वैश्विक मानकों पर खरा उतरने वाली किफायती स्वास्थ्य सेवा के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सार्वजनिक-निजी क्षेत्र का तालमेल आवश्यक है: डॉ. जितेंद्र सिंह
डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा आयोजित 15वें ग्लोबल मेडटेक शिखर सम्मेलन को किया संबोधित
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि भारत जैसे देश के लिए वैश्विक मानकों पर खरा उतरने के लक्ष्य को पूरा करने के उद्देश्य से सार्वजनिक-निजी क्षेत्र का तालमेल होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों की ओर से संसाधनों का स्वास्थ्य के लिये हितकर अनुपूरण लोगों को किफायती दरों पर विश्व स्तरीय चिकित्सा देखभाल प्रदान करने में भी सहायता कर सकता है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय व कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह नई दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा आयोजित 15वें ग्लोबल मेडटेक शिखर सम्मेलन 2023 में उद्घाटन भाषण दे रहे थे।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि संदेह के लिए कोई स्थान शेष नहीं है, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा सरकार नौ वर्षों के नेतृत्व के दौरान नीति नियोजन परिवर्तनों ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच आपसी भरोसे में विस्तार किया है:
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सामान्य तौर पर स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के अलावा मेडटेक और बायोटेक क्षेत्रों में सार्वजनिक संस्थानों तथा निजी उद्योग के बीच बड़ी सहभागिता होने की गुंजाइश है।
डॉ. जितेंद्र सिंह स्वयं एक चिकित्सा पेशेवर और जाने-माने मधुमेह विशेषज्ञ हैं। उन्होंने मिशन सुरक्षा की सफलता का उदाहरण दिया, जिसने भारत को कोविड महामारी से निपटने में मदद की है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत का भी जिक्र किया। यह अपनी तरह की एकमात्र ऐसी योजना है, जो मौजूदा बीमारी के खिलाफ कवर प्रदान करती है। उन्होंने कहा, वर्तमान सरकार भारत को वैश्विक स्तर पर चिकित्सीय-तकनीकी अग्रणी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार ने फार्मा मेडटेक स्कीम (पीआरआईपी) योजना में अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा देने, नई चिकित्सा उपकरण नीति, 2024 तक बीमा सुगम पोर्टल का विकास तथा नई दवाओं, चिकित्सा उपकरणों व प्रसाधन सामग्री विधेयक को नया स्वरूप देने जैसी महत्वपूर्ण नीतियां तैयार की हैं, जिनसे स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सीय-तकनीकी क्षेत्र को और विकसित बनाया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरकार के भीतर एक उपयुक्त इकोसिस्टम बनाया है, जो नवाचार में सहयोग करता है और उसे बढ़ावा देता है। उन्होंने स्टार्टअप की भारी सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने उद्यमिता और एक संपन्न उद्योग जगत के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन की सफलता के बाद प्रधानमंत्री ने विश्वव्यापी मानकों, सार्वभौमिक रणनीतियों और वैश्विक दृष्टिकोण को पूरा करने की आकांक्षाएं निर्धारित की हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बात पर बल दिया है कि अब साइलो में काम करने का युग समाप्त हो गया है और हमें अपने अप्रयुक्त संसाधनों की विशाल क्षमता का अधिकतम दोहन करने के लिए निजी क्षेत्र के साथ मिलकर कार्य करना होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) अब अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देगा और अगले 5 वर्षों में भारत को वैश्विक अनुसंधान एवं विकास के लिए अग्रणी राष्ट्र के रूप में स्थापित करेगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन वैज्ञानिक व तकनीकी नवाचार तथा मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान के ज्ञान को संयोजित करेगा। उन्होंने कहा कि इसे मुख्य रूप से गैर-सरकारी संसाधनों द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा और यह कई मायनों में अमरीका के नेशनल रिसर्च फाउंडेशन से बेहतर होगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने और अमृत काल में विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए निजी क्षेत्र को हर बार सरकार की ओर अब देखना बंद करना होगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हमें अपनी मानसिकता भी बदलनी होगी। उन्होंने कहा कि दो शताब्दियों के औपनिवेशिक शासन के पश्चात और हमारी जड़ें खो जाने के बाद, हमारे संस्कार को फिर से वापस पाने में तीन पीढ़ियां लग जाएंगी।
इस अवसर पर नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद के पॉल ने अपने संबोधन में कहा कि एक स्वस्थ भारत को सक्षम बनाने की सफलता को सुधार की गई अनुसंधान एवं विकास क्षमताओं, बढ़ते घरेलू विनिर्माण पैमाने, उद्योग-अकादमिक सहयोग तथा वैश्विक भागीदारी के माध्यम से संचालित किया जा सकता है।
इस अवसर पर चर्चा में शामिल होने वाले अन्य गणमान्य व्यक्तियों में रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय की डीओपी, सचिव सुश्री एस अपर्णा, सीडीएससीओ भारत के औषधि महानियंत्रक डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी और भारतीय उद्योग परिसंघ की नेशनल हेल्थकेयर काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. नरेश त्रेहन शामिल थे।