फोटोग्राफर अंकित सक्सेना मर्डर केस में तीन को आजीवन कारावास, जानें देश भर की अदालतों में आज कौन-कौन से हुए बड़े फैसले

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नई दिल्ली, 08 मार्च। दिल्ली की एक अदालत ने अंतर धार्मिक प्रेम संबंधों के कारण फरवरी 2018 में फोटोग्राफर अंकित सक्सेना की दिनदहाड़े की गई हत्या के मामले में तीन आरोपियों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने दोषियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. विशेष लोक अभियोजक विशाल गोसाईं और रेबेका मैमन जॉन ने अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी की. पिछले साल 23 दिसंबर को अदालत ने सक्सेना की प्रेमिका शहजादी के माता-पिता अकबर अली और शहनाज बेगम तथा मामा मोहम्मद सलीम को इस मामले में दोषी ठहराया था. ये तीनों सक्सेना और शहजादी के रिश्ते के खिलाफ थे, जिसके चलते इन्होंने पश्चिमी दिल्ली के ख्याला इलाके में सक्सेना (23) पर चाकू से ताबड़तोड़ वार कर उसकी हत्या कर दी थी. इनके IPC की धारा 302 (हत्या) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत आरोप किए गये. शहनाज बेगम को भी जानबूझकर चोट पहुंचाने के अपराध का दोषी ठहराया गया.

मनीष सिसोदिया, संजय सिंह को राहत नहीं
दिल्ली की एक अदालत ने शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद AAP नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह की न्यायिक बढ़ा दी है. दोनों नेताओं की न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर उन्हें अदालत में पेश किया गया, जहां विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने हिरासत की अवधि बढ़ा दी. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने यह कहते हुए उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग की कि मामला महत्वपूर्ण चरण में है और अगर उन्हें रिहा किया गया तो वे जांच में बाधा डाल सकते हैं.

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की ओर से दर्ज किये गये मामले में आरोप लगाया गया है कि दिल्ली आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं, लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया, लाइसेंस शुल्क माफ कर दिया गया या कम कर दिया गया. ED ने CBI के मुकदमे के आधार पर अपनी जांच शुरू की और एजेंसी कथित घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले की जांच कर रही है. CBI ने फरवरी 2023 में सिसोदिया को गिरफ्तार किया था और मार्च में ED ने उन्हें तिहाड़ जेल से हिरासत में ले लिया. संजय सिंह को अक्टूबर 2023 में ED ने गिरफ्तार किया था. वह इस साल जनवरी में लगातार दूसरी बार राज्यसभा के लिए चुने गए हैं.

रिया चक्रवर्ती को मिली विदेश यात्रा की इजाजत
मुंबई की एक विशेष अदालत ने बुधवार को मित्र सुशांत सिंह राजपूत की मौत से संबंधित मादक पदार्थ के मामले में आरोपी अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को उनके परिवार के साथ थाईलैंड में छुट्टियां मनाने के लिए विदेश यात्रा की अनुमति दे दी है. अदालत ने उन्हें होली उत्सव कार्यक्रम में शामिल होने के लिए श्रीलंका जाने की भी अनुमति दी है. इस महीने के आखिर में होली मनाई जाएगी. NDPS अधिनियम से संबंधित मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत के न्यायाधीश केपी क्षीरसागर ने रिया चक्रवर्ती की याचिका स्वीकार की. अदालत ने उसके भाई और मामले में सह-आरोपी शौविक चक्रवर्ती द्वारा दायर एक समान आवेदन को भी अनुमति दे दी. रिया को इस मामले में सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था, और गिरफ्तारी के लगभग एक महीने बाद बंबई उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दे दी थी.

किसान शुभकरण की मौत की जांच से आदेश
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने खनौरी सीमा पर पिछले माह प्रदर्शनकारी किसानों और हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प के दौरान शुभकरण सिंह की मौत के मामले में न्यायिक जांच का आदेश दिया है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जीएस संधवालिया और न्यायमूर्ति लपिता बनर्जी की खंडपीठ ने किसान आंदोलन से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. इस मामले में याचिकाकर्ता अधिवक्ता उदय प्रताप सिंह ने बताया कि अदालत ने किसान शुभकरण सिंह की मौत की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं.

उन्होंने बताया कि मामले की जांच उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति और पंजाब तथा हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के दो अधिकारियों द्वारा की जाएगी. मूल रूप से बठिंडा के निवासी शुभकरण (21) की 21 फरवरी को पंजाब-हरियाणा की खनौरी सीमा पर झड़प के दौरान मौत हो गई थी. झड़प के दौरान 12 पुलिसकर्मी भी घायल हो गये थे. मामले में पंजाब सरकार पहले ही ‘शून्य प्राथमिकी’ में हत्या का मामला दर्ज कर चुकी है. फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गांरटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के वास्ते संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएमए) ने ‘दिल्ली चलो’ मार्च का आह्वान किया है. सुरक्षा बलों द्वारा उनके मार्च को रोके जाने के बाद प्रदर्शनकारी किसान पंजाब और हरियाणा की शंभू और खनौरी सीमा पर रुके हुए हैं.

ED की शिकायत पर केजरीवाल तलब
दिल्ली की एक अदालत ने कथित आबकारी घोटाले से संबंधित धनशोधन मामले में कथित रूप से समन का पालन नहीं करने पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा फिर से की गई शिकायत पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को को समन जारी किया. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा ने केजरीवाल को 16 मार्च को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया. प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में समन का पालन नहीं करने के लिए केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने का अनुरोध करते हुए अदालत में बुधवार को नयी शिकायत दर्ज कराई थी. निदेशालय ने बताया कि नयी शिकायत धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 50 के तहत संघीय जांच एजेंसी द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को भेजे गए समन संख्या चार से आठ का पालन नहीं करने से संबंधित है.

‘राशन कार्ड पते का प्रमाण नहीं’
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि राशन कार्ड विशेष रूप से जन वितरण प्रणाली (PDS) के तहत आवश्यक सामग्री प्राप्त करने के लिए जारी किया जाता है और इसे पता या आवास का प्रमाण नहीं माना जा सकता. न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह ने क्षेत्र के पुनर्विकास के बाद पुनर्वास योजना के तहत वैकल्पिक आवास की मांग करने वाले कठपुतली कॉलोनी के पूर्व निवासियों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि योजना के तहत लाभ का दावा करने के लिए अनिवार्य दस्तावेज के रूप में राशन कार्ड की आवश्यकता मनमानी और अवैध है. अदालत ने हाल में एक आदेश में कहा, ‘राशन कार्ड की परिभाषा के अनुसार इसे जारी करने का प्रयोजन यह है कि इसका लक्ष्य राशन दुकानों के माध्यम से आवश्यक खाद्य पदार्थ वितरित करना है. इसलिए यह किसी राशन कार्ड धारक के लिए आवास का पहचान पत्र नहीं हो सकता.

गवाह की हत्या करने के मामले में तीन को उम्रकैद
यूपी की मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने 10 साल पहले अदालत परिसर के बाहर एक गवाह की कर दी गई हत्या के मामले में तीन लोगों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी. सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अमित कुमार त्यागी ने यहां बताया कि 11 जुलाई 2013 को हत्या के एक मामले में गवाही देने के लिये अदालत जा रहे देवेन्द्र नामक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. त्यागी ने बताया कि इस मामले में सागर मलिक, ओम सिंह और राजवीर सिंह नामक व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. उन्होंने बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंजुला भालोठिया ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने उनपर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.

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