मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अंतिम चरण में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी…

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नई दिल्ली, 23नवंबर। सिलक्यारा टनल में चल रहा राहत और बचाव कार्य आखिरी चरण में है. उम्मीद है सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को आज बाहर निकाला जा सकता है. जानकारी के मुताबिक मशीन में आई ख़राबी की वजह से बचाव कार्य एक बार फिर से बाधित हो गया है. टनल में ड्रिलिंग का काम कुछ समय के लिए रोक दिया गया है. मशीन को देखने के लिये कुछ एक्सपर्ट बुलाये गये हैं. बताया जा रहा है कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने का अभियान बृहस्पतिवार को अंतिम चरण में पहुंच गया और सुरंग में आखिरी पाइप डाला जा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाले जाने के बाद उन्हें तत्काल चिकित्सकीय देखभाल प्रदान करने के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं.

घटनास्थल पर काम कर रहे एक इलेक्ट्रीशियन ने बताया कि आखिरी पाइप डाला जा रहा है. बुधवार शाम मलबे से 800 मिलीमीटर व्यास वाले स्टील पाइप की ड्रिलिंग में उस समय बाधा आई जब लोहे की कुछ छड़ें ऑगर मशीन के रास्ते में आ गई थीं. रेस्क्यू ऑपरेशन टीम के सदस्य गिरीश सिंह रावत ने बताया रेस्क्यू ऑपरेशन लगभग आखिरी चरण में है.पाइपलाइन ड्रिलिंग में जो दिक्कत आई थी उसे दूर कर लिया गया है. मलबे में फंसे स्टील के टुकड़ों को काटकर निकाल लिया गया है.पाइपलाइन डालने की प्रक्रिया चल रही है.

बताया जा रहा है कि सरिया और स्टील की वजह से मजदूरों को बाहर निकालने में बाधा आ रही है. NHIDCL और NDRF के जवान 800mm पाइप के अंदर गये. और फिर हाइड्रोलिक कटर की मदद से इस लोहे को काटने की कोशिश की. NDRF के जवानों ने पाइप के भीतर जाकर मलबे की वीडियो रिकार्डिंग की.बीच में आये लोहे के ना कट पाने की वजह से देरी हो रही है. 57 मीटर के मलबे के अंदर NHIDCL के Equipment वाली कई गाड़ियां और ज़रूरी सामान होने की आशंका है.कैमरे की मदद से मलबा और 41 मज़दूरों को देखा जा रहा है. इन 41 मज़दूरों के बाहर निकलने पर तीन स्तर पर शारीरिक जांच होगी. पैरामेडिक, CMO और चिन्याली सौड के अस्पताल में जांच होगी. दिल्ली से आज कुछ और मशीन और Equipment के साथ भूगर्भशास्त्री की टीम यहां आयेगी और एनालाइसिस रिपोर्ट तैयार कर दिया जायेगा.

NDRF की टीम मजदूरों को बाहर निकालेगी
बाहर निकालने के बाद तुरंत ही सभी मजदूरों को सीधे चिन्यालीसौड़ ले जाया जाएगा, जिसकी तैयारी की जा रही है. एनडीआरएफ ने भी बचाव की ब्रीफिंग शुरू कर दी है. टनल में फंसे 41 मजदूरों को एनडीआरएफ के जवान ही टनल से बाहर निकालेंगे. टनल के बाहर प्राथमिक उपचार की भी तैयारी तेज कर दी गई है. टनल के बाहर अस्थायी अस्पताल बनाया गया है.

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