाले नए टर्मिनल भवनों को संचालित किया जाएगा, जिससे इन हवाईअड्डों पर यात्री प्रबंधन क्षमता को बढ़ावा मिलेगा। नोएडा (जेवर) और नवी मुंबई हवाईअड्डों पर नए हरित क्षेत्र हवाईअड्डों का परिचालन इनके क्रमश: निकटवर्ती दिल्ली और मुंबई हवाईअड्डों की क्षमताओं की बढ़ोतरी में सहायक होगा।

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