प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नागपुर और बिलासपुर के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को झंडी दिखा कर रवाना किया

प्रधानमंत्री ने नागपुर रेलवे स्टेशन और अजनी रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास कार्य की आधारशिला रखी

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नागपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 से नागपुर और बिलासपुर के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस रेलगाड़ी को झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने आज महाराष्ट्र में 75,000 करोड़ रुपये से अधिक लागत की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकर्पण किया। इनमें 1500 करोड़ रुपये से अधिक की राष्ट्रीय रेल परियोजनाएं भी शामिल हैं।

वंदे भारत

भारतीय रेलवे पहले से ही 5 वंदे भारत एक्सप्रेस रेलगाड़ी का संचालन कर रहा है। यह छठी वंदे भारत एक्सप्रेस रेलगाड़ी होगी। यह वंदे भारत एक्सप्रेस रेलगाड़ी नागपुर और बिलासपुर के बीच 412 किलोमीटर की दूरी 77.25 किमी प्रति घंटे की औसत गति से 5 घंटे 20 मिनट में तय करेगी। यह रेलगाड़ी नागपुर और बिलासपुर के बीच रायपुर में रुकेगी और शनिवार को छोड़कर सप्ताह के सभी 6 दिन चला करेगी। यह वंदे भारत एक्सप्रेस रेलगाड़ी महाराष्ट्र राज्य की शीतकालीन राजधानी नागपुर को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर और छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण शहर बिलासपुर से जोडेगी।

अन्य रेल परियोजनाएं

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नागपुर में एक सार्वजनिक समारोह में नागपुर रेलवे स्टेशन और अजनी रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास कार्य की आधारशिला भी रखी। प्रधानमंत्री ने सरकारी रख-रखाव डिपो, अजनी (नागपुर) और नागपुर-इटारसी के बीच तीसरी लाइन परियोजना के कोहली-नरखेड़ खंड भी राष्ट्र को समर्पित किया। इनमें से पहली परियोजनाओं को करीब 110 करोड़ रुपये और दूसरी परियोजना को करीब 450 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है।

नागपुर रेलवे स्टेशन पुनर्विकास परियोजना

नागपुर रेलवे स्टेशन की पुनर्विकास कार्य परियोजना पर 589.22 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। परियोजना के पूरा होने में 36 महीने लगेंगे। इस परियोजना में पश्चिम की ओर हेरिटेज स्टेशन भवन को उसके मूल गौरव के साथ पुनर्स्थापित करना शामिल है। पुनर्विकसित स्टेशन में सभी यात्री सुविधाओं के साथ एक विशाल रूफ प्लाजा; आगमन/प्रस्थान स्थल को अलग-अलग करना; मेट्रो स्टेशन सिटी बस और अन्य परिवहन के साथ मल्टीमॉडल एकीकरण शामिल होगा।

पुनर्विकसित स्टेशन भवन में 28 लिफ्ट और 31 एस्केलेटर का प्रावधान है। इसमें बहुस्तरीय पार्किंग सुविधाएं, सुगम यातायात की व्यवस्था होगी; दिव्यांग अनुकूल डिजाइन; रोशनी, रास्ता खोजने के संकेतक, आवाजाही में आसानी, पर्याप्त प्रतीक्षा स्थल और सुविधाएं, सीसीटीवी, अभिगम नियंत्रण की व्यवस्था भी उपलब्ध होगी। पुनर्विकसित भवन हरित भवन होंगे जिनमें सौर ऊर्जा, जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन का प्रावधान भी होगा।

अजनी रेलवे स्टेशन पर पुनर्विकास कार्य परियोजना

अजनी रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास कार्य की परियोजना पर 359.82 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। यह परियोजना 40 महीने में पूरा हो जाएगी। इस परियोजना में दोनों तरफ प्रतिष्ठित स्टेशन भवनों का निर्माण शामिल है। पुनर्विकसित स्टेशन में सभी यात्री सुविधाओं के साथ एक विशाल रूफ प्लाजा होगा; आगमन/प्रस्थान स्थल को अलग-अलग करना; मेट्रो स्टेशन, सिटी बस और अन्य परिवहन के साथ मल्टीमॉडल एकीकरण की व्यवस्था होगी।

