ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने नई दिल्ली स्थित जेआईएमएस के छात्रों एवं शिक्षकों के साथ “मन की बात की 100वीं कड़ी” से जुड़े कार्यक्रम में लिया भाग

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नई दिल्ली, 01मई। केन्द्रीय नागर विमानन तथा इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया नई दिल्ली के कालकाजी स्थित जगन्नाथ इंटरनेशनल मैनेजमेंट स्कूल (जेआईएमएस) के छात्रों एवं शिक्षकों के साथ “मन की बात” कार्यक्रम की 100वीं कड़ी के प्रसारण में शामिल हुए।

दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किया गया ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम पहली बार 3 अक्टूबर 2014 को प्रसारित किया गया था और आज इसकी 100वीं कड़ी पूरी हो गई है। पिछले नौ वर्षों के दौरान, यह कार्यक्रम 100 मिलियन श्रोताओं तक पहुंच गया है और 11 विदेशी भाषाओं सहित 52 भाषाओं एवं बोलियों में प्रसारित किया जाता है।

कार्यक्रम की शुरुआत से पहले सभा को संबोधित करते हुए, ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा कि पिछले नौ वर्षों के दौरान ‘मन की बात’ कार्यक्रम ‘लोगों का कार्यक्रम’ बन गया है और यह संस्कृति, विविधता एवं संवाद को बढ़ावा देकर देश को एकजुट करने के एक मंच के रूप में कार्य करता है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम अपनी प्रकृति में ही लोकतांत्रिक है और नागरिकों को मासिक आधार पर सीधे प्रधानमंत्री से जुड़ने में सक्षम बनाता है। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि कैसे प्रधानमंत्री ने लाखों लोगों को भारत की विकास यात्रा में भाग लेने के लिए प्रेरित करते हुए इस कार्यक्रम को एक मासिक राष्ट्रीय परंपरा बना दिया है।

‘मन की बात’ जैसे मंच ने प्रधानमंत्री को नागरिकों के साथ एक व्यक्तिगत संबंध बनाने में समर्थ बनाया है। इसमें वह न केवल अपने व्यक्तिगत विचार साझा करते हैं बल्कि लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं पहलों के बारे में सूचित करते हैं और राष्ट्र निर्माण एवं शासन में लोगों की भागीदारी को बढ़ावा देते हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने अपने संबोधन के लिए बार-बार नागरिकों से सुझाव भी मांगे हैं, जिनकी मदद से यह कार्यक्रम धरातल पर अपेक्षाकृत और अधिक मजबूत हुआ है।

‘मन की बात’ कार्यक्रम ने स्वच्छता, स्वास्थ्य, महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और सतत विकास लक्ष्यों से जुड़े अन्य मुद्दों पर समुदाय-आधारित कार्रवाई को उत्प्रेरित किया है। केन्द्रीय मंत्री ने इस कार्यक्रम को ‘भारत की एक साझा पहचान’ कहा क्योंकि इसने जल संरक्षण, महिला एवं बाल विकास, अंग दान, उद्यमशीलता आदि जैसे विभिन्न सामाजिक मुद्दों को कवर करके भारतीय आबादी को सशक्त बनाया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात’ में अपने संबोधन में कहा कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम करोड़ों भारतीयों के ‘मन की बात’ का प्रतिबिंब है और उनकी भावनाओं की अभिव्यक्ति है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मन की बात’ ने उन्हें आमलोगों से जुड़ने का एक उपाय प्रदान किया और यह उनके लिए महज एक कार्यक्रम नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा है। कुछ विशेष पलों को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने लोकप्रिय “सेल्फी विद डॉटर” अभियान के पीछे के व्यक्तित्व श्री सुनील जागलान, अपने अनूठे लोटस फाइबर के माध्यम से महिलाओं को रोजगार प्रदान करने वाली मणिपुर की सुश्री विजयशांति और हीलिंग हिमालयाज फाउंडेशन के संस्थापक एवं प्रमोटर प्रदीप सांगवान के बारे में बात की।

आईआईएम रोहतक के एक सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में लगभग 96 प्रतिशत लोग ‘मन की बात’ से परिचित हैं। कुल 100 करोड़ से अधिक लोगों ने कम से कम एक बार इस कार्यक्रम को सुना है और लगभग 23 करोड़ लोगों ने इस कार्यक्रम को नियमित रूप से देखा/सुना है। ‘मन की बात’ कार्यक्रम नागरिकों के व्यवहार, विचारों और मानसिक स्थिति को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। कुल 60 प्रतिशत श्रोताओं ने राष्ट्र निर्माण के कार्य में सकारात्मक रूप से योगदान देने में रुचि दिखाई है।

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