2014 में डिग्री से नहीं, बल्कि अपने करिश्मे के बल पर चुनाव जीते पीएम मोदी; डिग्री पर सवाल उचित नहीं:अजीत पवार
नई दिल्ली ,4अप्रैल। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजीत पवार ने कहा है कि मंत्रियों की डिग्री पर सवाल उठाना सही नहीं है और लोगों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि किसी नेता ने अपने कार्यकाल में क्या हासिल किया है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षिक योग्यता के बारे में रविवार को जनसभा को संबोधित करते हुए अजित पवार ने कहा कि साल 2014 में क्या जनता ने प्रधानमंत्री मोदी को उनकी डिग्री के आधार पर वोट दिया था? उन्होंने जो करिश्मा किया था, उससे उनको सहायता मिली और वो चुनाव जीतने में कामयाब हो गए.
उन्होंने कहा, “अब वह नौ साल से देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. उनकी डिग्री को लेकर सवाल खड़ा करना उचित नहीं है. हमें उनसे महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सवाल करना चाहिए. किसी मंत्री की डिग्री कोई महत्वपूर्ण मुद्दा नहीं है.
उन्होंने आगे कहा कि अगर हमें उनकी डिग्री पर स्पष्ट तौर पर जानकानरी मिलती है तो क्या महंगाई कम होगी? क्या उनकी डिग्री की स्थिति जानने के बाद लोगों को नौकरी मिलेगी?”
गौरतलब है कि इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी को अपने कॉलेज की डिग्रियों को जनता के बीच रखना चाहिए.
“क्या देश को यह जानने का भी अधिकार नहीं है कि उनके पीएम ने कितनी पढ़ाई की है? उन्होंने अदालत में अपनी डिग्री दिखाने का कड़ा विरोध किया. क्यों? और जो अपनी डिग्री देखने की मांग करेंगे उन पर जुर्माना लगाया जाएगा? यह क्या हो रहा है? अनपढ़ या कम पढ़ा-लिखा पीएम देश के लिए बहुत खतरनाक है.
उनकी यह टिप्पणी पिछले हफ्ते गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा मुख्य सूचना आयोग के आदेश को रद्द करने और प्रधान मंत्री कार्यालय को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री और स्नातकोत्तर डिग्री प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होने के घंटों बाद आई है.
न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव की एकल-न्यायाधीश पीठ ने पीएमओ, गुजरात विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय के जन सूचना अधिकारी (पीआईओ) को पीएम मोदी की स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री का विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश देने वाले सीआईसी के आदेश को रद्द कर दिया.
पीठ सीआईसी के आदेश को चुनौती देने वाली गुजरात विश्वविद्यालय की अपील पर सुनवाई कर रही थी.
उच्च न्यायालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया, जिन्होंने प्रधानमंत्री की डिग्री के प्रमाण पत्र का विवरण मांगा था.
इससे पहले कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री की डिग्री से जुड़ा मामला अदालत में जाने के बाद वह हैरान हैं.
पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, ‘देखिए, यह मामला कोर्ट में क्यों गया. वे बहुत दबाव में हैं. पीएम की शैक्षिक योग्यता और उनकी डिग्री असली है या नहीं, इस मामले का कोर्ट में जाना हैरान करने वाला है.’