केंद्र सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में रूपांतरण के लिए सक्रियता के साथ काम कर रही है जिसे न केवल एम्स नेटवर्क के विस्तार में बल्कि स्वास्थ्य सेक्टर के अन्य क्षेत्र में भी देखा जा सकता है: जे पी नड्डा

डॉ. मनसुख मांडविया और अनुराग ठाकुर के साथ साथ जे पी नड्डा ने नए स्वास्थ्य देखभाल सुविधा केंद्रों का उद्घाटन किया तथा हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर के एम्स में विश्राम सदन का किया शिलान्यास

0

नई दिल्ली, 24 फरवरी। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर के एम्स में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, 128 स्लाइस सीटी स्कैनर तथा एक लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) संयंत्र सहित कई नई स्वास्थ्य देखभाल सुविधा केंद्रों का मुख्य अतिथि और राज्यसभा सांसद जगत प्रकाश नड्डा द्वारा केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया तथा केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा मामले एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर की उपस्थिति में उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर विपक्ष के नेता एवं हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी उपस्थित थे। उन्होंने भी बिलासपुर के एम्स में एक विश्राम सदन (रात्रि आश्रय स्थल) का शिलान्यास किया। इन सुविधाओं के जोड़े जाने से इस हिमालयी राज्य में स्वास्थ्य देखभाल अवसंरचना में उल्लेखनीय रूप से वृद्धि होगी और इससे पड़ोसी राज्यों के लोगों को भी असीम लाभ होगा जिससे रोगी देखभाल में एक नएयुग को सूत्रपात होगा।

उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए जे पी नड्डा ने कहा कि ‘केंद्र सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में रूपांतरण के लिए सक्रियता के साथ काम कर रही है जिसे न केवल एम्स नेटवर्क के विस्तार में बल्कि स्वास्थ्य सेक्टर के अन्य क्षेत्रों जैसेकि मेडिकल कॉलेजों की संख्या में दोगुनी वृद्धि, एमबीबीएस तथा पीजी सीटों की संख्या में बढोतरी, नर्सिंग कॉलेजों, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों तथा इस प्रकार कई दूसरी नीतियों के निर्माण में भी देखा जा सकता है।‘‘

जे.पी. नड्डा ने कहा, ‘‘आज हमारी स्वास्थ्य नीति एक समग्र दृष्टिकोण को अंगीकार करती है जिसमें सबसे पहले रोगों से बचने के लिए रोकथाम संबंधी उपायों पर जोर दिया जाता है। हमारा फोकस रोकथाम से और आगे बढ़कर उपचारात्मक, पीड़ा कम करने और पुनर्वास संबंधी स्वास्थ्य देखभाल को शामिल करने तक विस्तारित है।‘‘ उन्होंने रेखांकित किया कि भारत में विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य देखभाल कवरेज स्कीम आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी – पीएमजेएवाई) के आरंभ होने के कारण हिमाचल प्रदेश के सभी पात्र व्यक्ति आज पूरी तरह से बीमित हैं।

उन्होंने पिछले 10 वर्षों में स्वास्थ्य सेक्टर में अर्जित अन्य उपलब्धियों की भी जानकारी दी जिनमें टीबी अधिसूचनाओं में 64 प्रतिशत की वृद्धि और टीबी मामलों के उपचार में 80 प्रतिशत से अधिक सफलता, स्टेंट और दवाओं की कीमतों में कमी तथा जन औषधि केंद्रों के विस्तार के माध्यम से देश भर में उनकी व्यापक पहुंच को सुगम बनाना, एम्स जैसे चिकित्सा संस्थानों में आयुष ब्लौकों, बल्क ड्रग पार्कों के निर्माण के माध्यम से समग्र स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देना आदि शामिल है।

समाज में परिवर्तनकारी प्रभाव लाने में प्रभावी नेतृत्व के महत्व को रेखांकित करते हुए, जे.पी. नड्डा ने कहा कि, “कुछ साल पहले तक, यह विश्वास करना अकल्पनीय था कि बिलासपुर जैसे क्षेत्र में एम्स जैसा संस्थान बन सकता है। यह स्वास्थ्य सेवाओं को अंतिम छोर तक पहुंचाने की दिशा में केंद्र सरकार के ईमानदार प्रयासों के कारण ही संभव हो सका है।” उन्होंने आगे कहा “इसी तरह, कोविड – 19 महामारी के दौरान बहुत सारा डर और आशंका पैदा हुई, जो एक सदी में एक बार आने वाली महामारी थी। हालाँकि, प्रधानमंत्री दुनिया भर में देखे गए बल प्रयोग या अन्य हिंसक उपायों की आवश्यकता के बिना प्रसार को रोकने में पूरे देश को एक साथ लाने में सफल रहे।”

जे.पी.नड्डा ने अपने संबोधन का समापन एम्स बिलासपुर में स्वास्थ्य कर्मियों को बधाई देते हुए किया और उन्हें “एम्स संस्कृति” की भावना को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र में सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया।

इस अवसर पर डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा, “यह उत्सव का क्षण है कि आज एम्स बिलासपुर में 12 नई सुविधाओं का उद्घाटन या शिलान्यास किया गया है, जिनकी संचयी लागत 400 करोड़ रुपये से अधिक है।”

