एनसीजीजी ने पूरा कराया मालदीव के सिविल सेवकों के 27वें बैच का प्रशिक्षण
नई दिल्ली, 26अगस्त। मालदीव के सिविल सेवकों के लिए विदेश मंत्रालय (एमईए) के साथ साझेदारी में राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) द्वारा आयोजित दो सप्ताह का क्षमता निर्माण कार्यक्रम (सीबीपी) आज 25 अगस्त, 2023 को नई दिल्ली में संपन्न हुआ। एनसीजीजी ने 2024 तक सार्वजनिक प्रशासन और शासन के क्षेत्र में 1,000 सिविल सेवकों के कौशल और क्षमताओं को बढ़ाने के लिए मालदीव सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते के तहत, एनसीजीजी ने पहले ही मालदीव के 858 अधिकारियों का प्रशिक्षण करा दिया है जिसमें एसीसी, मालदीव के 29 अधिकारी भी शामिल हैं।
एनसीजीजी के ये प्रयास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “वसुधैव कुटुंबकम” और “पड़ोसी पहले” की नीति के दर्शन के साथ जुड़े हुए हैं। यही वजह है कि विकासात्मक रणनीतियों को डिजाइन करने और सार्वजनिक नीतियों को लागू करने में नागरिकों के हित को सबसे आगे रखा जाता है। इसी संदर्भ में ये कार्यक्रम नागरिक केंद्रित शासन के सिद्धांतों को मजबूत करते हैं और ज्ञान, सूचना और नवाचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देते हैं। इसके लिए सर्वोत्तम प्रथाओं और डिजिटल शासन को अपनाने को भी बढ़ावा दिया जाता है। यह द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और पड़ोसी देशों के साथ क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक प्रयास है।
आज नई दिल्ली में इस कार्यक्रम के समापन सत्र की अध्यक्षता मालदीव के उप उच्चायुक्त मोहम्मद नजील ने की। उन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले अधिकारियों से कार्यक्रम के दौरान मिले अनुभव का पूरा उपयोग करने और अवसर का लाभ उठाने का अनुरोध किया। उन्होंने अधिकारियों से ज्ञान साझा करने और समूहों में काम करने का आग्रह किया क्योंकि अच्छे विचारों को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी टीम निर्माण आवश्यक है जिसका उपयोग नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए किया जा सकता है। उन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रम की अधिकतम क्षमता का लाभ उठाने और सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखने के महत्व पर जोर दिया जिन्हें अपनी जरूरतों और प्रासंगिकता के हिसाब से किया बदला जा सकता है। उन्होंने कहा कि ये कार्यक्रम दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और पारंपरिक संबंधों को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने जोर देते हुए यह भी कहा कि इनसे वैश्विक लक्ष्यों को साकार करने में भी मदद मिलेगी।
मालदीव के उप उच्चायुक्त मोहम्मद नजील ने अपने अधिकारियों के क्षमता निर्माण में योगदान के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया और प्रशिक्षण कार्यक्रम में मालदीव के अधिकारियों की प्रभावी और सक्रिय भागीदारी की सराहना की। वे इस कार्यक्रम में शामिल अपने अधिकारियों की “मालदीव में डिजिटल शिक्षा और स्वास्थ्य और “विजन 2030 मालदीव” पर विस्तृत और अद्भुत प्रस्तुतियों को देखकर बेहद खुश हुए। उन्होंने अपने अधिकारियों से आपस में जुड़े रहने और अपने देश की बेहतरी के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया।
इस कार्यक्रम की समीक्षा पेश करते हुए पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. बी. एस. बिष्ट ने कहा कि 27वें क्षमता निर्माण कार्यक्रम में एनसीजीजी ने देश में की गई विभिन्न पहलों जैसे शासन के बदलते प्रतिमान, भारत मालदीव संबंध, अखिल भारतीय सेवाओं का अवलोकन, सार्वजनिक नीति और कार्यान्वयन, सार्वजनिक निजी भागीदारी, डिजिटल प्रबंधन और सार्वजनिक सेवा वितरण, एसडीजी हासिल करने के लिए रणनीति, नेतृत्व और संचार कौशल, प्रदर्शन प्रबंधन, कुल गुणवत्ता प्रबंधन, आपदा प्रबंधन, तटीय क्षेत्रों में कृषि के तरीके, ई-गवर्नेंस और डिजिटल इंडिया, लिंग और विकास, सरकारी ई-बाज़ार, केंद्रीकृत सार्वजनिक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली, सुरक्षित पेयजल के लिए कम लागत का अलवणीकरण को भी साझा किया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रतिभागियों को विभिन्न प्रकार की विकासात्मक परियोजनाओं और संस्थानों से अवगत कराने के उद्देश्य से उनका भ्रमण भी कराया गया। इससे उन्हें प्रमुख पहलों और संगठनों के बारे में अमूल्य अंतर्दृष्टि और प्रत्यक्ष अनुभव हासिल करने का मौका मिला। इनमें देहरादून स्मार्ट सिटी, प्रधानमंत्री संग्रहालय, एम्स जैसे कई अन्य संस्थान शामिल हैं।
27वें क्षमता निर्माण कार्यक्रम का समग्र पर्यवेक्षण और समन्वय मालदीव के लिए पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. बी. एस. बिष्ट, सह-पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. संजीव शर्मा और एनसीजीजी की क्षमता निर्माण टीम ने किया।