रेप के दोषी ने जेल के अंदर किया 26 लाख रुपये का घपला, कुछ ऐसे हुआ खुलासा

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नई दिल्ली, 23सितंबर। पुणे की यरवदा सेंट्रल जेल में रेप के एक मामले में दोषी ने 26 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की. पुलिस ने इसका खुलासा किया. पुलिस के मुताबिक दोषी दो साल से अधिक समय से जेल में मनीऑर्डर रजिस्टर के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ कर रहा था. 2006 में नारायणगांव पुलिस स्टेशन में दर्ज रेप और हत्या के प्रयास के मामले में दोषी सचिन रघुनाथ फुलसुंदर पर धोखाधड़ी, जालसाजी के आरोप में भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.

फुलसुंदर आजीवन कारावास की सजा काट रहा है और वो 2006 से जेल में है. पुलिस के मुताबिक, 2021 से अगस्त 2023 तक फुलसुंदर अक्सर जेल के अंदर बने उत्पादों को बाहर भेजने में मदद करने के बहाने जेल के अंदर वर्कशॉप में जाता था. उसने कथित तौर पर जेल अधिकारियों को पर्ची दी और जेल में मनीऑर्डर रजिस्टर तक पहुंच प्राप्त कर ली.

पुलिस ने कहा कि उसने जेल के कैदियों को उनके परिवार के सदस्यों द्वारा मनीऑर्डर के जरिए भेजे गए पैसे से धेड़खानी की. और गलत एंट्री और नकली हस्ताक्षर कर 26 लाख रुपए खपा लिया.

ऐसे करता था घपला!

पुलिस ने बताया कि फुलसुंदर ने कथित तौर पर मनीऑर्डर की रकम को रजिस्टर में कम कर दिया, जिससे 26,69,911 रुपये की धोखाधड़ी हुई, जिसका इस्तेमाल उसने अपने लिए किया है. मामले की जांच कर रहे अधिकारी ने कहा कि जब जेल अधिकारियों ने अकाउंट का वेरिफिकेशन किया तो धोखाधड़ी का पता चला. उन्होंने कहा कि अब यह पता लगाने के लिए जांच की जा रही है कि क्या धोखाधड़ी में और भी लोग शामिल थे.

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