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Narratives of Misconception

राष्ट्रप्रथम- ग़लत फहमी के नैरेटिव की पाठशाला

पार्थसारथि थपलियाल पापी पेट क्या नही करवाता इसका प्रबल उदाहरण है पत्रकारिता। 30-35 साल पहले झूठ का सच गड़ने वाले न समाचार पत्र हुआ करते थे न रेडियो या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया। आकाशवाणी विवादित विषयों की बजाय सामाजिक उत्थान,…
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