केंद्रीय भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर ने आज जर्मनी के फ्री स्टेट ऑफ थुरिंगिया, जर्मनी के आर्थिक मामले, विज्ञान और डिजिटल सोसाइटी मंत्री श्री वोल्फगैंग टाइफेंस के नेतृत्व में जर्मन प्रतिनिधिमंडल के साथ द्विपक्षीय बैठक की।
दोनों देशों के बीच सहयोग विशेष रूप से ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है, इस बात का जिक्र करते हुए श्री गुर्जर ने जोर देकर कहा कि भारत ऊर्जा सुरक्षा के लिए ग्रीन हाइड्रोजन की वास्तविक क्षमता को जानने- समझने के लिए जर्मनी के साथ काम करने का उत्सुक है।
यह बैठक महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत और जर्मनी अनुसंधान और विकास के क्षेत्रों में, मुख्य रूप से वैकल्पिक ईवी बैट्री केमिस्ट्रीज जैसे सोडियम आयन, एल्युमिनियम-एयर आदि से संबंधित अनुसंधान और निकल, कोबाल्ट जैसे दुर्लभ पृथ्वी खनिज की एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला बनाने के लिए सहयोग बढ़ाने पर काम कर रहे हैं।
दोनों देश परियोजनाओं, विनियमों और मानकों, व्यापार और संयुक्त अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) परियोजनाओं के लिए सक्षम फ्रेमवर्क बनाकर हरित हाइड्रोजन के उत्पादन, उपयोग, भंडारण और वितरण में आपसी सहयोग को मजबूत करने के लिए एक इंडो-जर्मन ग्रीन हाइड्रोजन टास्क फोर्स बनाना चाहते हैं।