महाराष्ट्र की ‘उन’ 18 जातियों की एक विस्तृत रिपोर्ट 7 दिन के भीतर आयोग को प्रस्तुत करें – हंसराज अहीर
नई दिल्ली, 02 मार्च। राज्य सरकार द्वारा 18 जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग की केंद्रीय सूची में शामिल करने के लिए भेजे गए प्रस्ताव पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने मुंबई के सह्याद्री गेस्ट हाउस में दिनांक 01 मार्च, 2024 को समीक्षा बैठक आयोजित कर प्रस्ताव की समीक्षा की।
महाराष्ट्र के अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने राज्य के 1) लोधा-लोधी लोधा 2) बडगूजर 3) वीरशैव लिंगायत 4) सलमानी 5) किराड़ 6) भोयर पवार 7) सूर्यवंशी गुजर 8) बेलदार 9) झाड़े 10) डांगरी 11) कुलवंत वाणी 12) कराडी 13) नेवे वाणी 14) कापेवार, मुन्नार कापेवार, मुन्नार कापू, तेलंगा, तेलंगी, पेंटारेड्डी, बुकेकारी, 15) कनोडी, कनाडी 16) सेगर 17) लेवे गूजर, रेवा गूजर, रेवे गूजर 18) भनारा, भनारे, निशाद, मल्ला, मल्हा, नाविक, ओडा, ओडेवार, ओदेलु, बेस्टार, बेस्टा, बेस्टी, बेस्टालु, भनार यह सभी जातियों की सामाजिक, शैक्षिक एवं आर्थिक स्थिती के बारे में अगले 7 दिनो में परिपुर्ण अहवाल राष्ट्रीय पिछडा वर्ग आयोग को प्रस्तुत करने के निर्देश राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने उपस्थित अधिकारीयों को दिए।
आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर की अध्यक्षता में आयोजित इस समीक्षा बैठक में महाराष्ट्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं विशेष सहायता विभाग के सचिव सुमंत भांगे, अन्य पिछड़ा वर्ग बहुजन कल्याण विभाग की सचिव श्रीमती विनीता वेद सिंगल उपस्थित थे।
इस अवसर पर आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने बार-बार आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप संबंधित जातियों के सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक पहलुओं की रिपोर्ट (डेटा) मांगने पर उपलब्ध न कराने के कारण हो रही देरी पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होने दोनो विभाग के सचिव को निर्देश दिए कि उक्त सभी जातियों के बारे में आयोग के दिशानिर्देश के तहत अगले 7 दिनो में सक्षम अधिकारीयों द्वारा आयोग के कार्यालय को नए सिरे से परिपूर्ण प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।