विद्युत मंत्रालय ने टैरिफ-आधारित बोलियों के माध्यम से पीपीए वाले घरेलू कोयला आधारित संयंत्रों को निर्देश जारी किए

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विद्युत मंत्रालय ने बिजली की मांग में तेज वृद्धि के कारण मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए, आज अधिनियम की धारा 11 के तहत शक्तियों का उपयोग कर, बिजली पैदा करने वाली कंपनियां (जेनको) को निर्देश जारी किया है। मंत्रालय ने कहा है कि कुछ क्षेत्रों में बिजली की बढ़ती मांग और बिजली की कमी को देखते हुए, उत्पादन को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने की आवश्यकता है। विद्युत मंत्रालय ने कहा है कि घरेलू कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के प्रयासों के बावजूद, कोयले की आवश्यकता और कोयले की आपूर्ति के बीच अभी भी अंतर है, जिसके कारण बिजली उत्पादन स्टेशनों पर कोयले का भंडारण चिंताजनक स्तर पर बना हुआ है।

इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि 10% की सीमा तक आयातित कोयले का सम्मिश्रण संभव नहीं हो पा रहा है। इसके चलते कोयले के रिजर्व स्टॉक में लगातार गिरावट आ रही है। इस तरह के हालात को देखते हुए विद्युत मंत्रालय ने 18 मई 2022 को सभी जेनको को निर्देश जारी कहा था कि अगर सम्मिश्रण के लिए कोयले का आयात 31 मई 2022 तक जेनको द्वारा नहीं किया जाता है और अगर सम्मिश्रण उद्देश्य के लिए आयातित कोयला 15 जून 2022 तक बिजली संयंत्रों में पहुंचना शुरू नहीं होता है, तो चूककर्ता जेनकोस को 31 अक्टूबर 2022 तक की शेष अवधि में 15% की सीमा तक (पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून 2022 में सम्मिश्रण उद्देश्य के लिए आयातित कोयले की कमी को पूरा करने के लिए) सम्मिश्रण उद्देश्य के लिए कोयले का आयात करना होगा।

मंत्रालय ने कहा है कि घरेलू कोयला आधारित बिजली संयंत्र, जिनके टैरिफ अधिनियम की धारा 63 के तहत निर्धारित किए गए हैं, ने आयातित कोयले का उपयोग किए जाने पर टैरिफ में बढ़ी हुई लागत को शामिल करने को लेकर चिंता जताई है और यह निर्धारित करने के लिए एक उपयुक्त पद्धति लाने का अनुरोध किया है। मंत्रालय ने कंपनियों के अनुरोध की विस्तृत जांच की है और केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के परामर्श से एक कार्यप्रणाली को अंतिम रूप दिया गया है, जिस पर विद्युत उत्पादक संयंत्रों के साथ 20 मई 2022 को हुई बैठक में चर्चा की गई थी। चर्चा के आधार पर, इसे सीईआरसी द्वारा अपनाई जा रही मौजूदा कार्यप्रणाली के अनुरूप बनाने के लिए प्रक्रिया को संशोधित किया गया है।

मौजूदा आकस्मिक परिस्थितियों को देखते और सम्मिश्रण के लिए कोयला आयात की लगातार जरूरत के क्रम में मंत्रालय ने अधिनियम की धारा 11 के तहत शक्तियों का उपयोग करते हुए निर्देश दिया है कि:

ऊपर पैरा 6 में उल्लिखित कार्यप्रणाली का इस्तेमाल बिजली अधिनियम, 2003 की धारा 63 के तहत, मिश्रण के लिए आयातित कोयले का उपयोग कर रही बिजली उत्पादक कंपनियों की टैरिफ की गणना राज्य सरकारों/डिस्कॉम द्वारा किया जाएगा।

इन संयंत्रों के लिए बिलिंग और भुगतान की व्यवस्था पीपीए के अनुसार होगी। हालांकि, जेनकोस को पर्याप्त नकदी प्रवाह के साथ कोयले का आयात करने में सक्षम बनाने के लिए, जेनकोस द्वारा साप्ताहिक आधार पर अनंतिम बिलिंग की जाएगी। खरीददारों द्वारा अनंतिम बिल का कम से कम 15% भुगतान बिल प्राप्त होने की तारीख से एक सप्ताह के भीतर किया जाएगा। यह फाइनल बिलिंग और भुगतान अंतिम बिलिंग के दौरान समाधान और पीपीए के अनुसार मासिक आधार पर भुगतान के अधीन होगा।

साप्ताहिक अनंतिम बिल के 15% के भुगतान में चूक होने पर उत्पादन कंपनी बिजली एक्सचेंज में 15% बिजली बेचने के लिए स्वतंत्र होगी। उत्पादन कंपनियां आयातित कोयले के साथ सम्मिश्रण सुनिश्चित करेंगी और मौजूदा मानदंडों और समय-समय पर एमओपी द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार कोयले का स्टॉक बनाए रखेंगी।

यह निर्देश 31 मार्च 2023 तक घरेलू कोयला आधारित बिजली संयंत्रों द्वारा सम्मिश्रण के लिए आयातित कोयले के लिए है।

पृष्ठभूमि

बिजली की मांग में वृद्धि और घरेलू कोयले की जरूरत से कम आपूर्ति के कारण अचानक से उभरती स्थिति को देखते हुए, सभी राज्यों और घरेलू कोयले पर आधारित जेनको को पत्र दिनांक 28 अप्रैल, 2022 (प्रतिलिपि संलग्नक-I में संलग्न) के माध्यम से सम्मिश्रण करने के लिए कम से कम 10 प्रतिशत कोयले का आयात करने का निर्देशित दिया गया है। राज्यों को सलाह दी गई थी कि वे आयातित कोयले के सम्मिश्रण के लिए पीपीए में जहां कहीं भी आवश्यक हो, आईपीपी को समय पर मंजूरी दें। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया था कि प्रतिस्पर्धी दरों को प्राप्त करने के लिए कोयले की खरीद पारदर्शी तरीके से की जानी चाहिए।

हालांकि, यह देखा गया है कि कोयले का आयात उम्मीद के अनुरूप नहीं हुआ है। कुछ बिजली उत्पादक कंपनियां आयातित कोयला मंगाने को तैयार नहीं हैं क्योंकि सम्मिश्रण के बाद टैरिफ दर को लेकर स्पष्टता की कमी है। 13 मई, 2022 के पत्र (अनुलग्नक-II में संलग्न प्रति) के माध्यम से राज्य सरकारों और एसईआरसीएस से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया था कि उनके अधीन सभी उत्पादन केंद्र सम्मिश्रण के लिए कोयले के आयात के लिए तत्काल कार्रवाई करें।

विद्युत मंत्रालय (एमओपी) ने 18 मई 2022 को विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 107 के तहत सीईआरसी को आयातित कोयले के साथ अधिक मात्रा में मिश्रण की अनुमति देने के लिए उपयुक्त कार्रवाई करने का निर्देश भी जारी किया है। इस निर्देश की प्रति सभी राज्य सरकारों और एसईआरसीएस/जेईआरसी को इसी तरह की उचित कार्रवाई करने के अनुरोध के साथ भेजी गई थी।

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