विश्व में हिन्दुओं का प्रभाव बढ़ रहा है, हम विश्व गुरु की खोयी प्रतिष्ठा पुनः प्राप्त करेंगे : स्वामी विज्ञानानंद

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बैंकॉक,(थाईलैण्ड) 25 नवंबर।विश्व हिन्दू फाउंडेशन के संस्थापक और विश्व हिन्दू कांग्रेस के प्रणेता स्वामी विज्ञानानंद का मानना है कि विश्व में हिन्दुओं का चौतरफ़ा प्रभाव बढ़ रहा हैं।हम जल्द ही अपनी खोयी प्रतिष्ठा विश्व गुरु हासिल करने वाले हैं,इसके लिए हर मोर्चे पर कार्य जारी हैं ।हम हिन्दू धर्म को दुनिया में प्रतिष्ठा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।हम समानांतर तौर पर अर्थव्यवस्था, शिक्षा, अकादमिक, मीडिया,युवा ,महिला और स्वयंसेवी और राजनीतिक क्षेत्र में सामूहिक वैश्विक प्रभाव पैदा करने के लिए गम्भीरतापूर्वक कार्यरत है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) से शिक्षित संन्यासी व विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री स्वामी विज्ञानानंद ने तीसरे वर्ल्ड हिन्दू कांग्रेस के मौके पर यहाँ बातचीत में कहा कि यह हिन्दुओं की महासभा है और इसका मकसद दुनिया में हिन्दुओं का प्रभाव बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि आज के विश्व में हिन्दुओं को प्रतिष्ठा तब तक नहीं मिल सकती है जब तक अर्थव्यवस्था, शिक्षा, अकादमिक, मीडिया,युवा , महिला,प्रशासन और राजनीतिक क्षेत्र में सामूहिक प्रभाव पैदा नहीं होता।हम उन क्षेत्रों में हिंदुओं के समग्र उत्थान के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा कि इस आयोजन से इन क्षेत्रों में विभिन्न देशों, स्थानों पर प्रभावी असर रखने वाले हिन्दू व्यक्तियों को इकट्ठा करके हिन्दू स्वभाव को निर्देशित किया जा रहा है और युवा पीढ़ी एवं महिला शक्ति को फोकस में रखा गया है।  उन्होंने कहा कि विश्व हिन्दू कांग्रेस में दुनिया भर से आए हिंदू इन पहलुओं पर चर्चा करते हैं और आगे की भावी रूपरेखा तय करते हैं। जिससे हिंदुओं के समग्र विकास को एक विशेष गति मिल सके ।
स्वामी विज्ञानानंद ने कहा कि ये पांच पहलू किसी भी समाज को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज के लोग व्यक्तिगत रूप से तो ये कर रहे थे लेकिन सामूहिक रूप से इन मूल मुद्दों पर फोकस नहीं था। पिछले करीब 10 वर्षों से इस पर फोकस किया गया है।
उन्होंने कहा कि इसका फायदा यह हुआ कि पहले हिंदू के नाम से पहचान कम हो गई थी दुनिया में। हिंदू से शुरू हु़आ, फिर हिंदुस्थान हुआ, उससे हिंदुस्तान हो गया, फिर भारतीय हो गया, फिर इंडिया हो गया, इंडिक हो गया। इस रुख को उल्टा किया गया है। अब दुनिया में गर्व से लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि हम हिंदू है। कई देशों के प्रमुख भी खुद को हिंदू कह रहे हैं। ये बहुत बड़ा परिवर्तन है और ये हमारी सफलता है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत सदा से ही हिन्दू राष्ट्र है। लेकिन केवल शब्दों में कहते रहे तो यह खोखला हिन्दू राष्ट्र रह जाएगा। इसके लिए हिन्दू अर्थव्यवस्था, हिन्दू प्रतिरक्षा, हिन्दू कूटनीति, हिन्दू शिक्षा और हिन्दू अकादमिक अनुसंधान एवं विकास को बहुत मजबूत करना है।
एक प्रश्न के उत्तर में स्वामी विज्ञानानंद ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर में रामलला के नवीन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम और वर्ल्ड हिन्दू कांग्रेस के आयोजन में कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि जब दुनिया के 61 देशों की हिन्दू हस्तियां जुटी हैं तो राम मंदिर के उत्सव पर भी चर्चा हो रही है। उनसे कहा गया है कि 22 जनवरी 2024 को वे अपने अपने क्षेत्रों और घरों में भजन कीर्तन और दीपमालिका करें। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधियों को अयोध्या से विशेष रूप से प्रसाद ला कर वितरित किया गया है।
26 नवंबर को ये महासम्मेलन को अल्प विराम देकर अगले पड़ाव की घोषणा की जायेगी ।

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