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि कैसे सरकार ने चुनौतियों को अवसरों में बदल दिया है, बताया कि “कोविड-19 महामारी के कारण सामने आई भारी चुनौतियों के बावजूद, जिसने कुछ विकसित देशों सहित दुनिया भर में स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित कर दिया, भारत में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सुधार नहीं हुआ है।” उन्होंने यह भी कहा कि केवल दबाव झेला लेकिन आज ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए पहले से कहीं अधिक तैयार हूं। उन्होंने कहा “पिछले 10 वर्षों में एलएमओ प्लांट, एम्स और अन्य चिकित्सा संस्थानों में उन्नत चिकित्सा उपकरणों और अत्याधुनिक मशीनरी की स्थापना जैसे अधिकांश स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचे का निर्माण विशेष रूप से स्वास्थ्य आपात स्थितियों से निपटने में स्वास्थ्य क्षेत्र की तैयारी सुनिश्चित करने के लिए किया गया है”।

डॉ. मांडविया ने कहा कि केंद्र सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को अंतिम छोर तक पहुंचाने के लिए काम कर रही है और उस प्रयास को आगे बढ़ाते हुए देश भर में कई नए मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज और एम्स खोले गए हैं। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लोगों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा उपचार का लाभ उठाने के लिए महानगरों का रुख न करना पड़े।

अनुराग ठाकुर ने कहा कि एम्स बिलासपुर को शिलान्यास से पूरा होने तक केवल 3 साल लगे, जो समय पर और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को लाने की दिशा में केंद्र सरकार के प्रयास में एक और मील का पत्थर है। उन्होंने यह भी कहा कि विश्राम सदन का निर्माण पूरा होने पर पहाड़ी क्षेत्र के दूर-दराज के इलाकों से आने वाले लोगों को काफी राहत मिलेगी।

गणमान्य व्यक्तियों ने मुख्य अस्पताल भवन में कार्डिएक कैथ लैब, कोरोनरी केयर यूनिट (सीसीयू), सेंट्रल स्टेराइल सप्लाई डिपार्टमेंट (सीएसएसडी) और लॉन्ड्री का भी दौरा किया, जिसका हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने उद्घाटन किया था।

पृष्ठभूमि:
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश) की स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत स्वायत्त कामकाज वाला राष्ट्रीय महत्व का संस्थान, ‘प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना’ (पीएमएसएसवाई) के चरण V के तहत कल्पना की गई थी। इसका उद्देश्य देश में सस्ती/विश्वसनीय तृतीयक स्तर की स्वास्थ्य देखभाल की उपलब्धता में असंतुलन को ठीक करना है।

लगभग 30 करोड़ रुपये की लागत वाली अत्याधुनिक मशीनरी के साथ कैंसर रोगियों को अत्याधुनिक रेडियोथेरेपी उपचार प्रदान करने की दृष्टि से एम्स में विकिरण ऑन्कोलॉजी सेवाएं शुरू की गई हैं। उन्नत तकनीक की मदद से, कैंसर रोगियों का इलाज हाई एनर्जी लीनियर एक्सेलेरेटर (एचईएलए ), एचडीआर ब्रैकीथेरेपी और 4डी सिटी सिम्युलेटर के माध्यम से किया जा सकता है, जो आसपास के स्वस्थ ऊतकों को संरक्षित करते हुए, ट्यूमर को प्रभावी ढंग से लक्षित करते हुए, सटीकता के साथ उपचार की योजना बनाने में मदद करेगा।

पावरग्रिड से उदार कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) फंडिंग के साथ लगभग 7 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक 128 स्लाइस सिटी स्कैनर एम्स के आपातकालीन विभाग में स्थापित किया गया है। यह कम समय में अधिक स्पष्टता के साथ तेज और सटीक इमेजिंग प्रदान करेगा, जिससे मरीजों के लिए प्रतीक्षा समय कम हो जाएगा। यह आपात स्थिति में आने वाले उन रोगियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जो गंभीर रूप से बीमार हैं और उन्हें त्वरित सटीक निदान की आवश्यकता है। पावरग्रिड द्वारा अगले कुछ महीनों में सीएसआर फंड के तहत 16 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर एक एमआरआई मशीन भी प्रदान की जाएगी।

सीआरएस के तहत पावरग्रिड द्वारा प्रदान किया गया एक और उदार समर्थन एम्स बिलासपुर में विश्राम सदन है। इसका निर्माण 250 लोगों की क्षमता के साथ किया जाएगा। यह प्रतीक्षा कर रहे मरीजों और उनके परिचारकों को आरामदायक रहने की सुविधा देगा और कड़ाके की ठंड, भीषण गर्मी और मानसून के दौरान लगातार बारिश से सुरक्षा प्रदान करेगा। यह लगभग 18 महीने में तैयार हो जाएगा और इसकी अनुमानित लागत 26.75 करोड़ रुपये है।

लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) प्लांट एम्स बिलासपुर को मरीजों के बिस्तर पर चौबीसों घंटे ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रदान करेगा। दो एलएमओ टैंक हैं और प्रत्येक टैंक 20 किलोलीटर (केएल) तक एलएमओ रख सकता है।

इस अवसर पर एम्स बिलासपुर के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर वीर सिंह नेगी, केंद्र सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और एम्स बिलासपुर और पावरग्रिड के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

Leave A Reply

Your email address will not be published.