पुनर्विकसित स्टेशन भवन में 21 लिफ्ट, 17 एस्केलेटर और 6 ट्रैवलेटर का प्रावधान है। इसमें बहुस्तरीय पार्किंग सुविधाएं, सुगम यातायात के व्यवस्था होगी; दिव्यांग अनुकूल डिजाइन; रोशनी, रास्ता खोजने के लिए संकेतक, आवाजाही में आसानी, पर्याप्त प्रतीक्षा स्थल और सुविधाएं, सीसीटीवी, अभिगम नियंत्रण की व्यवस्था होगी। सभी भवन हरित भवन होंगे जिनमें सौर ऊर्जा, जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन का प्रावधान शामिल होगा।

अजनी में मालगाड़ी 12000 हॉर्स पॉवर वाले डब्यूएजी-12 इंजनों के लिए सरकारी रखरखाव डिपो

अजनी में यह सरकारी रख-रखाव डिपो मधेपुरा इलेक्ट्रिक इंजन परियोजना का हिस्सा है। यह भारतीय रेलवे के लिए सबसे बड़ी सार्वजनिक निजी भागीदारी परियोजनाओं में से एक है, जो अगस्त 2022 में पूरी हो गई थी। इस डिपो की अनुमानित लागत 110 करोड़ रुपये है। यह परियोजना मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव्स प्राइवेट लिमिटेड (एमईएलपीएल), रेल मंत्रालय और मैसर्स एलस्टॉम के बीच एक संयुक्त उपक्रम है।

डिपो का कुल क्षेत्रफल 17 एकड़ है जो भारी विशेष रूप से कोयला, लौह अयस्क और खनिज से लदी मालगाड़ियों को खींचने के लिए 12000 हॉर्स पॉवर के डब्ल्यूएजी-12 श्रेणी के 250 माल मालगाड़ी का रख-रखाव करेगा। यह इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) का उपयोग करके इंजन के स्वास्थ्य की निगरानी कर सकता है। डिपो की विशिष्टता यह है कि यह एक सफल ‘मेक इन इंडिया’ मॉडल है और भारतीय रेलवे के लिए सबसे बड़े प्रत्यक्ष विदेशी निवेश-एफडीआई निवेशों में से एक है।

यह डिपो जल पुनर्चक्रण सुविधा के साथ इंजन की स्वचालित धुलाई संयंत्र, अंडर-फ्लोर पिट व्हील लेथ मशीन, व्हील प्रेस मशीन, रूफ एक्सेस प्लेटफॉर्म, हॉरिजॉन्टल प्रेस, वर्टिकल बुर्ज लेथ, संलग्न पेंट बूथ, गोदाम जैसी आधुनिक उपकरण सुविधाओं जैसी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें आधुनिक भंडारण प्रणाली, इलेक्ट्रिक सिज़र लिफ्ट, फोर्क लिफ्ट, गियर केस और मोटर माउंटिंग स्टेशन शामिल हैं।

डिपो में वर्षा जल संचयन, अपशिष्ट उपचार संयंत्र और सीवरेज उपचार संयंत्र का उपयोग करके शून्य निर्वहन, 100 प्रतिशत एलईडी लाइट्स, डे-लाइट पैनल, ऑक्यूपेंसी सेंसर, हरियाली जैसी हरित विशेषताएं हैं और 1 मेगावाट रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्र प्रदान करने की योजना है।

नागपुर और इटारसी के बीच तीसरी लाइन परियोजना का कोहलीनरखेड़ खंड

नागपुर और इटारसी के बीच तीसरी लाइन परियोजना के 49.74 किलोमीटर लंबे कोहली-नरखेर खंड की लागत 453 करोड़ रुपये है। इस खंड को तीन चरणों में पूरा किया गया था। काटोल-कोहली (24.63 किलोमीटर) 15-03-2022 को; 24-06-2022 को नरखेर-कलंबा (15.06 किलोमीटर) और 12-11-2022 को कलांबा-कटोल (10.05 किलोमीटर) स्वर्णिम चतुर्भुज मार्ग पर नागपुर-इटारसी खंड में बहुत अधिक यात्री और माल ढुलाई होती है। यह तीसरी लाइन परियोजना व्यस्त नागपुर-इटारसी खंड पर क्षमता बढ़ाने और यातायात को कम करने में मदद करेगी। यह अतिरिक्त यात्री और मालगाड़ियों को चलाने में भी सक्षम करेगा।

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को आज मंच पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा एक तस्वीर भेंट की गई। यह तस्वीर एक सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारी श्री बिजय बिस्वाल द्वारा तैयार की गई है। यह तस्वीर उसी एंगल से बनाई गई है, जहां छठी वंदे भारत एक्सप्रेस को नागपुर के प्लेटफॉर्म नंबर 1 से झंडी दिखाकर रवाना किया गया था। इसमें एक महिला को मंच पर संतरे ले जाते हुए दिखाया गया है।

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