8वां वैश्विक औषध गुणवत्ता सम्मेलन में भारतीय टीकों की गुणवत्ता पर विश्वव्यापी चर्चा की प्रशंसा की केंद्र मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया

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नई दिल्ली, 24जून।रसायन और उर्वरक तथा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा है कि भारत ने कोविड काल में दुनिया को स्तरीय दवाओं और टीकों की निर्बाध आपूर्ति कर विश्व समुदाय के लिए औषधालय की भूमिका निभाई है। कल मुंबई में 8वें वैश्विक औषध गुणवत्ता शिखर सम्मेलन में उन्होंने कहा कि भारतीय औषध उद्योग ने गुणवत्ता और मात्रा— दोनों की दृष्टि से अपनी सक्षमता सिद्ध की है।  मांडविया ने कहा कि कोविड के दौरान भारत ने अपने लिए तो टीका विकसित किया ही, डेढ सौ अन्य देशों को टीके उपलब्‍ध कराए और किसी भी देश ने भारतीय टीकों की गुणवत्ता को लेकर कोई शिकायत नहीं की है। मांडविया ने कहा कि दुनिया चाहती है कि भारत दवाओं और टीकों का निर्माण करें और हमें अपनी ब्रांड शक्ति और जनशक्ति का उपयोग कर इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता, अनुसंधान एवं विकास और नवाचार समय की मांग है।8वां वैश्विक औषध गुणवत्ता सम्मेलन कल सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। दो दिन के इस सम्मेलन में दवा निर्माण से जुड़ी प्रमुख हस्तियों, नियामकों और विशेषज्ञों ने रोगियों को ध्यान में रखते हुए भारत में दवा निर्माण को नया रूप देने पर चर्चा की।

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