जनपथ में ‘विशेष हथकरघा और हस्तशिल्प प्रदर्शनी’ में 11 राज्यों के 12 बुनकर और 13 कारीगर भाग ले रहे हैं
केन्द्र हथकरघा और हस्तशिल्प कारीगरों के लिए प्रतिबद्ध : वस्त्र सचिव
11 राज्यों के 12 बुनकर और 13 कारीगर ‘स्पेशल हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट एक्सपो’ में भाग ले रहे हैं, जिसका उद्घाटन आज यहां वस्त्र सचिव सुश्री रचना शाह ने किया।
मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए, वस्त्र सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि भारत सरकार अपनी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से हथकरघा और हस्तशिल्प कारीगरों के साथ लगातार काम कर रही है। बेहतर विपणन, कच्चा माल प्राप्त करने, उन्नत डिजाइनिंग तकनीक और अन्य के लिए उन्हें सहायता प्रदान की जा रही है।
दूसरे जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर, यह प्रदर्शनी हथकरघा बुनकरों और कारीगरों को सीधी पहुंच प्रदान करने और अपने उत्पादों का उपभोक्ताओं को विपणन करने के लिए राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम (एनएचडीसी) लिमिटेड के माध्यम से भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के हथकरघा और हस्तशिल्प विकास आयुक्त के कार्यालय की एक पहल है। प्रदर्शनी बुनकरों/कारीगरों और उपभोक्ताओं के बीच तालमेल बिठाती है।
हथकरघा हाट, जनपथ में सप्ताह भर चलने वाली प्रदर्शनी का समापन 21 नवम्बर, 2022 को होगा। प्रदर्शनी सभी सात दिन सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक जनता के लिए खुली रहेगी।
हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र हमारे देश की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। भारत के हथकरघा क्षेत्र में 31 लाख और भारत के हस्तशिल्प क्षेत्र में 30 लाख से अधिक लोग कार्यरत हैं, जो देश में कृषि क्षेत्र के बाद दूसरे स्थान पर है।
हथकरघा और हस्तशिल्प से पारंपरिक मूल्य जुड़े हुए हैं और प्रत्येक क्षेत्र में उत्कृष्ट किस्में हैं। पश्मीना शॉल, टस्सर साड़ी, नागा शॉल, कोटपाड साड़ी, मधुबनी पेंटिंग, वर्ली पेंटिंग, आर्ट मेटल वेयर आदि जैसे विशिष्ट उत्पाद और बुनाई, डिजाइन और परम्परागत डिजाइन दुनिया भर के ग्राहकों को आकर्षित करते हैं।
भारत सरकार ने उत्पादों की विशिष्टता को उजागर करने के अलावा उत्पादों को प्रोत्साहित करने और उन्हें एक अलग पहचान देने के लिए दोष रहित और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाने वाले उच्च गुणवत्ता के उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं। यह खरीदार को इस बात की गारंटी भी देता है कि खरीदा जा रहा उत्पाद वास्तव में दस्तकारी है। प्रदर्शनी में सभी को अपने उत्पाद प्रदर्शित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है और इसका उद्देश्य हथकरघा और हस्तशिल्प समुदाय की कमाई बढ़ाना है।
भारत के कुछ आकर्षक स्थानों में तैयार हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पाद प्रदर्शनी में प्रदर्शित करने और बिक्री के लिए रखे गए हैं। एक संक्षिप्त सूची नीचे दी गई है: –
. अरुणाचल प्रदेश | गाल (पारंपरिक महिलाओं का परिधान), गलुक (वेस्टकोट) पारंपरिक शॉल, मफलर |
. असम | एरी सिल्क, मुगा, कॉटन ड्रेस सामग्री |
· बिहार | मधुबनी पेंटिंग |
· छत्तीसगढ़ | आर्ट मेटल वेयर |
. जम्मू | पश्मीना शॉल, स्टोल, मफलर |
. झारखंड | टस्सर साड़ी, घीचा कपड़ा, ड्रेस सामग्री |
· मध्य प्रदेश | हाथ की चित्रकारी आइटम |
. मणिपुर | नागा शॉल, महिलाओं के रैपर, नागा टेक्सटाइल फैब्रिक |
· महाराष्ट्र | वर्ली पेंटिंग |
· ओडिशा | कोटपैड साड़ी, ड्रेस सामग्री, आभूषण |
. राजस्थान | आनवा साड़ी, ब्लॉक प्रिंट, कढ़ाई, क्रॉच |