पंचायती राज मंत्रालय और गुजरात का ग्रामीण प्रबंधन संस्थान आणंद (आईआरएमए) कल आणंद में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे

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इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य देश भर में पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) की क्षमता निर्माण को मजबूत करना है

आईआरएमए सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण और अन्य पीआरआई संबंधित मामलों में नीतिगत उपायों के लिए एमओपीआर को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा

भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय और ग्रामीण प्रबंधन संस्थान, आणंद (आईआरएमए), गुजरात कल आणंद में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे, जिसका उद्देश्य देश भर में पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) की क्षमता निर्माण को मजबूत करना और एक प्रारूप स्थापित करना है जिसके तहत एमओपीआर एवं आईआरएमए पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) के स्थानीयकरण के लिए ग्राम पंचायत विकास योजना के क्षेत्र में सहयोग करेंगे।

इस समझौता ज्ञापन में निकट सहयोग की सुविधा प्रदान करने और एक सिस्टम प्रदान करने की परिकल्पना की गई है जिसके द्वारा एमओपीआर और आईआरएमए, एलएसडीजी के साथ मॉडल ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) संपर्क तैयार करने में कमियों को दूर करने तथा संभावित समाधान खोजने के लिए मिलकर कार्य करेंगे। इस समझौता ज्ञापन में जीपीडीपी को साथ जोड़ते हुए एलएसडीजी के 9 विषयों को जमीनी स्तर पर लाने में एमओपीआर और आईआरएमए के बीच सहयोग विकसित करने की परिकल्पना की गई है। इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र कार्य खंड (वीएफएस) का सर्वोत्तम लाभ उठाने का प्रयास किया जाएगा, जो ग्रामीण प्रबंधन गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला में आईआरएमए छात्रों को सक्रिय रूप से शामिल करता है और इसके परिणामस्वरूप यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था, समाज, राजनीति और ग्रामीण समुदायों की चिंता से जुड़े मुद्दों को ग्राम फील्डवर्क के आधार पर प्रतिभागियों को न सिर्फ ग्रामीण वास्तविकताओं से परिचित कराता है, बल्कि उन्हें उक्त वास्तविकताओं का हिस्सा भी बनाता है। यह उन्हें विस्तृत ग्राम विकास रिपोर्ट (वीडीआर) तैयार करने में उनकी मदद करता है। इस समझौता ज्ञापन के अनुसार, आईआरएमए एलएसडीजी और अन्य पीआरआई से संबंधित मामलों में नीतिगत उपायों के लिए आवश्यक होने पर अपने छात्रों/प्रशिक्षुओं द्वारा एकत्र किए गए क्षेत्र विशेष अनुभव के आधार पर एमओपीआर को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा।

गुजरात के आईआरएमए में होने वाले समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर समारोह के अवसर पर पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री सुनील कुमार मुख्य वक्ता होंगे और पंचायती राज मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती रेखा यादव विभिन्न हितधारकों के साथ समन्वय पर एसडीजी के स्थानीयकरण पर सिंहावलोकन को साझा करेंगी। इस अवसर पर आईआरएमए के निदेशक डॉ. उमाकांत दास एमओपीआर और आईआरएमए के बीच सहयोग पर अपने विचार व्यक्त करेंगे।

पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) और ग्रामीण प्रबंधन संस्थान, आणंद (आईआरएमए) के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) के हस्ताक्षर समारोह के दौरान, ग्राम पंचायतों में पीजीडीएम छात्रों को एकीकृत करने की आईआरएमए की रणनीति, एमओपीआर के युवा फेलो को हैंडहोल्डिंग सहायता प्रदान करने और उनकी तैयारी के दौरान विषयगत जीपीडीपी सहायता के संदर्भ में साल्क क्रिस्टल नाथन, चेयर, विलेज फील्डवर्क सेगमेंट, आईआरएमए के प्रो. हिप्पू और इंटर्नशिप व प्लेसमेंट, आईआरएमए के प्रो. आशीष अर्गडे, चेयर द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी। प्रो. विवेक पांडे और प्रो. सत्येंद्र सी पांडे, भारत की अर्थव्यवस्था एवं आजीविका परिदृश्य को बदलने के लिए स्थायी मॉडल बनाने हेतु ग्रामीण समुदायों से युक्त कार्यक्रम निर्माण के लिए आईआरएमए की निरंतर प्रतिबद्धता पर अपने विचार रखेंगे। इस अवसर पर विशेष रूप से एलएसडीजी और जीपीडीपी पर ध्यान केंद्रित करते हुए पीजीडीएम छात्रों व संकाय सदस्यों के साथ वार्तालाप के आधार पर उनका दृष्टिकोण जानने के लिए एक संवाद सत्र भी आयोजित किया जाएगा।

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