भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) अपनी रजत जयंती मनाएगी; श्री पीयूष गोयल समारोह में मुख्य अतिथि होंगे
क्यूसीआई ने गुणवत्ता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का उत्सव मनाने के लिए एक बड़ा अभियान-‘गुणवत्ता से आत्मनिर्भर भारत’ शुरू किया
भारतीय गुणवत्ता परिषद कल नई दिल्ली के अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में भारत की विकास यात्रा जिसे गुणवत्ता बढ़ाने के साथ तेज गति मिली है, साझा करने वाले एक विशेष कार्यक्रम के साथ अपनी रजत जयंती मनाने के लिए तैयार है। नीति निर्माण, शासन और गुणवत्ता से जुड़े दिग्गज एक मंच पर एक साथ आएंगे और भारत और उत्कृष्टता के मेल का, जो गुणवत्ता और निरंतरता के साथ और मजबूत हो गया है, उत्सव मनाएंगे और उसकी सराहना करेंगे।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे। श्री सुरेश प्रभु, पूर्व वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, भारत सरकार, श्री अमिताभ कांत, जी20 में भारत के शेरपा, श्री अनुराग जैन, सचिव, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग और श्री बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम, सीएमडी, भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन और पूर्व वाणिज्य सचिव और अन्य गणमान्य व्यक्ति समारोह में भाग लेंगे।
इस कार्यक्रम में ‘मेक इन इंडिया’ को सामर्थ्य देने वाले गुणवत्ता पारिस्थितिकी तंत्र; गति, पैमाने, डिजिटलीकरण के माध्यम से 2047 तक भारत के विकास लक्ष्य को हासिल करने और ‘हील इन इंडिया- हील बाए इंडिया’ पहल पर पैनल चर्चा होगी। क्यूसीआई के द्वारा अपने भागीदारों के साथ स्थापित कई पुरस्कारों के माध्यम से भारत के गुणवत्ता पारिस्थितिकी तंत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वालों को भी सम्मान दिया जाएगा।
भारतीय गुणवत्ता परिषद की स्थापना 1997 में भारत सरकार और भारतीय उद्योग से प्रतिनिधि के रूप में तीन प्रमुख उद्योग संघों यानी एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम), भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के द्वारा संयुक्त रूप से की गई थी। श्री रतन टाटा इसके पहले अध्यक्ष थे।
पिछले 25 वर्षों में, क्यूसीआई ने मान्यता और गुणवत्ता संवर्धन के कार्यों को संभालने के लिए विभिन्न बोर्ड जैसे- एनएबीएल, एनएबीएच, एनएबीसीबी, एनएबीईटी और एनबीक्यूपी बनाए हैं। सरकार द्वारा इसे दिए गए जनादेश के अनुसार, क्यूसीआई ने वैश्विक परिदृश्य में प्रवेश करना शुरू कर दिया और मंचों और संगठनों के साथ सदस्यता स्थापित की, जिन्होंने यह तय किया कि व्यापार और कारोबार को वैश्विक वातावरण में कैसे संचालित किया जाना है। क्यूसीआई और एनएबीएल क्रमशः आईएएफ और आईएलएसी के सदस्य और बाद में एपीएसी और एपीएलएसी जैसे क्षेत्रीय निकायों के सदस्य बन गए। इससे भारत में गुणवत्ता आश्वासन से संबंधित आर्थिक गतिविधियों के परिणामों की दुनिया भर से समानता सुनिश्चित हुई।
सरकार द्वारा घोषित योजनाओं में तीसरे पक्ष के मूल्यांकन में वास्तविक वृद्धि वर्ष 2015 के बाद हुई, जब सरकार ने क्यूसीआई जैसे संगठनों पर तेजी से भरोसा करना शुरू कर दिया ताकि क्यूसीआई के दायरे में मान्यता प्राप्त संगठनों के माध्यम से बिना किसी डर या पक्ष के स्वतंत्र प्रतिक्रिया का एक स्तर प्रदान किया जा सके। कई सरकारी विभागों ने एनएबीएल और एनएबीसीबी मान्यता प्राप्त संगठनों द्वारा किए जाने वाले परीक्षण, निरीक्षण और प्रमाणन के लिए अब नियम बनाए हैं। यह देश की नीति में एक बड़ा बदलाव है जहां तीसरे पक्ष की एजेंसियों को आंकड़े एकत्र करने और विश्लेषण करने और आम लोगों के कल्याण और नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता के लिए विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन में आई दरारों को भरने की जिम्मेदारी दी गई है।
अपनी स्थापना के बाद से, क्यूसीआई ने भारत के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले 25 वर्षों में क्यूसीआई की यात्रा के बारे में पूरे उत्साह के साथ बात करते हुए, क्यूसीआई के अध्यक्ष श्री आदिल जैनुलभाई कहते हैं, “क्यूसीआई को अपने विभिन्न मान्यता बोर्डों के माध्यम से इस उपलब्धि को पाने में अपनी भूमिका निभाने का गर्व है और इसके द्वारा भारत के नागरिकों को मिलने वाली सेवाओं के मूल्यांकन और माप से वो गुणवत्तापूर्ण जीवन जीने में सक्षम होते हैं। क्यूसीआई को उम्मीद है कि वह 2047 तक भारत को एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लिए अग्रणी रहकर उसके विकास में और भी बड़ी भूमिका निभाएगा।
क्यूसीआई के महासचिव डॉ आर पी सिंह ने टिप्पणी की, “हम उस चरित्र पर गर्व करते हैं जिसे हमने यहां क्यूसीआई में बढ़ावा दिया है – निडरता, दूरदर्शिता, नेतृत्व और बेहतर कल के लिए बदलाव लाना। हमने अपने काम में तेजी के साथ, उच्च और बेहतर विश्वसनीयता के लिए प्रौद्योगिकी को शामिल किया है। हम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता के बीच के अंतर को दूर करना चाहते हैं और भारत को गुणवत्ता में अग्रणी बनाना चाहते हैं।”
भारत जिस गुणवत्ता और उत्कृष्टता पर पूरा जोर दे रहा है उसकी यात्रा का जश्न मनाने के लिए, क्यूसीआई ने एक बड़ा अभियान-गुणवत्ता से आत्मनिर्भरता: भारत का गुणवत्ता आंदोलन शुरू किया है। अभियान का उद्देश्य भारत के गुणवत्ता केंद्रों का जश्न मनाना, भारत की ऐतिहासिक उपलब्धियों के बारे में जागरूकता फैलाना और लोगों को उन कई पहलों के बारे में जानकारी देना है जिन्हें भारत अपने सभी नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के उद्देश्य से अपना रहा है।