उत्तर पूर्वी परिषद के पूर्ण अधिवेशन सत्र का दूसरा दिन भविष्य के एक रणनीतिक कार्ययोजना के साथ संपन्न हुआ

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उत्तर पूर्वी परिषद के पूर्ण अधिवेशन सत्र की बैठक 8 अक्टूबर, 2022 को प्रारंभ हुई और केंद्रीय गृह तथा सहकारिता मंत्री एवं उत्तर पूर्वी परिषद के अध्यक्ष श्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक हाई नोट पर संपन्न हुई।

उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास (डीओएनईआर) और पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री तथा उत्तर पूर्वी परिषद के उपाध्यक्ष श्री जी किशन रेड्डी व उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास राज्य मंत्री और उत्तर पूर्वी परिषद के सदस्य श्री बी.एल. वर्मा तथा पूर्वोत्तर राज्यों के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री तथा केंद्र व राज्यों के विभिन्न विभागों से आने वाले सदस्यों ने भाग लिया। सभी प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों को उत्तर पूर्वी परिषद के सचिव श्री के. मोसेस चलई द्वारा सम्मानित किया गया।

उत्तर पूर्वी क्षेत्र के राज्यों के माननीय राज्यपालों ने अपने सुझाव प्रस्तुत किये तथा अपनी प्रतिक्रियाएं सबके समक्ष रखीं, जो उत्तर पूर्वी क्षेत्र में विकास के गतिविधियों को और तेज करेंगी।

उत्तर पूर्वी क्षेत्र के माननीय मुख्यमंत्रियों तथा उपमुख्यमंत्रियों ने भी पूर्ण सत्र में भाग लिया और राष्ट्र के सामूहिक विकास एवं समृद्धि के लिए केंद्र व राज्यों के बीच साझेदारी को आगे बढ़ाने पर बल दिया।

आज दूसरे दिन की बैठक जनवरी, 2021 में आयोजित हुई 69वीं पूर्ण बैठक की कार्यवाही और उसमें निर्धारित लक्ष्यों की दिशा में की गई कार्रवाई पर आधारित रिपोर्ट की तालिका तथा पूर्वोत्तर राज्यों में वनीकरण की प्रगति पर रिपोर्ट की पुष्टि पर केंद्रित थी।

पूर्ण अधिवेशन बैठक में उत्तर पूर्वी क्षेत्र में चल रही विभिन्न सामाजिक और विकासात्मक परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई। भविष्य का रणनीतिक रोडमैप बनाने के लिए राज्य सरकारें और केंद्रीय मंत्रालय एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय के सचिव श्री लोक रंजन ने अधिवेशन के पहले दिन साझा किए गए विचारों, बैठक  की प्रमुख बातों और चर्चाओं का उल्लेख किया। इनमें निम्नलिखित बिंदु शामिल हैं:

1. विकास इंजन के रूप में उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लिए दृष्टिकोण एवं रणनीति।

2. अपने-अपने राज्यों की ‘प्राथमिकताओं और सफलता की गाथाओं’ पर प्रस्तुतियां तथा ‘टेलीकॉम, ब्रॉडबैंड एवं इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए प्राथमिक क्षेत्र के विकास और पर्यटन बढ़ाने हेतु क्षेत्रीय योजना’ जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श किया गया।

3. आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को पूरा करने की दृष्टि से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र और स्वयं सहायता समूहों, कृषि, बागवानी तथा अन्य उद्योगों को सशक्त बनाना।

4. शिक्षा एवं स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में गैर सरकारी संगठनों व निजी हितधारकों के बीच सहयोग।

उत्तर पूर्वी परिषद के सचिव श्री के. मोसेस चलई ने कहा कि इस परिषद ने 50 वर्ष पूरे कर लिए हैं और उत्तर पूर्वी क्षेत्र में स्वर्ण जयंती समारोह का प्रस्ताव रखा गया है।

इस अवसर पर श्री जी किशन रेड्डी ने अपने संबोधन में कहा कि पूर्वोत्तर भारत का विकास हमारे देश की तरक्की के लिए अति महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि चाहे रेलवे हो, रोडवेज हो, जलमार्ग, वायुमार्ग या फिर दूरसंचार क्षेत्र हो, उत्तर पूर्व भारत हर तरह से विकसित हो रहा है। श्री रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत सरकार ने हर मोर्चे पर उत्तर पूर्व भारत के विकास को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि नागरिकों और शासन के बीच की दूरी को पाटने के लिए केंद्रीय मंत्रिपरिषद नियमित रूप से उत्तर पूर्वी क्षेत्र का दौरा करती रही है। श्री रेड्डी ने कहा कि सभी हितधारक इस विकास यात्रा में केंद्र और राज्यों के साथ मिलकर कार्य करेंगे तथा उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय, पूर्वोत्तर के विकास के लिए हर प्रयास में उनका सहयोग करेगा।

माननीय गणमान्य व्यक्तियों ने उत्तर पूर्व भारत के युवा प्रतिभाशाली युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के सफल विद्यार्थियों को उत्तर पूर्वी परिषद नेताजी पुरस्कारों से सम्मानित किया।

इस अवसर पर गृह मंत्री श्री अमित शाह ने एनईएचएचडीसी मोबाइल एप्लिकेशन को लॉन्च किया, जो पूर्वोत्तर भारत के कारीगरों तथा बुनकरों को समर्पित है। इस मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से उत्तर पूर्वी हस्तशिल्प और हथकरघा विकास निगम कारीगरों व बुनकरों को ऑनलाइन पंजीकृत कर सकता है तथा उनका प्रामाणिक डाटा इकठ्ठा कर सकता है। यह एप्लिकेशन विशेष रूप से तैयार किए गए ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान करेगा और शिकायतों के निवारण में भी सहायता करेगा। इसके जरिये कारीगरों तथा बुनकरों को महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं, पहल और आगामी कार्यक्रमों से अवगत कराया जाएगा।

माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में, सरकार ने पिछले 8 वर्षों में पूर्वोत्तर में शांति सुनिश्चित करने और संपर्क सुविधा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण के साथ कार्य किया है। इस क्षेत्र में विशेष उपाय किए जा रहे हैं, जिससे कि केंद्र द्वारा शुरू की गई पहल, योजनाएं या सेवाएं उत्तर पूर्वी भारत के अंतिम नागरिकों तक भी पहुंचे। उन्होंने पूर्वोत्तर के सभी 8 राज्यों के हितधारकों एवं भागीदारों को आश्वासन दिया कि उत्तर पूर्वी भारत के अंतिम नागरिकों तक विभिन्न योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए उनके सुझाव और फीडबैक लिए जाएंगे। उत्तर पूर्वी अंतरिक्ष उपयोग केंद्र-एनईएसएसी का उल्लेख करते हुए श्री अमित शाह ने पूर्वोत्तर भारत के विकास में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया क्योंकि पर्यटन, कृषि, संचार जैसे प्रमुख क्षेत्रों को अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलेगा।

सत्र का समापन करते हुए उत्तर पूर्वी परिषद के योजना सलाहकार श्री सी.एच. खरसिंग ने सभी प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों को धन्यवाद प्रस्ताव दिया।

“भारत को तभी लाभ होगा, जब उत्तर पूर्व क्षेत्र को फायदा होगा। ये भारत के भाग्य को बदलने की अष्ट लक्ष्मी है: माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के इस दृष्टिकोण के साथ, उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय देश के 8 पूर्वोत्तर राज्यों ‘#अष्टलक्ष्मी’ की असीमित क्षमता को बढ़ाने की दिशा में सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है।

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