राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान के शताब्दी वर्ष समारोह का केंद्रीय कृषि मंत्री ने किया उद्घाटन

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अपने शताब्दी वर्ष में राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान को 100 गांव गोद लेकर पशुपालन विकास करना चाहिए – श्री नरेंद्र सिंह तोमर

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई), करनाल (हरियाणा) के शताब्दी वर्ष समारोह का उद्घाटन किया। इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा कि अधिकांश कृषि उत्पादों के मामले में दुनिया में भारत पहले क्रम पर है, वहीं इस स्थिति में उत्पादों की गुणवत्ता बनाए रखना और भी आवश्यक है।

“दुग्ध उत्पादन की दृष्टि से भी भारत आज विश्व में अग्रणी अवस्था में है लेकिन हमें आगे भी निरंतर काम करते रहने की जरूरत है। इस बड़ी उपलब्धि में किसानों के परिश्रम व वैज्ञानिकों के अनुसंधान का अभूतपूर्व योगदान रहा है। आज हमारे देश में सभी प्रकार के साधन और ज्ञान-विज्ञान उपलब्ध है, ऐसे में आगे की प्रगति शीघ्रता से होना चाहिए, दस वर्ष का एक लक्ष्य रखा जाना चाहिए और समस्याओं का समाधान निरंतरता में किया जाना चाहिए,” उन्होंने कहा।

एनडीआरआई के सभागार में संकायों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों व किसानों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में सिर्फ फसलों को नहीं, बल्कि पशुपालन को भी समान महत्ता के साथ देखना होगा, जो हमारी संस्कृति का अंग रहा है।

“पशुपालन के क्षेत्र में भी शोध का महत्व कृषि जितना ही है, इसीलिए एनडीआरआई की स्थापना की गई थी। जिस प्रकार कृषि में अनुसंधान करने वाले हमारे वैज्ञानिकों ने सफलतम कोशिश की है, उसी प्रकार पशुपालन संबंधी वैज्ञानिकों ने भी अनेक अनुसंधान किए हैं, जिनका प्रतिफल आज देश को मिल रहा है,” उन्होंने कहा।

श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश की आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर कार्यक्रमों को जनकल्याण के लिए समर्पित किया है, जिसका एक उदाहरण है अमृत सरोवर (तालाब)।

“पीएम के आह्वान पर देश के हर जिले में 75-75 अमृत सरोवर बनाए जा रहे हैं। इसी तरह, श्री मोदी ने योग की महत्ता को पूरे विश्व में प्रचारित-प्रसारित किया, परिणामस्वरूप हर 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाना शुरू किया गया और इस साल केंद्र सरकार के 75 मंत्री, आध्यात्मिक व ऐतिहासिक महत्व के हमारे देश के 75 चिन्हित स्थानों पर योग दिवस मनाने गए,” उन्होंने कहा।

श्री तोमर ने कहा कि वर्ष 1923 में स्थापित, एनडीआरआई शिक्षण, अनुसंधान, विस्तार शिक्षा में अग्रणी संस्थान बन गया है। उन्होंने कहा कि एनडीआरआई ऐसा संस्थान है, जिसकी अनेकानेक उपलब्धियों के कारण यह अतुलनीय है। श्री तोमर ने एनडीआरआई के शताब्दी वर्ष के दौरान कार्यक्रमों के लिए आईसीएआर को पूर्ण सहयोग देने को कहा। उन्होंने कहा कि सौवें वर्ष में एनडीआरआई को देश के 100 गांव गोद लेकर पशुपालन विकास करना चाहिए, फिर ये गांव आसपास सकारात्मक प्रसार करेंगे।

श्री तोमर ने एनडीआरआई के शताब्दी लोगो तथा उपलब्धियों पर पुस्तक व अन्य पुस्तकों का विमोचन किया व सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी, अनुसंधान प्रभाग, समर्थन अनुभाग, प्रशासन व वित्त अनुभाग पुरस्कार प्रदान किए। कार्यक्रम में डेयर के सचिव व आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र वर्चुअल जुड़े और उद्बोधन में एनडीआरआई टीम को बधाई दी। एनडीआरआई के निदेशक डॉ. एम.एस. चौहान सहित अन्य अधिकारी, विद्यार्थी व किसान भी शामिल हुए।

इससे पहले, श्री तोमर ने गणमान्य व्यक्तियों के साथ मिलकर पौधरोपण किया व ऑक्सीजन पार्क का उद्घाटन तथा पशुधन अनुसंधान केंद्र, पशु जैव प्रौद्योगिकी केंद्र और रेफरल प्रयोगशाला का अवलोकन किया एवं संस्थान की 100 साल की उपलब्धियों पर आधारित शताब्दी स्मारक स्तंभ का उद्घाटन किया।

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