भारत की जी-20 अध्यक्षता की पहली शेरपा बैठक का आज राजस्थान के ऐतिहासिक शहर उदयपुर में शुभारंभ

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नई दिल्ली, 5दिसंबर।भारत की जी-20 अध्यक्षता की पहली शेरपा बैठक का आज, 04 दिसंबर 2022 को राजस्थान के उदयपुर में शुभारंभ हुआ। मीडिया के साथ वार्तालाप और परस्पर संवाद की एक श्रृंखला और 2030 एजेंडे के मध्य में बदलती जिन्दगी पर: कैस्केडिंग और विविध संकटों के युग में सतत विकास लक्ष्यों की त्वरित उपलब्धि विषय एक साइड कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दिन उदयपुर में शेरपाओं और विभिन्न जी-20 देशों के प्रतिनिधिमंडलों और आमंत्रित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों का भी आगमन हुआ। प्रतिनिधियों का स्वागत करने और उन्हें भारतीय आतिथ्य और प्रदर्शन कला की परंपरा से परिचय कराने के लिए विभिन्न राजस्थानी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

उदयपुर की प्रसिद्ध पिछोला झील की पृष्ठभूमि में टेलीविजन और प्रिंट मीडिया के मीडियाकर्मियों के साथ एक अनौपचारिक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। दीर्घकालिक आर्थिक विकास, जलवायु कार्रवाई, महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास और अन्य क्षेत्रों में आगामी वर्ष के लिए भारत की प्रमुख प्राथमिकताओं पर चर्चा की गई। मीडिया से बातचीत के दौरान भारत की जी-20 अध्यक्षता और विभिन्न कार्य और संबंद्ध समूहों की संरचना के बारे में जानकारी दी गई। कार्य समूहों की प्राथमिकताओं पर भी प्रकाश डाला गया। इस बात पर जोर दिया गया कि कई वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, भारत सभी के लिए एकता की भावना का समर्थन करेगा और अन्य देशों के साथ सामूहिक रूप से इनके समाधान की तलाश करेगा। वैश्विक दक्षिण के लिए एक स्वर के रूप में भारत के दृष्टिकोण पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।

पहले साइड कार्यक्रम में, एसडीजी के कार्यान्वयन में तेजी लाने पर एक पैनल चर्चा हुई। पिछले सात वर्षों से, भारत एसडीजी को अपनाने, इसे लागू और निगरानी करने एवं उप-राष्ट्रीय और स्थानीय वास्तविकताओं के अनुरूप स्थानीयकरण करने में सबसे अग्रणी रहा है, जबकि अभी भी इसके लिए एक लंबा मार्ग तय करना है। भारत के कई प्रोग्रामिंग हस्तक्षेप व्यापक स्तर पर प्रभाव उत्पन्न करने में सफल रहे हैं। भारत के अभिनव दृष्टिकोण, उपकरण और अनुभव जैसे डिजिटल परिवर्तन विशेष रूप से ‘विकास के लिए डेटा’, सिर्फ हरित परिवर्तन, महिलाओं के नेतृत्व में विकास, और एसडीजी के लिए आर्थिक विकास जैसी विभिन्न प्रकार की बेहतर कार्य प्रणालियां और शिक्षण अभ्यास उदाहरण एसडीजी त्वरण के लिए अपनी स्वयं की चुनौतियों का समाधान करने के लिए सहायता प्रदान करते हैं, जिनसे अन्य राष्ट्र लाभान्वित हो सकते हैं। कार्यक्रम में इस विषय पर भी उपयोगी चर्चा हुई कि वर्तमान में कैस्केडिंग और कई संकटों का सामना कर रहे एजेंडा 2030 में ये चार समाधान किस प्रकार से कई बाधाओं को दूर करने में मदद कर सकते हैं। सभी प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए, भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने भारत के इस विश्वास पर जोर दिया कि हर संकट एक अवसर है और यह नेतृत्व संकट के बीच पथ-प्रदर्शक समाधान खोजने से जुड़ा है। उन्होंने एक नए भविष्य को आकार देने के लिए सभी जी-20 शेरपाओं की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी पर भी ध्यान केंद्रित किया। चर्चा के अंत में, पैनल ने निष्कर्ष निकाला कि जी-20 मंच नेतृत्व और वित्तीय संसाधन प्रदान करने और एसडीजी हासिल करने के लिए दुनिया को पुनः मार्ग पर लाने के लिए एक साथ कार्य करने की एक अनूठी स्थिति में है।

जल सांझी कला राजस्थान की एक असाधारण 300 वर्ष पुरानी दुर्लभ कला है जहां कैनवास जल की सतह है। जल सांझी कलाकार श्री राजेश वैष्णव ने सभी मेहमानों को दिखाने और सराहने के लिए कला का एक सुंदर नमूना तैयार किया। प्रसिद्ध संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार विजेता,श्री गाजी खान बरना के नेतृत्व में डेजर्ट म्यूजिक सिम्फनी, जिसमें राजस्थान के लंगा और मांगणियार लोक संगीत दोनों के उस्ताद शामिल थे, ने मेहमानों के लिए एक यादगार प्रदर्शन दिया। कार्यक्रम में लोक संगीत की प्रस्तुति के अलावा कामाइचा, सिंधी सारेंगी, सुरिंडा, अलगोजा, मटका, मुरली, ढोलक, खरताल, भपंग, तंदूर, मोरचंग, मंजीरा जैसे राजस्थानी लोक वाद्य यंत्रों का भी प्रदर्शन किया गया। अपने पारंपरिक स्वरूप की ओर लौटते हुए, डेजर्ट म्यूजिक सिम्फनी का प्रदर्शन विशेष रूप से सम्मानित मेहमानों को राजस्थान की लोक परंपरा में निहित एक व्यापक सांस्कृतिक अनुभव देने के लिए किया गया था। शेरपाओं और प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने पारंपरिक बाजरे के स्नैक बॉक्स और राजस्थानी बंधिनी बैग के भी नमूने लिये।

जी-20 सदस्यों, आमंत्रित देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के शेरपाओं की चार दिवसीय सभा (04-07 दिसंबर 2022) वर्तमान समय के कुछ सबसे अधिक आवश्यक मुद्दों पर महत्वपूर्ण वार्तालाप के लिए मंच तैयार करेगी, जिसमें तकनीकी परिवर्तन, हरित विकास और लाईफ, महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के अलावा एसडीजी के कार्यान्वयन में तेजी लाने और समावेशी एवं लचीले विकास को सुगम बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

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