मोदी सरकार के तहत लद्दाख में तेजी से विकास हुआ है: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह

एलएएचडीसी-कारगिल के पार्षद स्टैनज़िन लाकपा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने डॉ. जितेंद्र सिंह से की मुलाकात

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नई दिल्ली,16 जनवरी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लद्दाख में तेजी से विकास हुआ है, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, जब लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद (एलएएचडीसी)-कारगिल के पार्षद स्टैनज़िन लाकपा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की।

उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने लद्दाख के विकास और बौद्धों और आदिवासियों सहित स्थानीय आबादी के कल्याण को उच्च प्राथमिकता दी है।

प्रतिनिधिमंडल ने अक्टूबर 2019 में यूटी का दर्जा दिए जाने के बाद से पर्वतीय क्षेत्र के तेजी से विकास के लिए पीएम मोदी के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, हालांकि पहली बार लद्दाख प्रतिनिधिमंडल ने 1949 में सुदूर क्षेत्र के लिए अलग केंद्र शासित प्रदेश के दर्जे की माँग को लेकर तत्कालीन प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू से मुलाकात की थी लेकिन सात दशक बाद पीएम मोदी के आने पर ही यह सपना पूरा हुआ।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, पिछली सरकारों के कारण केंद्र शासित प्रदेश को दशकों तक उपेक्षा और वनवास का सामना करना पड़ा, इसके विपरीत पीएम मोदी लद्दाख को सर्वोच्च प्राथमिकता और ध्यान देते हैं। उन्होंने कहा, मोदी सरकार के तहत पहली बार लद्दाख को एक विश्वविद्यालय, होटल प्रबंधन संस्थान और पेशेवर कॉलेज की अनुमति दी गई है।

पीएम मोदी द्वारा लद्दाख के लिए घोषित “कार्बन न्यूट्रल” कार्य योजना का उल्लेख करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, लद्दाख के लिए 50 करोड़ रुपये के विशेष विकास पैकेज के साथ, पहली बार कोई केंद्र सरकार क्षेत्र के लिए विभिन्न परियोजनाओं के वित्तपोषण में इतनी उदार रही है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा के संचालन के लिए लेह में एक विशेष परीक्षा केंद्र स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा, “यह न केवल एक महत्वपूर्ण शासन सुधार है बल्कि पिछड़े और दूर-दराज इलाकों में रहने वाले नौकरी के इच्छुक युवाओं के लिए एक बड़ा सामाजिक सुधार है।”

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, लद्दाख में जल्द ही चांगथांग वन्यजीव अभयारण्य के एक हिस्से के रूप में पूर्वी लद्दाख के हानले गांव में नाइट स्काई रिजर्व में दक्षिण पूर्व एशिया का पहला नाइट स्काई अभयारण्य होगा। उन्होंने कहा, यह भारत में खगोल-पर्यटन को बढ़ावा देगा और ऑप्टिकल, इंफ्रा-रेड और गामा-रे दूरबीनों के लिए दुनिया के सबसे ऊंचे स्थानों में से एक होगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सीएसआईआर “लेह बेरी’ को बढ़ावा दे रहा है, जो ठंडे रेगिस्तान का एक विशेष खाद्य उत्पाद है। मई 2018 में पीएम मोदी की लद्दाख यात्रा का जिक्र करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सीबकथॉर्न की व्यापक खेती की सलाह दी है, जो “लेह बेरी” का स्रोत है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि 15,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर तीन औषधीय पौधों की व्यावसायिक खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इसमें “संजीवनी बूटी” शामिल है, जिसे स्थानीय रूप से “सोला” के नाम से जाना जाता है, जिसमें जीवन रक्षक और चिकित्सीय गुण बहुत अधिक हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि परमाणु ऊर्जा विभाग फलों और सब्जियों के संरक्षण/शेल्फ-लाइफ विस्तार के लिए गामा विकिरण प्रौद्योगिकी के लिए केंद्र शासित प्रदेश में सुविधाएं स्थापित करेगा। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि लद्दाख से खुबानी का निर्यात अब दुबई और अन्य विदेशी स्थानों पर किया जा रहा है।

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