मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी ने एनएलसी इंडिया लिमिटेड की नई पुनर्वास और पुनर्सुधार नीति की शुरुआत की

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मंत्री ने कहा, यह नीति परियोजना से प्रभावित परिवारों की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए है
केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि एनएलसी इंडिया लिमिटेड जो कोयला मंत्रालय के तहत एक नवरत्न सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है यह पिछले छह दशकों से भारत की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निष्पादन कर रहा है। मंत्री ने वर्चुअल माध्यम से एनएलसीआईएल खान क्षेत्र के भूमि मालिकों के लिए नई पुनर्वास और पुनर्सुधार (आरएंडआर) नीति को शुरू किया। प्रभावित लोगों के लिए उपलब्ध कई विकल्पों के साथ एक बहुत ही लचीली पुनर्वास नीति तैयार करने में एनएलसीआईएल और तमिलनाडु सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए मंत्री श्री जोशी ने सुनिश्चित किया कि प्रभावित ग्रामीणों को निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया पर आधारित मुआवजा दिया जाएगा।

मंत्री ने कहा कि नई नीति में परियोजना प्रभावित परिवारों को अधिक सुविधाएं देने का प्रावधान है। श्री जोशी ने बताया कि कौशल भारत मिशन के तहत युवाओं को कौशल विकास प्रदान करने के लिए एनएलसीएल ने तमिलनाडु सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। मंत्री ने कहा कि नई आरआर नीति स्थाई आजीविका का मार्ग प्रशस्त करेगी और हर गांव को आत्मनिर्भर बनाएगी।

वर्चुअली समारोह को संबोधित करते हुए कोयला, खान और रेल राज्य मंत्री श्री रावसाहेब पाटिल दानवे ने कहा कि इस नीति से ग्रामीणों को लाभ पहुंचाने के अलावा एनएलसीआईएल द्वारा ऊर्जा उत्पादन में और वृद्धि करना है। समारोह में तमिलनाडु सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री एम.आर. के. पनीरसेल्वम और श्रम कल्याण और कौशल विकास मंत्री श्री सी.वी. गणेशन ने भाग लिया और एनएलसीआईएल से ग्रामीणों को लाभान्वित करने के लिए नई नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने का आग्रह किया। इस कार्यक्रम में सांसद, विधायक, कोयला मंत्रालय और एनएलसीएल के वरिष्ठ पदाधिकारी व ग्रामीण भी शामिल हुए।

सामाजिक रूप से जिम्मेदार कॉरपोरेट के रूप में एनएलसी पुनर्वास और पुनर्सुधार पहल, सीएसआर योजनाओं और कौशल विकास, जल संसाधन वृद्धि और अन्य विभिन्न उपायों जैसे कल्याणकारी साधनों से सभी हितधारकों खासकर परियोजना प्रभावित लोगों की बेहतरी को लेकर सक्रिय कदम उठाता है।

एनएलसीआईएल ने 1956 में तमिलनाडु में लिग्नाइट खनन और लिग्नाइट आधारित बिजली उत्पादन में अपना परिचालन शुरू किया। छह दशकों से अधिक समय की लंबी अवधि में कंपनी ने कोयला आधारित बिजली उत्पादन, अक्षय ऊर्जा मुख्य रूप से सौर और कोयला खनन में विविधता लाई है। इस प्रक्रिया में कंपनी ने 50.60 एमटीपीए खनन और 6,061 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता के साथ पूरे देश में उपस्थिति दर्ज कराई है।

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